बरेली(ब्यूरो)। राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के बाद जिले में भी पशुओं में लंपी स्किन डिजीज का प्रकोप बढऩे लगा है। इसकीरोकथाम को लेकर जिले में पांच हजार गोट पॉक्स वैक्सीन मिलने के बाद थर्सडे को वैक्सीनेशन शुरू किया गया। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ। ललित कुमार ने बताया कि जिले में अब तक 2300 पशुओं का वैक्सीनेशन किया गया है। इसके साथ ही कई पशुओं मेंंं एलएसडी के लक्षण सामने आए हैैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में विजिट कर पशुओं के स्कैब सैैंपल कलेक्ट किए हैैं। जांच के लिए सैैंपल लैब में भेजे गए हैैं। ग्रामीणों के अनुसार उनके पशुओं में काफी दिनों से एलएसडी के लक्षण दिखाई दे रहे थे।

किया गया वैक्सीनेशन
नगर निगम द्वारा पशुओं को लंपी स्किन बीमारी से बचाव के लिए कान्हा गोशाला में टीकाकरण अभियान आरंभ किया गया। नगर निगम के पशु एवं कल्याण अधिकारी डॉ। आदित्य तिवारी, पशु पालन विभाग की पशु चिकित्सक डॉ। सुनैना व अन्य मौजूद रहे। निगम द्वारा थर्सडे को कुल सौ पशुओं का टीकाकरण किया गया। इसके साथ ही जिले की अन्य गोशालाओं में भी वैक्सीनेशन किया गया।

कई दिनों से आ रहा था फीवर
आलमपुर जाफराबाद के ग्राम पंचायत क्योलडिय़ा के मौजमनगला गांव में कई पशुओं में एलएसडी के लक्षण मिले हैैं। ग्रामीणों ने बताया कि पशुओं को दो सप्ताह से समस्या हो रही थी। साथ ही बताया कि पशुओं में लंपी स्किन डिजीज के लक्षण लगे रहे थे। पशुओं को कई दिनों से फीवर आ रहा था। साथ ही नाक भी बहने लगी थी, कुछ दिनों में मुंह में छाले निकल आए। इसके बाद शरीर में गांठे पडऩे लगी, जिसमें फूटने के बाद जख्म होने लगे। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि एलएसडी को लेकर टीम अलर्ट मोड पर है, वैक्सीनेशन भी प्रारंभ हो गया है। इससे काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।

क्या हैैं लक्षण
-आंख व नाक से पानी आना व वजन घटने लगता है
-पशुओं को सांस लेने में कठिनाई होने लगती है
-पशुओं को तेज बुखार आ जाता है
-दुधारू पशु दूध देना कम कर देता है
-संक्रमित पशुओं के शरीर पर फोड़े होने लगते हैैं

बरतें सावधानी
-पशुओं को पशु मेला या प्रदर्शनी में न भेजें
-पशुओं की खरीद फरोख्त और स्थानंतरण पर रोक लगाएं
-नीम की पत्तियों का धुआं कर मक्खी और मच्छर से बचाव किया जा सकता है
-संक्रमित पशु या उसका शव खुले में न रखा जाए
-पशुओं का टीकाकरण कराएं

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वन विभाग से मांगी 2000 बंदरों को पकडऩे की परमिशन

नगर निगम ने शहर में बंदरों के आतंक पर रोक लगाने के लिए 100 बंदरों को हाल में ही जाल लगाकर पकड़ा था। इसके बाद दो हजार बंदरों को पकडऩे की परमिशन के लिए नगर निगम ने वन विभाग को लेटर लिखा है। बता दें कि शहर में बंदरों का आतंक चरम पर है। बरेलियंस इनसे काफी परेशान हैैं, आलम यह हो गया है कि लोग छत पर या गली से निकलने से पहले कई बार सोचते हंंै। उत्पाती बंदर किसी के तार को काट रहे हैैं तो किसी के कीमती सामान को नुकसान पहुंचा रहे हैैं। जिला अस्पताल में भी बंदरों के काटने पर रैबीज लगवाने सैैंकड़ों लोग पहुंच रहे हैैं। लेकिन, बंदरों का यह आतंक सिर्फ लोगों के घरों तक ही सीमित नहीं है। नगर निगम में भी बंदरों का झुंड पूरे दिन उधम मचाता रहता है। इसको लेकर नगर निगम पशु चिकित्साधिकारी डॉ। आदित्य तिवारी का कहना है कि निगम की ओर से 100 बंदरों को पकड़ा जा चुका है, अब दो हजार बंदरों को पकडऩे के लिए वन विभाग से परमिशन मिलने का इंतजार है।