वीरांगना रानी अवंतीबाई ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज में 3000 स्टूडेंट्स के लिए हैं बस 20 टीचर्स

कोर्सेस बढ़ते गए पर टीचर्स के नए पद नहीं सृजित किए

BAREILLY: वीरांगना रानी अवंतीबाई राजकीय ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज, स्टूडेंट्स की संख्या के लिहाज से सिटी का सबसे बड़ा ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज है पर यहां जितनी ज्यादा स्टूडेंट्स की संख्या है उतने ही कम टीचर्स हैं। कोर्सेस बढ़ते गए और साथ ही स्टूडेंट्स की संख्या, लेकिन टीचर्स के पद मानक से कम सृजित किए गए। नतीजा यह हुआ कि आज यह कॉलेज टीचर्स की जबरदस्त किल्लत से जूझ रहा है। टीचर्स के ऊपर काफी दबाव है। उनहें मजबूरन जरूरत से ज्यादा स्टूडेंट्स को पढ़ाना पड़ रहा है। कॉलेज मैनेजमेंट भी मान रहा है कि यहां पर जितने पद हैं उससे कहीं ज्यादा टीचर्स की जरूरत है।

सीटों के हिसाब से फ्,म्00 स्टूडेंट्स

अवंतीबाई में यूजी के बीए, बीकॉम और बीएससी व पीजी में एमए के कोर्सेस कंडक्ट किए जाते हैं। बीए में 7ख्0, बीएससी में क्म्0, बीकॉम में क्म्0, और पीजी के चार सब्जेक्ट्स में ख्ब्0 सीटें हैं। सीटों की संख्या के हिसाब कॉलेज की स्टूडेंट्स की टोटल स्ट्रेंथ करीब फ्,म्00 बनती है। अमूमन करीब फ्,000 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। एमए में यहां पर होम साइंस, संगीत, पॉलीटिकल साइंस और सोशियोलॉजी के सब्जेक्ट्स की पढ़ाई होती है।

फ्,000 पर महज ख्0 टीचर्स

कॉलेज में पहले यूजी की पढ़ाई स्टार्ट हुई। इसमें भी कोर्स बढ़े, फिर पीजी की पढ़ाई शुरू हुई। आज करीब फ्,000 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। जिनको पढ़ाने के लिए यूजी और पीजी में ख्0 टीचर्स के पद सृजित हैं। उनमें से भी एक टीचर का पद खाली है। यहां पर साइकोलॉजी का कोई भी टीचर नहीं है। यदि स्टूडेंट्स रेशियो की बात करें तो यहां पर करीब टीचर्स के पद मौजूदा से डबल होने चाहिए। करीब ब्0 टीचर्स तो होने ही चाहिए।

कॉलेज को भी खल रही कमी

टीचर्स की संख्या की कमी कॉलेज मैनेजमेंट को भी खल रही है। कॉलेज को भी लगता है कि यहां पर स्टूडेंट्स की संख्या के हिसाब से कुछ और टीचर्स के पद सृजित होने चाहिए। प्रिंसिपल डॉ। प्रीति गौतम ने बाताया कि टीचर्स को पढ़ाने के आलवा काफी अन्य एकेडमिक और एडमिनिस्ट्रेटिव काम निपटाने होते हैं। ऐसे में मौजूदा टीचर्स पर काफी दबाव है।