हर दिन पांच करोड़ का 'सोणा' धंधा
कीमत भले ही 32 हजार के आंकड़े पर पहुंच गई पर गोल्ड में बरेलियंस इंवेस्ट भी खूब कर रहे है। यही हाल सिल्वर को लेकर भी है। एक्सपर्ट की मानें तो कीमतें बढऩे के साथ बरेलियंस को ज्वैलरी के वजाय प्योर गोल्ड में इनवेस्ट करने का क्रेज बढ़ रहा है।
कीमतों में उछाल पर कुछ दिन ही ठिठकता है ग्राहक
ज्वैलर्स कहते हैं कि जब भी सोना व चांदी की कीमत में उछाल आता है तो एक-दो दिनों तक परेजिंग में कुछ कमी आती है। इसके बाद सामान्य दिनों से परचेजिंग कुछ अधिक होने लगती है। असल में खरीददार कुछ समय रेट कम होने का वेट करते हैं, उसके बाद निकल पड़ते हैं ज्वैलर्स की शॉप की ओर।
pure gold की डिमांड बढ़ी
बरेलियंस में ज्वैलरी की अपेक्षा प्योर गोल्ड की ओर इंटरेस्ट बढ़ रहा है। कारोबारियों की मानें तो पहले जहां 80 परसेंट ज्वैलरी और 20 परसेंट प्योर गोल्ड बिकता था। वही अब 30 परसेंट ज्वेलरी तो 70 परसेंट गोल्ड का कारोबार होता है। कुछ ऐसा ही हाल सिल्वर को लेकर भी है। पिछले कुछ महीनों में आए चेंजे से साफ जाहिर है कि, रुझान इंवेस्टमेंट की ओर बढ़ा है।
तो डेढ़ लाख तक जाएगी कीमत
कैपिटल इंवेस्टमेंट के ओनर सुरेश चंद्रा बताते है कि, गोल्ड में लोग दो तरह से इंवेस्ट कर रहे है। एक तो खुद खरीदकर बेचते हैं और दूसरा मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के जरिए। बरेलियंस दूसरे ऑप्शन को तवज्जो दे रहे हंै। बरेली में इससे करीब 2 से 4 अरब रुपए का डेली टर्न ओवर होता है। जिस तरह से इंडियन रुपए के मुकाबले डालर मजबूत हो रहा है। उस हिसाब से आने वाले दस साल में सोना डेढ़ लाख रुपए प्रति दस ग्राम बिकेगा।
क्यों आ रहा price में उछाल
गोल्ड के बढ़ते दाम को लेकर कारोबारियों का अपना-अपना तर्क है। कोई गोल्ड का दाम बढऩे की वजह प्रोडक्शन कास्ट को मान रहा है। तो कोई रुपए में आ रही गिरावट। बरेली महानगर सर्राफा एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजीव अग्रवाल बताते हंै कि, प्रोडक्शन कास्ट बढ़ रही है। गोल्ड व सिल्वर दोनों खान से निकलता है। पहले जहां एक कुंटल खदान में 100 ग्राम सोना निकलता था, वहीं अब 10 ग्राम ही निकलता है। यही बात सिल्वर को लेकर भी है। उत्पादन कम हो रहा है और परचेज ज्यादा हो रहा है। ज्वैलरी के बिजनेस से जुड़े विक्रमादित्य मानते हैं कि, डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है। जबकि गोल्ड का भाव डॉलर से ही तय किया जाता है। डॉलर ऐसे ही मजबूत होता रहा तो सोने का भाव और बढ़ेगा।
Oil के बदले ले रहे gold
गल्फ कंट्री द्वारा तेल के बदले सोना लिया जाना भी गोल्ड के दाम बढऩे का रीजन माना जा रहा है। पन्ना ज्वेलर्स के ओनर आदेश मानते हैं कि, गल्फ कंट्री पहले के मुकाबले अब यूरो व डॉलर की जगह गोल्ड लेना ज्यादा पसंद कर रहे है। उन्हें लगने लगा है कि, जिस तरह से मंदी का दौरा बार-बार मंडरा रहा है। उसके लिए गोल्ड सबसे अच्छा ऑप्शन है।
फायदेमंद है investment
