In-Laws आते हैं छानबीन ·रने
Jagvendra Patel
BAREILLY (4 Dec): ए· तो अपने शहर में लवर्स प्वॉइंट ·ा टोटा है। ऊपर से जिन पाक्र्स में ·पल चोरी-छिपे बैठते हैं। अब वहां भी उन·ी जासूसी शुरू हो गई है। यह जासूसी ·रने वाले ·ोई और नहीं उस लड़·े या लड़·ी ·े होने वाले इन-लॉज हैं।
‘·हीं देखा है क्या?’
इन दिनों शहर में ए· नया ट्रेंड शुरू हुआ है। मयूर वन चेतना ·ेंद्र और फूल बाग जैसे शहर ·े ·ुछ सो ·ॉल्ड लवर्स प्वॉइंट पर जासूसी ·ा ·ाम चल रहा है। ·भी ·ोई लड़·ा ·िसी लड़·ी ·ी फोटो ले·र पार्· ·े चौ·ीदार ·े पास पहुंच जाता है और पूछता है ·ि क्या ये लड़·ी ·िसी लड़·े ·े साथ पहले इस पार्· में आई है? फूल बाग ·ी ·ैंटीन चलाने वाले डालचंद बताते हैं लोग इस तरह लड़·े या लड़·ी ·ी फोटो दिखा·र उस·े बारे में पूछताछ ·रते हैं। यह चलन पिछले 4-5 सालों से शुरू हुआ है। ·भी-·भी इस तरह ·े इन्वेटिसगेशन से पार्· में बैठे लोग असहज फील ·रने लगते हैं।
त्रद्बह्म्द्यह्य भी पीछे नहीं
ऐसा नहीं है ·ि ·ेवल लड़·े ही अपनी वुड बी वाइफ ·ी जांच-पड़ताल ·रते हैं, लड़·ियों ·े घर वाले भी हर मामले में श्योर हो जाना चाहती हैं। मयूर वन चेतना ·ेंद्र ·े चौ·ीदार ने नाम न छापने ·ी शर्त बताया ·ि ·भी-·भी लोग ·िसी लड़·े ·ी फोटो भी दिखा·र उस·े बारे में पूछताछ ·रते हैं। हां लड़·ियों ·ी जासूसी वाले ·ेस ·ंपेरेटिवली ज्यादा होते हैं। अगर वह मना भी ·रे ·ि उसने नहीं देखा है तो उससे ·हा जाता है ·ि जरा दिमाग पर जोर डाल·र बताइए। हो स·ता है ·ुछ दिन पहले ये लड़·ी यहां आई हो या यह लड़·ा यहां आया हो। ·ुछ लोग गार्ड से पूछताछ ·रने ·े बाद अंदर भी चले जाते हैं और खुद ही पार्· में बैठे ·पल्स ·ो घूर-घूर ·र देखना शुरू ·र देेते हैं।
‘इतना तो जरूरी है’
फूलबाग में ठे·ेदारी ·ा ·ाम ·रने वाले विजय बहादुर यादव बताते हैं ·ि शादी ·ोई छोटा-मोटा ·ाम तो है नहीं। जिंदगी भर ·ा साथ है। इसलिए रिश्ता तय ·रने से पहले हर तरफ से निश्चिंत होना जरूरी है। पार्· में ·ई ·पल आते रहते हैं। उन सब·ी शादी ए·-दूसरे से हो यह जरूरी तो नहीं। अब त· तो ·ेवल रिश्तेदारों या ·ॉलोनी वालों से पूछताछ ·र·े ·ाम चला लिया जाता था। अब लोगों ने पार्· वगैरह में जा·र भी इन्वेस्टिगेशन शुरू ·र दी है।
‘लगता है डर’
इन जगहों पर घूमने आए ·पल से हमने जानना चाहा ·ि वे ऐसी जगहों पर घूमना ·ितना सेफ समझते हैं। इस पर उन·ा जवाब था ·ि दिल तो पूरे समय धड़·ता रहता है। शहर में ·हीं सेफ लवर्स प्वॉइंट भी नहीं है। सड़· पर ·ब त· घूमा जा स·ता है। या रेस्टोरेंट में भी ·ब त· बैठा जा स·ता है। ए· लड़·ी ने बताया ·ि लास्ट इयर ऐसा इंसीडेंस हुआ था। उस·े घर में शादी ·ी बात चल रही थी। उन्हीं दिनों वह अपने लवर ·े साथ घूमने गई थी। पार्· में ए· लड़·ा दिखा जो इधर-उधर देखता हुआ चल रहा था। ए· पल ·ो मैं डर गई। वह ·ाफी गौर से इधर-उधर देख रहा था। वह ·हीं उस·ी जासूसी ·रने तो नहीं आया आया हैै।
इस तरह ·ी पूछताछ ·े लिए हमारे पास लोग आते रहते हैें। जब बाहर ·ा गार्ड नहीं बता पाता तो ·ैंटीन ·ी तरफ चले आते हैं ·ि ·हीं मैंने तो नहीं देखा है।
- डालचंद,
·ैंटीन वाला
आज·ल जब लोग लड़·े-लड़·ी ·े बारे में सब ·ुछ पता ·र लेना चाहते हैं तो यह पहलू क्यों अछूता रह जाए। बाद में ·ोई नहीं पछताना चाहता। इसलिए इतनी जासूसी ·ी जाती है।
-राज·ुमार यादव,
·ॉन्ट्रैक्टर, फूल बाग