बरेली(ब्यूरो)। विश्व ग्लूकोमा जागरूकता सप्ताह के अवसर पर एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज की ओर से अवेयरनेस कैंपेन संचालित किया गया। जिसका आरंभ मंगलवार को एसआरएमएस रिद्धिमा में हुआ, जहां नृत्य नाटिका और गानों के जरिये ग्लूकोमा के कारण, लक्षण, समाधन और गलत धारणाओं के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम का आरंभ ट्रस्टी आशा मूर्ति, सेक्रेटरी आदित्य मूर्ति, पुष्पा गुप्ता, रोटरी क्लब बरेली हैरिटेज की प्रेसिडेंट ऋचा टंडन व कॉलेज की नेत्ररोग विभाग की प्रमुख डॉ। नीलिमा मेहरोत्रा ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

स्क्रीन टाइम बढ़ा रहा टेंशन
डॉ। नीलिमा ने कहा कि आंखों की दिक्कतों को ज्यादातर लोग गंभीरता से नहीं लेते हैैं या मेडिकल से अपनी मर्जी से दवाइयां लेकर इलाज करते रहते हैं। ज्यादा दिक्कत होने पर ही वह नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास पहुंचते हैं, तब तक आंखों की रोशनी पूरी तरह जा चुकी होती है। मोबाइल और लैपटाप का ज्यादा इस्तेमाल आंखों की तकलीफों को और भी बढ़ा देता है। स्क्रीन टाइम बढऩे का नतीजा आंखों की नसों के सूख जान, आंखों के ड्राई होने और ग्लूकोमा के रूप में आता है।

समय रहते कराएं इलाज
कोविड के बाद बच्चों की पढ़ाई आनलाइन भी हो गई है। ऐसे में आंखों की देखभाल करना ज्यादा जरूरी है। अगर आंखों में कोई दिक्कत हो रही हो, धुंधला दिख रहा हो, बार बार चश्मे का नंबर बदल रहा हो, आंखे लाल रहती हों तो नेत्ररोग विशेषज्ञ से मिलें। आंखों केप्रति लापरवाही हमेशा के लिए जिंदगी में अंधेरा कर सकती है।

परफॉर्मेंस देकर किया अवेयर
रिद्धिमा में पैरामेडिकल और एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने नृत्य नाटिका के माध्यम से ग्लूकोमा और आंखों की अन्य बीमारियों के प्रति लोगों को जागरुक किया। गायन गुरुओं शिवांगी मिश्रा, आयुषि मजूमदार और इंदू परडल ने इन आंखों की मस्ती, नैनो वाली ने, ओ मेरी आंखों का तारा है तू जैसे गानों को गाकर आंखों की अहमियत बताई तो कथक गुरु रियाश्री चटर्जी और देबाच्योति ने अपने भावों से इसे प्रकट किया। इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ। एसबी गुप्ता, एयर मार्शल (सेवानिवृत) डॉ। एमएस बुटोला, डॉ। प्रभाकर गुप्ता, डॉ। अनुज कुमार, रोटरी क्लब बरेली हैरिटेज की सेक्रेटरी शालिनी दीक्षित व अन्य चकित्सक मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ। रिया बत्रा व डॉ। साक्षी ने किया।