-गोपनीय रूम में मार्क्स चार्ट पर एंट्री फीड करते मिला कर्मचारी का बेटा
-आरयू के अंर्तगत आने वाले सभी कालेजेज का गोपनीय डिपार्टमेंट में होता है रिकॉर्ड
BAREILLY : आरयू में उत्तरपुस्तिकाओं के गलत मूल्यांकन किए जाने का मामला तूल पकड़े है, तो वहीं गोपनीय विभाग गैर कानूनी कारिंदों के शिकंजे में है। अनधिकृत व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी के बाबू और चपरासियों के बेटे हैं। इसका खुलासा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के स्टिंग में हुआ, जब स्टूडेंट बने रिपोर्टर ने गोपनीय विभाग में एंट्री की।
रुपए दो बढ़ जाएंगे मार्क्स
गोपनीय विभाग में रिपोर्टर के घुसते ही टेबल पर बैठा एक युवक हड़बड़ा गया। वह मार्क्स के चार्ट रजिस्टर में कुछ फिडिंग कर रहा था। रिपोर्टर ने अपना परिचय बतौर स्टूडेंट दिया और बताया कि उसके मार्क्स कम आए हैं, उसे बढ़वाना है। यह बात सुनकर युवक ने रिपोर्टर को बाहर निकलने के लिए कहा। पीछे-पीछे खुद भी बाहर आ गया और हाथ से रुपए का इशारा करते हुए कहा कि यहां सब कुछ हो जाता है। कुरेदने पर उसने कहा कि वह यहां कर्मचारी नहीं है, उसके पिता नामांकन विभाग में काम करते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के पास चार्ट रूम की वीडियो रिकार्डिग भी है।
20 चार्ट किया कम्प्लीट
बातचीत के दौरान ही युवक ने किसी व्यक्ति को फोन लगाया और कहा कि उसने 20 चार्ट कम्प्लीट कर दिया है। इससे जाहिर हो गया कि युवक रजिस्टर में किसी के कहने पर फीडिंग का काम करता है। कैम्पस में इस बात की चर्चा भी है कि गोपनीय विभाग में बाहरी लोग ऑफिस वर्क कर रहे हैं। वहीं सूत्रों के हवाले से भी जानकारी मिली है कि आरयू में रुपए लेन-देन का भी खेल खुलेआम चल रहा है। फिलहाल अब इस तरह गोपनीय रूम में अनधिकृत व्यक्ति के हाथ में मार्क्स की चार्ट होना पूरे गोपनीय डिपार्टमेंट की सिक्योरिटी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
गोपनीय डिपार्टमेंट के काम
-मूल्यांकन से आने वाले मार्क्स की लिस्ट मौजूद रहती है
- मूल्यांकन केन्द्र से आए मार्क्स की लिस्ट से चार्ट बनाना
-मूल्यांकन केन्द्र की लिस्ट और चार्ट को रि-चेक करना
-रि-चेक के बाद मार्क्स कम्प्यूटर रूम में मार्क्सशीट तैयार कराने को भेजना
-गोपनीय रूम में पुराना रिकॉर्ड भी कई वर्षो का रहता है मौजूद
इन सवालों के चाहिए जवाब
-गोपनीय विभाग में कर्मचारी का बेटा रजिस्टर में फिडिंग कैसे कर रहा था।
-क्या किसी कर्मचारी का बेटा गोपनीय विभाग में अनधिकृत तौर पर काम कर सकता है
-रजिस्टर में यदि वह कोई फेरबदल कर दे तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा
-अगर कर्मचारी का बेटा अधिकृत था तो वह चार्ट रूम से अजनबी को देखकर भागने क्यों लगा
- कर्मचारी ने बेटे को क्या धन उगाही करने के लिए लगा रखा है, जो रिपोर्टर को ही स्टूडेंट समझ रुपए की सेटिंग करने लगा।
गोपनीय विभाग में कर्मचारी के बेटे की एंट्री गंभीर मामला है। रजिस्टर में फिडिंग का उसे कोई अधिकार नहीं है। मैं जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करूंगा।
प्रो। अनिल शुक्ला, आरयू वीसी
इस तरह की शिकायतें मुझे भी सुनने को मिली थी। अभी दो दिन पहले परीक्षा नियंत्रक का पद संभाला है। मामले को समझता हूं गोपनीय विभाग में अनधिकृत व्यक्ति की एंट्री नहीं होने दी जाएगी।
प्रो। एनएन पाण्डेय, आरयू परीक्षा नियंत्रक
मूल्यांकन प्रक्रिया पर भी उठ चुके हैं सवाल
ज्ञात हो आरयू में इस बार बीएससी और एमएससी का रिजल्ट में अधिक स्टूडेंट्स फेल हो गए थे। जिसके बाद फेल स्टूडेंट्स ने आरयू की मूल्यांकन प्रक्रिया पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोबारा मूल्यांकन कराने के लिए 12 जून को जमकर प्रदर्शन किया था। स्टूडेंट्स के साथ छात्र नेता भी थे। स्टूडेंट्स ने इसके लिए वीसी को भी ज्ञापन दिया, जिस पर वीसी ने समाधान निकलाने की बात कही है।
फैक्ट फाइल
512-कॉलेज आरयू से संबद्ध
7-डिस्ट्रिक्ट में हैं आरयू के कालेज
5-लाख स्टूडेंट्स आरयू के कालेजेज में करते हैं पढ़ाई
88-प्रतिशत बीएससी फर्स्ट और सेकंड ईयर में फेल हुए थे स्टूडेंट्स
72-प्रतिशत बीएससी फाइनल में फेल हुए थे स्टूडेंट्स
50 प्रतिशत एमएससी फाइनल मैथ्स में हुए थे फेल
78- प्रतिशत एमएससी फाइनल केमिस्ट्री में हुए थे फेल
बढ़ा जाएगा मार्क्सशीट में नंबर
रिपोर्टर: क्या नाम है आपका.
अनिल: क्यों आपको क्या करना गोपनीय रूम से बाहर निकलो, अंदर कैसे आ गए।
रिपोर्टर: मुझे मार्क्स शीट ठीक करानी है। मार्क्स कम आए हैं।
अनिल: क्या मार्क्स बढ़वाने हैं।
रिपोर्टर: हां मुझे क्या करना होगा।
अनिल: हाथ से रुपए का इशारा किया बोला सब कुछ हो जाएगा।
रिपोर्टर:अभी पैसे तो नहीं लाएं है।
अनिल: तो अगले दिन आ जाना।
रिपोर्टर: आप कौन से रूम में मिलोगे।
अनिल: मैं तो यहीं गोपनीय की तरफ मिल जाऊंगा, कल आना है तो जाओ यहां से।