- रूपहले पर्दे के चहेते कलाकार को देखकर कैदियों के मायूस चेहरों पर खिली मुस्कुराहट

- कैदियों के हुनर को सराहा तो दूसरी ओर उनके सवालों का बेबाकी से जवाब भी दिया

BAREILLY: वेडनेसडे को जिला जेल का माहौल एक बदला हुआ था। आम दिनों से अलहदा जेल के कैदियों के चेहरों पर मुस्कान तैर रही थी, हो भी क्यों ने उनके बीच बॉलीवुड के स्टार और फिल्म 'सत्या' में अंडरव‌र्ल्ड डॉन भीखू म्हात्रे का किरदार निभा कर अपनी धाक जमाने वाले मनोज वाजपेयी जो मौजूद थे। सलाखों के पीछे जिंदगी गुजार रहा हर शख्स अपने चहेते स्टार से मिलने और बात करने को बेताब था। मनोज वाजपेयी ने भी कैदियों को निराश नहीं किया, खुलकर उनके सवालों का जवाब देने के साथ ही उनके क्रिएटिव कार्यो की जमकर तारीफ की। इस दौरान जेल सुपरिंटेंडेंट आरके मिश्रा, जेलर नयनतारा, जेलर पीपी सिंह समेत सोसायटी अध्यक्ष फैजल अनीस, फहीम करार, वसीम इद्रीसी, अलीगढ़ मूवी प्रोडक्शन टीम समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

कैदियों के क्रिएटिव कार्यो की तारीफ

असल में यूथ वेलफेयर डेवलपमेंट पीस सोसायटी की ओर से मनोज वाजपेयी जिला जेल में संचालित कैदियों द्वारा हैंडमेड आइटम्स समेत अन्य क्रिएटिव वर्क करने वाले कैदियों की हौसलाफजाई के लिए पहुंचे थे। मनोज वाजपेयी के स्वागत के लिए जिला जेल के कैदियों समेत अधिकारी भी मुस्तैद रहे। तयशुदा समय से किसी कारणवश होती देरी से एकबारगी कैदियों समेत जिला जेल प्रशासन के अधिकारियों के चेहरों पर भी मायूसी छा गई, लेकिन दोपहर करीब क्.फ्0 बजे जेल के गेट पर पहुंची गाडि़यों के रेले देखकर लोगों की उम्मीदों के पंख लग गए।

बैरक और कार्यो का किया मुआयना

बॉलीवुड फेम एक्टर मनोज वाजपेयी ने सबसे पहले जिला जेल में कंप्यूटर ट्रेनिंग ले रहे कैदियों से मुलाकात की। कैदियों ने फोटो खिंचवाने की रिक्वेस्ट की तो मनोज वाजपेयी ने निराश नहीं किया। उन्होंने टेक्निकल, बांस एंड बैम्बू, पेंटिंग, हैंडीक्राफ्ट और जरी जरदोजी की बारीकियों को सीख रहे कैदियों समेत जिला जेल के भोजनालय का भी मुआयना किया। इस मौके पर पेंटिंग कार्य सीख रहे कैदी साबिर ने मनोज वाजपेयी को उनकी पेंटिंग बनाकर भेंट की। अपनी तस्वीर देखकर मनोज वाजपेयी भी मुस्करा दिए। उन्होंने पेंटिग को स्वीकार करते हुए कैदी साबिर के हुनर की तारीफ की।

बेहतरीन नक्काशी को सराहते नहीं थके

इन्हीं सब के बीच जरी जरदोजी का कार्य कर रहे कैदियों ने अचानक मनोज वाजपेयी को देखा तो खुशी से उछल पड़े। साडि़यों पर उभरते कैदियों के हुनर को देखकर मनोज वाजपेयी अचम्भित रह गए। वहीं, उनके साथ मौजूद फिल्म डायरेक्टर हंसल मेहता भी बेहतरीन नक्काशियों को सराहने से नहीं चूके। इसे देखकर मनोज वाजपेयी ने जरी जरदोजी का कार्य कर रहे कैदियों के हुनर की तारीफ करने के साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की भी कामना की।

'मुंबई का डॉन कौन'

कैदियों से हुई ग्रुप मुलाकात में मनोज वाजपेयी कैदियों के कुछ सवालों के जवाब देने से कतरा गए। तालियों के शोर के साथ कैदियों ने चहेते कलाकार का स्वागत किया। सवाल जवाब के दौर में कैदी मोहम्मद उमर ने मनोज वाजपेयी से शूटऑउट एट वडाला का डायलॉग बोलने के लिए कहा तो मुस्कुराते हुए उन्होंने डायलॉग बोला। तो वहीं, वह उमर से गले भी मिले। इसके बाद गौतम विश्वास ने मूवी गैंग्स ऑफ वासेपुर में जेलर के लिए बोले गए डायलॉग को बोलने के लिए कहा तो वह इसे टाल गए। वहीं, सभी कैदियों की इच्छा पर उन्होंने सत्या मूवी का फेमस डायलॉग 'मुंबई का डॉन कौन, भीखू म्हात्रे' बोला तो कैदियों के हंसते खिलखिलाते चेहरों समेत तालियों के शोर से उन्हें भीखू म्हात्रे की संज्ञा से नवाजा। कैदी दिनेश ने बताया कि सभी कैदी काफी देर से मनोज वाजपेयी से मिलने को आतुर थे।