- डकैती पर रेलवे बोर्ड भी सख्त, एसपी जीआरपी ने किया घटनास्थल का दौरा
- सर्विलांस सहित 6-7 टीम तैयार, जीआरपी को नहीं थी वारदात की उम्मीद
BAREILLY: रेलवे बोर्ड की तमाम कवायदों के बावजूद ट्रेनों में पैसेंजर्स की सुरक्षा के दावे भद्दा मजाक साबित हो रहे हैं। पैसेंजर से लेकर एक्सप्रेस-सुपर फास्ट ट्रेनों में यात्रियों से डकैती और लूटपाट के केसेज में कमी नहीं आ रही। फ्राइडे को देर रात कर्मभूमि एक्सप्रेस में करीब ख्भ्0 से ज्यादा लोगों से हुई लूटपाट की वारदात ने डकैतों के सामने जीआरपी की बेबसी और रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की एक बार फिर कलई खोल कर रख दी। सैटरडे को मुरादाबाद से लेकर सीतापुर तक जीआरपी के जिम्मेदार घटना को लेकर पसीना बहाते रहे। फिलहाल वारदात के ख्ब् घंटे बाद भी जीआरपी डकैतों का सुराग लगाने में हाथ पांव ही मार रही है।
आधी रात से पड़ताल में जुटे एसपी
कर्मभूमि एक्सप्रेस में हुई डकैती ने रेलवे बोर्ड नई दिल्ली तक को हिला कर रख दिया है। इस दुस्साहसिक वारदात के बाद रेलवे बोर्ड ने जीआरपी के आला अफसरान से कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट तलब की है। जिसके बाद एसपी जीआरपी आनंद कुलकर्णी घटना वाली रात करीब ख्.फ्0 बजे रामपुर जांच पड़ताल में जुट गए। सैटरडे को एसपी जीआरपी, इंदुप्रभा सिंह, सीओ बरेली जीआरपी व अयूब हसन, इंचार्ज मुरादाबाद जीआरपी सहित सीबीगंज पहुंचे और वारदात की पड़ताल की। इसके बाद एसपी जीआरपी और अन्य अधिकारी सिटी स्टेशन पहुंचे।
सर्विलंास समेत 7 टीमें जांच में
कर्मभूमि एक्सप्रेस में लूटपाट करने वाले डकैतों की धरपकड़ के लिए जीआरपी की म्-7 टीमें लगा दी गई है। एसपी जीआरपी ने बताया कि इसमें सर्विलांस टीम भी शामिल हैं। रामपुर से लेकर सीतापुर तक डकैतों को पकड़ने के लिए जांच टीम लगा दी गई हैं। एसपी जीआरपी ने शुरुआती जांच पड़ताल के बाद बताया कि फ्राइडे शाम करीब 7.फ्0 से 8 बजे के बीच रामपुर से 8-क्0 डकैत ट्रेन में सवार हुए। इंजन से तीसरे कोच में यह लूटपाट की गई। जिसके बाद सिटी श्मशान फाटक के पास डकैत चेन पुलिंग कर भाग गए। घटना की एफआईआर सीतापुर में दर्ज हुई थी। जल्द ही मुकदमा रामपुर जीआरपी थाने को ट्रांसफर होगा।
व्यापारियों ने उठाए सवाल
सिटी स्टेशन जीआरपी ऑफिस में मातहतों के साथ वारदात की जांच पड़ताल कर रहे एसपी जीआरपी को व्यापारियों के गुस्से और सवालों का सामना करना पड़ा। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के स्थानीय व्यापारी नेताओं ने ट्रेनों में सुरक्षा के लिए इंतजाम न होने, मदद के लिए हेल्पलाइन न होने और जीआरपी जवानों की सुरक्षा में मुस्तैदी न दिखाने पर सवाल किए। एसपी जीआरपी ने व्यापारियों को जीआरपी की हेल्पलाइन कार्ड बंटवाने की मुहिम और व्हाट्स एप पर सीधे एडीजी जीआरपी को कंप्लेन करने जैसी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही ऐसे मामलों की जांच व रोकथाम के लिए व्यापारियों से सहयोग मांगा।