बरेली (ब्यूरो)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने बहुआयामी शिक्षा पर बल दिया है। वाणिज्य, विधि, प्रबंध, विज्ञान, तकनीक आदि के साथ यदि हम प्राचीन मूल्यों को अपनी शिक्षा में सम्मिलित करें तो फिर विश्व के शिक्षा गुरु बन पाएंगे। इसके साथ ही आज के परिवेश में यह जरूरी है कि हम आजीविका कौशल के साथ ही अपने विचारों और व्यवहार के मानवीय मूल्यों का समावेश करें। यह बात एमजेपीआरयू के 20वें कॉन्वोकेशन में चीफ गेस्ट रहे आईआईटी गांधीनगर के निदेशक प्रो। रजत मूना ने कही।
विनम्रता बड़ी पूंजी
एमजेपीआरयू के कैंपस में बने अटल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में आईआईटी गांधीनगर के निदेशक प्रो। रजत मूना बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए। उन्होंने कहा कि आज हमारे अपने देश और विश्व के लिए कुछ करने का जज्बा होना चाहिए। ज्ञान का विस्तार और ज्ञानार्जन कभी रुकना नहीं चाहिए। अपनी लाइफ के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मेरे स्टडी के समय ईमेल तक नहीं था, न स्मार्ट फोन थे। कंप्यूटर था लेकिन उसमें मेमोरी इतनी कम थी कि आज के समय में मोबाइल में ढाई लाख गुना अधिक मेमोरी होती है। आज की दुनिया ज्यादा आरामदायक है लेकिन मुश्किल और भी ज्यादा हैं। यदि आप लोग ज्ञानार्जन को रोक लेंगे तो शायद आपका दिमाग समय की धार में जंग खा जाएगा। रोज नई-नई तकनीकों के बारे में सीखें और उसे अपने व्यवहार लाएं। हितोपदेश की सूक्ति का सहारा लेते हुए उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई तोड़ नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि आपको अपने जीवन में विनम्र और आत्मविश्वासी बनना चाहिए। क्योंकि विनम्र और अत्मविश्वासी व्यक्ति ही दुनिया पर राज कर सकता है। विनम्रता एक बहुत बड़ी पूंजी है।
मानवीय मूल्यों की आवश्यकता
एमजेपीआरयू कॉन्वोकेशन के स्पेशल गेस्ट रहे हायर एजूकेशन मिनिस्टर योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि गोल्ड मेडलिस्ट छात्राओं को देखकर ऐसा लगा कि इस विश्वविद्यालय में शायद सिर्फ छात्राएं ही पढ़ती हैं। उन्होंने कहा कि किसी देश की उपलब्धि शिक्षा, शोध और सामाजिक उन्नति से आंकी जाती है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि अध्ययन के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी आत्मसात कर सजग नागरिक बनें। उन्होंने एनईपी 2020 के बदलाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में कई बदलाव किए गए हैं जो आने वाले समय में काफी कारगार साबित होंगे। इसमें मानवीय मूल्यों को भी शामिल किया गया।
आंदोलन में हुआ था गिरफ्तार
कॉन्वोकेशन में स्पेशल गेस्ट रहे पूर्व मंत्री और सांसद संतोष गंगवार ने सभी गोल्ड मेडल पाने वालों को शुभकामनाएं देने के साथ एमजेपीआरयू का इतिहास बताया। उन्होंने बताया कि एमजेपीआरयू की स्थापना का इतिहास काफी संघर्षशील रहा। इतिहास के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि कोतवाली के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के कार्यक्रम के दौरान हंगामा हुआ था। छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, उस दौरान उनमें मैं भी उसमें शामिल था। उन्होंने कहा कि मैं भी विश्वविद्यालय का पूर्व-छात्र रहा हूं। मैं पढऩे में सामान्य छात्र था लेकिन आज जीवन में एक मुकाम को हासिल किया है। मैं इस विवि के लिए हमेशा कोई भी जरूरत के लिए तैयार रहता हूं, और तैयार भी रहूंगा।
छात्राओं की पढ़ाई का प्रतिशत तेजी से बढ़ा
एमजेपीआरयू के कॉन्वोकेशन में स्पेशल गेस्ट रहीं हायर एजूकेशन मिनिस्टर रजनी तिवारी ने कहा कि नि:शुल्क शिक्षा, छात्रवृति, व्यवस्थित परामर्श के साथ-साथ जागरूकता अभियान के चलते छात्राओं की पढ़ाई का प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने शिक्षा विभाग के कई आंकड़े भी पेश करते हुए बताया कि देश में जो आज शिक्षा ग्रहण करने वालों की संख्या बढ़ी है उसमें भी गल्र्स आगे हैं। देश में उच्च शिक्षा के संस्थानों का 18.30 फीसदी हिस्सा अकेले उत्तर प्रदेश में है। एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा में देश का नंबर एक राज्य है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा और रोजगार के विकास के संकल्प को पूर्ण करके दिखा दिया। इसी का नतीजा और असर भी देखने को मिल रहा है कि हर क्षेत्र की शिक्षा में गल्र्स आगे आ रही हैं। छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और वह चाहे बोर्ड में हो या फिर हायर एजूकेशन में हो।
83 फीसदी गोल्ड मेडल पर बेटियों का कब्जा
कॉन्वोकेशन में कुल 84 छात्र-छात्राओं को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, चीफ गेस्ट प्रो रजत मूना, हायर एजूकेशन मिनिस्टर योगेंद्र उपाध्याय, स्टेट मिनिस्टर रजनी तिवारी, सांसद संतोष गंगवार आदि ने गोल्ड मेडल वितरित किए। 83.33 फीसदी अर्थात 70 गोल्ड मेडल पर गल्र्स ने कब्जा किया। ब्वायज को 14 गोल्ड मेडल दिए गए। 48 ब्वायज और 29 गल्र्स को पीएचडी की उपाधि दी गई।
अटल सभागार का हुआ इनॉग्रेशन
एमजेपीआरयू के कॉन्वोकेशन में शामिल होने पहुंची राज्यपाल ने सबसे पहले अटल सभागार का इनॉग्रेशन किया। इसके बाद शैक्षिक शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें कार्यपरिषद ओर विद्या परिषद के सदस्य शामिल हुए। वीसी ने स्वागत भाषण के बाद विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या विस्तार से बताई। राज्यपाल ने कॉन्वोकेशन के शुभारंभ की घोषणा की। इसके बाद वीसी ने विभिन्न संकाय के उपाधि प्राप्तकर्ताओं को उपाधि वितरित की। वीसी ने उपाधि प्राप्तकर्ताओं को दीक्षा प्रदान की। दीक्षा प्रदान करने के दौरान उन्होंने छात्रों को किसी शिक्षक की तरह दीक्षा वाक्य दोहराने को कहा।