- फोन चैट सर्विस ने कराया चट मंगनी पट ब्याह
- फोन चैट सर्विस पर बात करने पर हुआ दोनों में प्यार
- पुलिस ढूंढ रही थी प्रेम को लेकिन प्रेमी निकला रवि
- ना मिलने पर चौकी इंचार्ज को भी गंवानी पड़ी थी चौकी
BAREILLY: फोन चैट सर्विस से शुरू हुआ दोस्ती का सिलसिला प्यार में बदल गया और महज छह दिन में प्रेमी युगल ने घर से भागकर चट मंगनी पट ब्याह भी कर लिया। उनकी दुनिया में खुशियों की बहार आ गई थी, लेकिन वहीं दूसरी तरफ लड़की के अपहरण में नामजद फौजी की जिंदगी नरक बन गई थी। इतना ही नहीं इस लव स्टोरी की गाज एक चौकी इंचार्ज पर भी गिरी। डीआईजी ने पहले केस की जांच कर रहे चौकी इंचार्ज को भी हटा दिया था। जब केस की जांच दूसरे दरोगा को मिली तो उन्होंने दोनों को जंक्शन से बरामद कर लिया।
मैसेज से शुरू हुअा सिलसिला
संजना (परिवर्तित नामम) गणेश नगर, सुभाषनगर की रहने वाली है। वह सिटी स्टेशन के पास एक कॉल सेंटर में काम करती थी। यहीं से फोन चैट की सर्विस प्रोवाइड की जाती है। फरवरी में चैट सर्विस की ओर से मुजफ्फरनगर के रहने वाले रवि के नंबर पर एक मैसेज गया। मैसेज में दिए गए नंबर पर लड़की से चैट करने के बारे में लिखा हुआ था। रवि ने उक्त नंबर पर कॉल की तो उसकी बात संजना से हुई। रवि हरिद्वार में केमिकल का सेल्समैन है।
बातचीत में ही दे बैठे दिल
संजना ने बताया कि पहली बार की बातचीत में उसे रवि की आवाज और बात करने का अंदाज काफी अच्छा लगा। रवि को भी संजना की आवाज बहुत प्यारी लगी। इस पर दोनों ने एक-दूसरे का नंबर एक्सचेंज कर लिए। फिर शुरू हो गया बातचीत का सिलसिला। दोनों ने मिलने का प्लान बनाया और रवि उससे सिटी स्टेशन के पास आकर मिला। जब दोनों मिले तो दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे। दोनों ने ि1फर शादी करने का डिसीजन ले िलया।
आर्य समाज मंदिर में की शादी
भ् फरवरी, ख्0क्ब् को संजना तय प्लान के मुताबिक रवि के साथ भाग गई। दोनों ने हरिद्वार में आर्य समाज मंदिर में जाकर शादी कर ली और रूढ़की में किराए के मकान में रहने लगे। इधर जब कई दिनों तक संजना घर वापस नहीं आयी तो उसकी बहन ने थाने में शिकायत की। पहले तो पुलिस ने उसे टरका दिया, लेकिन अधिकारियों के आदेश पर ख्क् मार्च को प्रेम कुमार के खिलाफ बहला-फुसलाकर अपहरण करने की एफआईआर दर्ज कर ली गई। संजना की बहन का आरोप था कि प्रेम उसकी बहन से फोन पर बात करता था। प्रेम कुमार सेना में तैनात है।
जंक्शन पर पकड़ गए
इस केस की जांच तत्कालीन मढ़ीनाथ चौकी इंचार्ज अमित सिंह को दी गई। कई दिनों तक जब संजना वापस नहीं आयी तो बहन ने फिर से अधिकारियों से बरामदगी ना होने की शिकायत की। हालांकि एफआईआर प्रेमकुमार के नाम दर्ज थी तो पुलिस प्रेम कुमार की तलाश में लग गई, लेकिन प्रेम नौकरी कर रहा था। इस मामले में देरी बरतने पर डीआईजी ने चौकी इंचार्ज को हटाने का निर्देश दिया और केस दूसरे दरोगा को ट्रांसफर कर दिया। करीब एक महीने बाद वेडनसडे को दरोगा ने जंक्शन से रवि और संजना को पकड़ लिया। दोनों कहीं जाने की फिराक में थे। दोनों ने दरोगा के सामने मैरिज व ऐज प्रूफ के डॉक्यूमेंट्स पेश किए हैं। अब दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।