(बरेली ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर में लाखों रुपये खर्च करके लगाई गईं मशीनें अब शोपीस बनकर रह गई हैैं। लोगों को कोविड संक्रमण से सुरक्षा देने के उद्देश्य से शहर के कई स्थानों पर ऑटोमेटिक हैैंड सैनेटाइजेशन मशीनें लगाई गई थीं। बरेलियंस के टैक्स के रुपयों का कुछ इस तरह से दुरूपयोग किया जा रहा है। लंबे समय से ये मशीनें बंद पड़ी हुई हैैं। कोविड मरीजों की संख्या व संक्रमण दर जब ज्यादा थी तब भी ये मशीनें इसी तरह से शोपीस बनी हुईं थी। ज्यादातर जगहों पर मशीनों को शुरूआती समय में ही इस्तेमाल किया गया था। लेकिन सिस्टम की उदासीनता से ये मशीनें शायद अब भी पेपर में कार्य कर रहीं हों।

सरकारी संस्थानों में ही नहीं हो रहा यूज
इन मशीनों की उपेक्षा खुद सरकारी विभाग करता हुआ नजर आ रहा है। नगर निगम, विकास भवन, जीजीआईसी, जिला अस्पताल, 300 कोविड अस्पताल आदि में ही ये मशीनें एकांत में पड़ी हुई नजर आ रहीं हैैं। जिम्मेदारों ने इन मशीनों को लगाने के बाद इसकी सुध लेना भी उचित नहीं समझा। मशीनों को इस हालत में देखकर लगता है कि इन्हें सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए ही लगाया गया है। इनका सुचारू रूप से संचालन करने के लिए संबंधी विभाग और स्मार्ट सिटी के जिम्मेदारों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।