बरेली (ब्यूरो)। सिटी के रोड्स पर निराश्रित गोवंश की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देहात क्षेत्र में तो लोग इनकी बढ़ती संख्या संख्या से परेशान हैं ही बरेलियंस को भी इनके कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शासन की ओर से गो संरक्षण केंद्रों की स्थापना के बावजूद इनका सडक़ों पर इस तरह भटकना साफ दर्शाता है कि जिम्मेदार लोग इसके प्रति कितने लापरवाह हैं। हद यह कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा पशुधन मंत्री धर्मपाल ङ्क्षसह के सामने गलत आंकड़े प्रस्तुत कर दिए गए। इस पर वह नाराज हो उठे और अधिकारियों पर भडक़ गए। उन्होंने उन्हें आंकड़ों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। विकास भवन में मीडिया परसन्स से बात करते हुए मंत्री ने बताया कि बरेली में अब तक 7500 बेसहारा पशुओं को संरक्षण दिया जा चुका है, जबकि करीब तीन हजार पशु अभी भी खुले में घूम रहे हैं।

मालिक से होगी भरपाई
मंत्री ने बताया कि जिले में अब तक 10 नई गोशाला बनाई जा चुकी हैं। पशुओं के लिए गोचर भूमि पर हरा चारा बो दिया गया है। भूसे का भी पूरा प्रबंध है। कुछ गोशालाओं की क्षमता वृद्धि की है और अस्थायी गोशालाएं भी बनाई हैं। बेसहारा पशुओं को आश्रय स्थल पर पहुंचाने के लिए एक नवंबर से 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। बोले, अगर कोई पशु बेसहारा घूमता मिलता है तो उसे कांजीहाउस भेजेंगे। उनके कान पर लगे टैग से मालिक का पता लगाकर उससे किसान के नुकसान की भरपाई की जाएगी और उस पर प्राथमिकी भी लिखाई जाएगी। उन्होंने बताया कि नंदिनी योजना के तहत जो दूसरे राज्य से दो गाय लाते हैं, उन्हें छूट मुहैया कराई जाएगी। एक गोशाला के प्रसारित वीडियो के संबंध में जांच कराने की बात कही।

ज्यादा दूध देंगी गायें
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि प्रदेश में देसी गायों की नस्ल में सुधार के लिए कृतिम गर्भाधान कराया जाएगा। इसके तहत साहिवाल, गिरि, हरियाणवी, गंगाखीरी आदि नस्ल के पशु का सीमन का इस्तेमाल होगा, जिससे जो बछिया होगी उसकी दूध उत्पादकता क्षमता अधिक होगी। ज्यादा दूध देने के कारण पशुपालक गायों को नहीं छोड़ेंगे।

आंवला में बनेगी पहली आत्मनिर्भर गोशाला
पशुधन मंत्री धर्मपाल ङ्क्षसह ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वह आंवला के 50 गांवों में गाय की भी पूजा की थई। हर जगह एक व्यक्ति ने एक गाय गोद लेकर उसके लिए 12 हजार रुपये दिए। इस तरह करीब नौ लाख रुपये इक_ा हो गया है, जिसे डीएम के पास जमा कराया है। इससे वहां पहली आत्मनिर्भर गोशाला बनने जा रही है। गायों को संरक्षण देने के लिए समाज खड़ा हो रहा है।

मदरसों में एआई की पढ़ाई
कैबिनेट मंत्री धर्मपाल ङ्क्षसह ने कहा कि प्रदेश के मदरसों में अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित पढ़ाई भी होगी। मदच्सों के बच्चे उर्दू, अरबी, फारसी, दीनी तालीम के साथ ही ङ्क्षहदी, अंग्रेजी, इंग्लिश, विज्ञान व एआइ की पढ़ाई भी करेंगे। मुच्लिम गरीब बच्चों को भी मुख्य धारा से जोडऩे के लिए यह प्रयास सरकार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा है कि एक हाथ में कुरान और दूसरे में लैपटाप देखना चाहते हैं। यह मंशा मदरसों में पढच्ऩे वाले बच्चों को आगे बढ़ाने की है।