-28 नवम्बर को यूनिवर्सिटी के किसी अधिकारी को नहीं याद आयी पुण्य तिथि
-सछास ने कैंडल जलाकर प्रतिमा के पास लगाकर किया नमन, तब अफसर को आया होश
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आरयू की लापरवाही की फेहरिश्त में वेडनसडे को एक और किस्सा जुड़ गया, जो यह बताने के लिए काफी है कि यूनिवर्सिटी के अफसर मदहोशी में है। तभी तो उन्हें महात्मा ज्योतिबा राव फुले की पुण्यतिथि भी याद नहीं रही। वह तो सछास के छात्र नेताओं ने यूनिवर्सिटी में कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की, तो रजिस्ट्रार को भी जिम्मेदारी का आभास हो गया और वह भी भीड़ में शामिल हो गए।
रोहिलखंड यूनिवर्सिटी का नाम महात्मा ज्योतिबा राव फुले के नाम पर कई साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री ने रखा था। इसके बाद कैम्पस में महात्मा ज्योतिबा फुले की आदमकद प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव लोगों ने रखा था। कई साल बाद कुछ माह पहले उनकी प्रतिमा यूनिवर्सिटी के एडमिन ब्लॉक के सामने लगायी जा सकी। यूनिवर्सिटी को ज्योतिबा के नाम पर रखने के पीछे शायद मकसद रहा होगा कि लोग उनके विचारों को आत्मसात कर समाज को उत्थान देने में मदद कर सकेंगे। अफसोस, विचारों को आत्मसात करना तो दूर, यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों को तो महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्य तिथि तक याद नहीं रही।
फोन किया तो याद आई
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने आरयू वीसी प्रो। अनिल शुक्ल से जब महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्य तिथि के बारे में फोन पर जब जानकारी ली तो वह भी कुछ पल सोच में पड़ गए, जिसके कुछ देर बाद फोन पर बताया कि हां महात्मा ज्योतिबा फुले जी की पुण्य तिथि है। उनकी प्रतिमा के आसपास दीपक जल रहे हैं। प्रतिमा को विशेष तरह से सजाया भी गया है।