एक्सपर्ट बताते हैं कि गोल्ड में इंवेस्ट करना फायदे का सौदा है। गोल्ड खरीदना और बेचना दोनों की स्थिति में आसान है। लोग पैसे का इंवेस्टमेंट ज्यादातर बैंक, प्रॉपर्टी, शेयर या फिर गोल्ड में करते है। इन सबमें गोल्ड में इंवेस्ट करना सबसे आसान है और फायदेमंद भी।
हर दिन तीन करोड़ का खरा सोना
बरेली में गोल्ड व सिल्वर का करोबार करीब 5 करोड़ डेली का है। बरेली महानगर सर्राफा एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजीव अग्रवाल ने बताया कि, बरेली में अनुमानित एक दिन का कारोबार पांच करोड़ का है। जिसमें प्योर गोल्ड 3 करोड़, सिल्वर एक करोड़ व ज्वेलरी का कारोबार एक करोड़ का होता है। कारोबारियों की मानें तो प्योर गोल्ड का चार्ज भी ज्वेलरी की अपेक्षा कम है। टांका और मेकिंग में ज्वेलरी में 15 - 20 परसेंट अधिक चार्ज लगता है।
गोल्ड और सिल्वर की प्राइस बढऩी ही है। प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ती जा रही है। जिसके चलते गोल्ड व सिल्वर के प्राइस बढ़ रही है। फिलहाल ज्वैलरी की अपेक्षा लोग प्योर गोल्ड में पैसा इंवेस्ट कर रहे है। बरेली में 70 परसेंट प्योर गोल्ड की बिक रहा है।
- राजीव अग्रवाल, प्रेसिडेंट, सर्राफा एसोसिएशन, बरेली महानगर
कीमतें बढऩे के साथ ही लोगों में गोल्ड और सिल्वर में इंवेस्टमेंट का क्रेज बढ़ रहा है। बरेली में कफ्र्यू के चलते कारोबार कुछ मंदा पड़ा था, लेकिन मौजूदा समय में रफ्तार पर है।
- संदीप अग्रवाल, महामंत्री, सर्राफा एसोसिएशन, बरेली महानगर
काले धन को छिपाने का सबसे अच्छा जरिए है गोल्ड खरीदना। असल में प्रॉपर्टी, बैंक में जमा करते है तो टैक्स देना होता है। गोल्ड व सिल्वर की खरीददारी करने पर इसकी जानकारी किसी को नहीं होती है। इसके कारण ब्लैक मनी को लोग गोल्ड में लगा रहे हैं।
- आदेश, ओनर, पन्ना ज्वेलर्स
गोल्ड का रेट डॉलर से चलता है। रुपए की अपेक्षा डॉलर दिन प्रति दिन बढ़ रहा है। जिसका सबसे बड़ा रीजन है। गोल्ड का बढऩा। अब लोग शेयर, प्रॉपर्टी में पैसा न लगाकर गोल्ड में लगा रहे है।
- अरविंद कुमार, ओनर, अरविंद ज्वेलर्स
आजकल लोग अपना पैसा दो तरह से इंवेस्ट कर रहे हंै। पहला है लोग गोल्ड खरीदकर रख लेते हंै। जब भाव बढ़ता है तब बेचते हैं। दूसरा मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज जिसका सबसे ज्यादा यूज बरेलियंस कर रहे है। बरेली में इसके जरिए डेली 2 से 4 अरब रुपए का टर्न ओवर होता है।
- सुरेश चंद्रा, कैपिटल इंवेस्टमेंट
गोल्ड और सिल्वर की डिमांड कभी कम नहीं हो सकती है। भले ही इसका दाम कुछ भी हो जाए। मैं गहने लेने आई हूं। महंगाई तो है ही, पर क्या किया जाए जरूरत पढऩे पर तो खरीदना
ही पढ़ेगा।
- सुमन सक्सेना, मढ़ीनाथ
जिस हिसाब से सोने व चांदी के दाम बढ़ रहे हंै। उस हिसाब से लग रहा है, आने वाले दिनों में सोने का दाम 50 हजार से भी अधिक हो जाएगा। लेकिन इसकी डिमांड बनी रहेगी।
- पुष्पा सक्सेना, कर्मचारी नगर
Price in September
सोना चांदी
6 सितंबर
31,900 59,500
5 सितंबर
31,700 59000
4 सितंबर
31584 59000
3 सितंबर
31500 58580
2 सितंबर
31500 58000
1 सितंबर
31500 58500