- ओवरलोड और ग्राउंड वाटर का गिरता ग्राफ बना कारण
BAREILLY : बिजली कटौती के बाद पूरे शहर में लो वोल्टेज का ड्रामा शुरू हो गया है। आलम यह है कि लो वोल्टेज ने बरेलियंस की रातों की नींद उड़ा दी है। विभाग भले ही ख्फ् घंटे बिजली सप्लाई का दम भर रहा हो, लेकिन लो वोल्टेज इसकी हकीकत बयां कर रहा है। इस वजह से एक तरफ जहां बल्व की रौशनी फीकी हो गई है, वहीं दूसरी तरफ फैन, एसी, कूलर और मोटर सही ढंग से वर्क नहीं कर रहे हैं। पीक ऑवर में इस तरह की प्रॉब्लम्स कुछ ज्यादा ही हो रही है।
ख्फ् घंटे सप्लाई लेकिन
बिजली विभाग के रजिस्टर्ड में दर्ज आंकड़ों की बात करें तो इस टाइम सिटी में ख्ख् से ख्फ् घंटे बिजली डेली सप्लाई हो रही है। ट्यूजडे को ख्फ्.ख्भ् घंटे बिजली की सप्लाई की गई। बरेली के अलावा पीलीभीत, बदायूं, शाहजहांपुर में भी पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है। प्रजेंट टाइम में भरपूर सप्लाई के बाद भी बिजली का पावर बेदम होने से लोग विभाग को कोस रहे हैं। रेजिडेंट्स का कहना है कि कोई भी इक्यूपमेंट्स सही से वर्क नहीं कर रहे हैं।
पावर को कर रहे बेदम
ऑफिसर्स का कहना है कि बिजली का पावर बेदम होने का कारण रियेक्टिक पावर, ओवर लोड और ग्राउंड वाटर का गिरता ग्राफ है। गर्मी के दिनों में इस तरह की प्रॉब्लम्स सबसे अधिक देखने को मिलती है। इन दिनों में ग्राउंड वाटर काफी नीचे चला जाता है, जिसके कारण अर्थ नहीं मिल पाता है। अर्थ नहीं मिलने से इलेक्ट्रिकल इक्यूपमेंट सही से वर्क नहीं करते हैं। बारिश और ठंड के दिनों में इस तरह की प्रॉब्लम्स बहुत कम ही देखने को मिलती है। कुछ ऐसा ही सिचुएशन ओवर लोड के बढ़ने से उत्पन्न हुई है। पीक ऑवर में मैक्सिमम लोग टीवी, फैन, कूलर, बल्व जैसे इक्यूपमेंट्स का इस्तेमाल करते है। बिजली विभाग के दर्ज आंकड़ों के मुताबिक पीक ऑवर में ख्0 परसेंट ओवर लोड बाकी टाइम की अपेक्षा बढ़ जाती है।
लो वोल्टेज ने परेशान कर दिया है। रात में मैं इस वजह से ठीक से सो नहीं पाता हूं। लो वोल्टेज की दिक्कत दस बजे से शुरू होती और ये स्थिति देर रात तक बनी रहती है। विभाग को इसे जल्द से जल्द ठीक कराना चाहिए।
- चमन, सर्विस पर्सन
लो वोल्टेज की वजह से काफी परेशानियां का सामना करना पड़ता है। जैसे ही लो वोल्टेज का ड्रामा शुरू होता है मैं सबसे पहले एसी और फ्रिज का स्विच ऑफ कर देती हूं।
- बिमलेश सिंह, हाउस वाइफ
वोल्टेज को सही करने का प्रयास किया जा रहा है। फीडर को सही किए जा रहे हैं।
- मधुकर वर्मा, एसई, बिजली विभाग