इस तरफ अट्रैक्ट हो रहा यूथ

बढ़ते हाइटेक जमाने में महंगे गैजेट्स यूथ का स्टाइल बन चुका है। इसे बरकरार रखने के लिए चाहिए मोटी रकम। इसके लिए तमाम तरीके यूथ अपना रहा है। इसी में यूथ 'जिगोलोÓ वल्र्ड की ओर तेजी से अट्रैक्ट हो रहे हैं। इसकी बड़ी वजह है। यहां कुछ ही घंटों में हजारों क माई हो जाती है। आम तौर पर एक 'जिगोलोÓ मंथली लाखों में कमाई कर लेते हैं। अनुमान के आधार पर 'जिगोलोÓ एक महीने में तकरीबन दो लाख तक आसानी से कमा सकता है। और तो और वे इसके लिए अपने खाली समय को ही यूज करते हैं। उन्हें पहले से ही जॉब प्लेस और टाइमिंग बता दी जाती है। इससे वह खुद को उस समय के लिए तैयार रखते हैं।

इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट स्टूडेंट्स हैं शामिल

'जिगोलोÓ के मुताबिक सिटी में हायर एजुकेशन लेने वाले स्टूडेंट्स इसे पार्ट टाइम जॉब के तौर पर पसंद कर रहे हैं। वहीं बढ़ता हुआ यह कारोबार यूथ को अपने चंगुल में फंसाता जा रहा है। इसमें सिटी के ही इंस्टीट्यूट्स के मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स काम कर रहे हैं। पहले तो वह अपनी जरूरतों के लिए इस जॉब को ज्वॉइन करते हैं, पर धीरे-धीरे वह इसके दलदल में फंसते जाते हैं। इसके बाद जब वह इससे दूर होना भी चाहते हैं तो इस काली दुनिया के लोग उन्हें इससे निकलने ही नहीं देते हैं।

ये तो केवल मोहरे हैं

सिटी में 'जिगोलोÓ का कारोबार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसके लिए दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे शहरों में अपना कारोबार फैला चुके 'जिगोलोÓ रैकेट्स ने भी छोटे शहरों मेंं इंट्रेस्ट लेना शुरू कर दिया है। हालांकि, यहां अभी उनकी हनक उतनी नहीं है, फिर भी पैर जमाने की कोशिशें जारी हैं। अपने कारोबार को दिन दूना, रात चौगुना बढ़ाने के लिए उन्होंने सिटी में मोहरे तैयार किए हैं, जिनकी लगाम उन बड़ों के हाथ में ही है। और ये मोहरे उनके इशारों पर काम को अंजाम दे रहे हैं।

Independent youth बन रहे जिगोलो

सिटी में फल-फूल रहे 'जिगोलोÓ बिजनेस में उतरने के लिए इंडिपेंडेंट यूथ सबसे ज्यादा तैयार रहते हैं। वह इसके लिए 'जिगोलोÓ वल्र्ड के ऑर्गनाइजर्स को अपनी प्रोफाइल भेजते हैं। वह इन्हें सबसे पहले प्राइमरी लेवल पर ही लुक्स और फिजीक के आधार पर पास करते हैं, इसके बाद उन्हें हायर अथॉरिटीज के पास फॉरवर्ड कर देते हैं, वहीं कस्टमर्स के साथ उनके टेस्ट भी लिए जाते हैं। कस्टमर सैटिस्फैक्शन के आधार पर ही उन्हें रैंकिंग दी जाती है। यह रैंकिंग ही उनके रेट्स फाइनल करती है।

High profile working girls हैं customers

'जिगोलोÓ की सबसे बड़ी कस्टमर्स हाई प्रोफाइल वर्किंग गल्र्स हैं। जो सिटी में अकेले रहती हैं, या फिर वूमेंस भी इन्हें अपना अकेलापन मिटाने के लिए हायर करती हैं। आमतौर पर 'जिगोलोÓ को सिटी से बाहर जाने के लिए हायर किया जाता है। वहीं इन्हें ग्रुप्स में हायर करने का भी ट्रेंड है। हाई सोसायटी वूमेंस अपने वीकेंड पार्टी में इन्हें साथ ले जाने के लिए भी हायर करती हैं। वहीं सिटी में धीरे-धीरे इन्हें हाई सोसायटी पार्टीज में भी इन्वाइट किया जा रहा है।

Entertainer भी हैं जिगोलो

मेट्रोज में 'जिगोलोÓ को गल्र्स की बैचलर पार्टी में इंटरटेनर के तौर पर इन्वाइट किया जाता है। इनकी सेटिंग इवेंट कंपनीज से भी रहती है। पार्टी ओनर की डिमांड पर ही इन्हें पार्टी में लाया जाता है। यहां ये 'जिगोलोÓ गल्र्स के पार्टनर की भूमिका में भी नजर आते हैं, वहीं पार्टी की रौनक बनाए रखने के लिए लोग इन्हें बुलाते हैं। यहां इन्हें पर ऑवर के हिसाब से पेमेंट किया जाता है। पार्टी में ही इन्हें अपने जॉब का प्लेटफॉर्म भी मिलता है। यहां से कोई भी इन्हें पर्सनली हायर कर सकता है। पार्टी के बाद का पेमेंट उस कस्टमर को ही करना होता है।

दोस्तों के जरिए लेते हैं एंट्री

सिटी में आम तौर पर यूथ्स अपने दोस्तों के जरिए 'जिगोलोÓ वल्र्ड में इंट्री लेते हैं। उन्हें इसकी जानकारी भी प्राइमरी लेवल पर दोस्तों से ही होती है। जब एक साथ कई जिगोलो की जरूरत होती है। तो 'जिगोलोÓ वल्र्ड के लिए काम करने वालों से ही कुछ और लोगों की डिमांड की जाती है। नए लोगों की ज्वॉइनिंग कराने पर उन्हें कमीशन भी मिलता है। ऐसे में सिटी के एक 'जिगोलोÓ के जरिए तमाम लोगों को इस काली दुनिया में इंट्री मिल जाती है।

एक जिगोलो बनने के लिए ये प्रॉसेस पूरा करना होता है.

*    फोन पर बात करके फिक्स होती है मुलाकात की तारीख।

*    पहली मुलाकात होती है लोकल रिप्रेजेंटेटिव से।

*    यहां ली जाती हैं फिजिकल मेजर्स।

*    यह डाटा फोटो के साथ भेजा जाता है सीनियर्स को।

*    सीनियर्स सेलेक्ट करते हैं कुछ चेहरे।

*    सेलेक्टेड कैं डीडेट्स को दी जाती है ट्रेनिंग।

*    ट्रेनिंग के बाद होते हैं प्राइमरी टेस्ट।

*    कस्टमर फीडबैक से तय होता है रिजल्ट।

*    हाई रैंकिंग मिलने पर होता है रजिस्ट्रेशन।

*    परफॉर्मेंस के  आधार पर मिलते हैं प्रमोशंस।