कैंसर डे स्पेशल
मुंह-नाक-गले का कैंसर बरेली में सबसे ज्यादा, तंबाकू-स्मोकिंग की लत जिम्मेदार
10 साल में दूसरे नं। पर महिलाओं में बच्चेदानी-ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा
लक्षण पहचानने की अवेयरनेस और तुरंत इलाज से 90 फीसदी मामलों में जिंदगी सलामत
BAREILLY: मेडिकल साइंस के कामयाबी के आसमान पर पहुंचने के बावजूद कैंसर का मर्ज अब भी मौत का खौफ बना हुआ है। इस जानलेवा मर्ज ने अपने खिलाफ कारगर इलाज की सुविधा शुरू होने के बाद भी घुटने नहीं टेके हैं। बेहतर इलाज और असरदार दवाओं के मुहैया होने पर इस मर्ज ने अब अधेड़ व बूढ़ों के अलावा युवाओं के खिलाफ अपनी घेराबंदी कस दी है। खासकर बरेली में इस जानलेवा बीमारी ने तेजी से युवाओं को भी अपनी जद में लेना शुरू कर दिया है। युवाओं में बढ़ती नशे की लत ने इस बीमारी को पैर पसारने का मौका दिया है। ब् फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे के मौके पर एक रिपोर्ट।
तंबाकू की लत बन रही जानलेवा
बरेली के पुराने व अनुभवी कैंसर एक्सपर्ट के मुताबिक बरेली में सबसे ज्यादा मुंह-नाक-गला कैंसर के केसेज पाए जा रहे हैं। जिसकी सबसे बड़ी वजह बरेली में लोगों की गुटखा-पान मसाला-खैनी और स्मोकिंग की लत है। तंबाकू के यूज की लगातार बढ़ती लत ने बरेली में मुंह व गले के कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज बनाए हैं। युवाओं में तंबाकू के बढ़ते इस्तेमाल ने तस्वीर और भयानक कर दी है। जिसके चलते ब्भ्-म्0 एजग्रुप में होने वाली यह बीमारी अब ख्0 से ख्भ् साल के युवाओं में भी देखने को मिल रही है।
महिलाओं में भी बढ़ा खतरा
बरेली में युवाओं के बाद दूसरे नम्बर पर महिलाएं हैं जो कैंसर के डंक से जूझ रही हैं। बरेली में महिलाओं में सर्वाइकल या बच्चेदानी और ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा मिल रहे हैं। अमूमन ब्0-म्0 एजग्रुप की महिलाओं में ही सर्वाइकल कैंसर के मामले देखने को मिलते थे। लेकिन बीते म्-7 साल में फ्0 साल की महिलाओं में इस बीमारी के लक्षण मिले। वहीं ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में भी तेजी आ गई। वर्किंग विमेन में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा पाए गए हैं।
गांव में सर्वाइकल, शहर में ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा
कैंसर की चपेट में आ रही बरेली की महिलाओं में एक चौंकाने वाला फैक्ट सामने निकलकर आया है। कैंसर एक्सपर्ट के मुताबिक गांव-कस्बे की महिलाओं में बच्चेदानी के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा मिल रहे हैं। वजह अवेयरनेस न होने से गांवों में औरतों को आज भी कई बच्चों की मां बनना पड़ता है। इस प्रोसेस में उनके गर्भाशय पर होने वाले घाव सर्वाइकल कैंसर की वजह बन रहे हैं। वहीं शहरी इलाकों में महिलाओं में बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कम कराने की आदत और देरी से शादी ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामलों की वजहें बन रही।
समय पर पहचान से बचेगी जान
बेहद गंभीर व जानलेवा मर्ज के तौर पर लोगों में अपना डर बनाने वाले कैंसर की समय रहते पहचान से जान बच सकती है। कैंसर एक्सपर्ट ने बताया कि कैंसर से बचने के दो अहम बातें हैं। पहला इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों को समय रहते ही पहचान लेना। दूसरा बिना देरी तुरंत इस मर्ज का इलाज शुरू करा देना। शुरुआती स्टेज में कैंसर की पहचान करने से इस जानलेवा बीमारी से मरीज को बचाने के चांसेज 90 फीसदी तक होते हैं। इलाज में ख्-फ् महीने की देरी भी मरीज की जान पर भारी पड़ जाती है।
यह हैं कैंसर के आम लक्षण
- शरीर में कहीं भी कोई ऐसा घाव जो भर न रहा हो।
- ब्रेस्ट में या फिर शरीर में कहीं भी कोई गांठ होना।
- असामान्य रूप से किसी घाव से खून या मवाद का लगातार बहना।
- शरीर के तिल या मस्से में अचानक बदलाव होना।
- खाना निगलने में तकलीफ होना, बदहजमी होना।
- आवाज का अचानक भारी होना या लगातार खांसी होना।
- आंतों की आदतों में अचानक असामान्य बदलाव होना।
- मुंह के अंदर सफेद या लाल रंग का दाग-धब्बा होना।
नोट- क्भ् दिन से ज्यादा समय तक इन लक्षणों के बने रहने पर तुरंत कैंसर एक्सपर्ट को दिखाएं।
बरेली में तंबाकू की लत के चलते युवाओं में कैंसर के मामलों में तेजी आई है। वहीं महिलाओं में भी सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर के केसेज बढ़े हैं। कैंसर से बचने के लिए लोगों को अवेयर होना होगा। थोड़ी सी अवेयरनेस से कैंसर लक्षणों को पहचानने भर से इस बीमारी को हराया जा सकता है।
- डॉ। राजेश कुमार चित्तलांगिया, रेडियोलॉजिस्ट