बढ़ेगा competition तो सुधरेगी service

अपनी एलपीजी कंपनी की सर्विसेज से सैटिस्फाइड नहीं हैं तो नो प्रॉब्लम। आपको दूसरी कंपनी का कनेक्शन मिल जाएगा। सोच रहे हैं कैसे? अरे भई, एलपीजी कनेक्शन पोर्टेबिलिटी के जरिए। जी हां, पेट्रोलियम मिनिस्ट्री बहुत जल्द इस प्रोविजन को इंप्लीमेंट करने जा रहा है। मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी और बैंक एकाउंट पोर्टेबिलिटी की तर्ज पर इसे एलपीजी में भी लागू करने की तैयारी चल रही है। तो अब अगर आपका एलपीजी प्रोवाइडर कोई खेल करने की कोशिश कर रहा है तो आप तुरंत उसे चेंज कर सकते हैं, वो भी बिना कनेक्शन नंबर चेंज किए गए। इस सर्विस से कंपनियों पर अच्छी सर्विसेज देने का प्रेशर बना रहेगा।

झंझट से बच सकेंगे

मिनिस्ट्री ने एलपीजी पोर्टेबिलिटी के लिए बकायदा तैयारी शुरू कर दी है। कंज्यूमर्स की तरफ से कंपनियों की मनमानी की तमाम शिकायतें मिल रही थीं। इन्हें ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया। आम तौर पर कंज्यूमर कनेक्शन बदलने के झंझटों से बचने के लिए प्रोवाइडर्स की मनमानी को झेलता रहता है लेकिन पोर्टेबिलिटी के जरिए सेम कनेक्शन नंबर पर कंपनी चेंज की जा सकेगी। यह ईजी प्रोसेस होगा।

बेहतर सुविधा देने का दबाव

इसकी शुरुआत होने के बाद प्रोवाइडर पर कंज्यूमर को बेहतर सुविधा देने का प्रेशर रहेगा। अगर ऐसा नहीं होगा तो कंज्यूमर तुरंत एजेंसी बदलने का मन बना लेगा। भारत गैस आरके इंटर प्राइजेज के प्रोपराइटर राजेश गुप्ता कहते हैं कि पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू होने के बाद कंपनियों में कॉम्पिटिशन बढ़ जाएगा।  

गैस कम होने की शिकायत आम

कंज्यूमर्स की शिकायत रहती है कि गैस बुक कराइए तो समय से मिलती नहीं, किसी तरह मिली तो जितनी सिलेंडर में होनी चाहिए, उतनी होती नहीं। बदायूं रोड के मुकेश बताते हैं कि हॉकर जब घर पर गैस लाता है तो तोलता ही नहीं। अकेले मुकेश ही इस समस्या से पीडि़त नहीं हैं बल्कि शहर में ऐसे तमाम कंज्यूमर्स हैं। जबकि नियम के मुताबिक, हॉकर को डिलीवरी के समय तोलकर ही सिलेंडर देना चाहिए।

टाइम से नहीं पहुंचती गैस

इतना ही नहीं सिलेंडर की डिलीवरी टाइम से नहीं होती। बुकिंग के बाद 10-15 दिन बीत जाते हैं लेकिन सिलेंडर की डिलीवरी नहीं होती। एजेंसियां भी ढंग से जवाब नहीं देतीं। हमेशा स्टॉक कम होने की दलील देती हैं। कई बार तो लोगों को खाना बनाने के लिए टेंप्रेरी व्यवस्था करनी पड़ती है।

SMS बुकिंग का अता-पता नहीं

सिटी में एसएमस के थ्रू गैस की बुकिंग करने की सेवा अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। काफी समय से यह सुविधा कागजों में सिमटी पड़ी है। यह सेवा शुरू होने के बाद कंज्यूमर्स को काफी हद तक राहत मिल सकेगी।

नियम नहीं करते फॉलो

गैस बुक कराने के 48 घंटे के अंदर कंज्यूमर को सिलेंडर की डिलीवरी हो जानी चाहिए। नियम तो यही है लेकिन शहर की कोई भी एजेंसी इसे फॉलो नहीं करती। आम तौर पर कंज्यूमर्स को बुकिंग के 10 से 15 दिन बाद डिलीवरी मिलती है।

 कम्पनी           एजेंसी    कंज्यूमर

 इंडेन -                13     2,00,000

 भारत पेट्रोलियम       5    43,000

 एचपी                  3    33,000  

 नोट - यह बरेली शहर का आंकड़ा है.

कभी भी गैस की डिलीवरी समय पर नहीं होती है। गैस की बुकिंग कराने 10-12 दिन बाद ही गैस मिल पाती है। पोर्टेबिलिटी शुरू होने के बाद हम लोगों को फायदा होगा।

-मुकेश, उपभोक्ता

हॉकर कभी गैस सिलेंडर नहीं तोलता। जब उसे गैस तोलने की बात करो तो कहता है मशीन ही नहीं। इतना ही नहीं गैस से पानी जैसा निकलता है। पोर्टेबिलिटी के बाद गैस प्रोवाइडर इस बात का ध्यान देंगे कि कहीं उनका कंज्यूमर दूसरी एजेंसी न बदल ले।

-अमान, उपभोक्ता

पोर्टेबिलिटी सिस्टम शुरू होने के बाद कंपनियों में अच्छी सर्विस देने की होड़ मच जाएगी। जो बेटर सुविधा देगा वही फील्ड में रहेगा। जहां तक घटतौल का मामला है तो वह मैनेजमेंट लूज होने के वजह से होता है।

-राजेश गुप्ता, प्रोपराइटर, आरके इंटर प्राइजेज, भारत पेट्रोलियम

कंज्यूमर्स अपने निकट और जो एजेंसी अच्छी सर्विस दे रही होगी, वहीं जाएंगे। कंज्यूमर के लिए पोर्टेबिलिटी अच्छा ऑप्शन है। वहीं प्रोवाइडर्स के लिए अच्छी सर्विस देने का चैलेंज रहेगा।

-रतिभान सिंह राठौर, प्रोपराइटर, श्री गणेश सर्विस, इंडेन

पोर्टेबिलिटी का बहुत फायदा होगा। जो एजेंसी बेहतर सुविधा नहीं दे रही है, उस पर तो रोक लगेगी ही। साथ ही कंज्यूमर अपनी पसंद की एजेंसी जब चाहे सेलेक्ट कर सकते हैं।

- रंजना सोलंकी, अध्यक्ष, इंडेन एसोसिएशन