वूमेन कांस्टेबल के साथ मिसबिहेव
पुलिस कंट्रोल रूम में कुछ एंटी सोशल एलीमेंट जमकर फेक कॉल कर रहे हैं। ऐसी कॉल करने वाले खासतौर पर वूमेन कांस्टेबल के फोन पिक करने पर उनके साथ मिसबिहेव करते हैं। यही नहीं कई कॉलर तो फोन रिसीव होते ही अभद्रता तक करते हैं। आलम यह कि कई बार वूमेन कांस्टेबल को ये फोन मेल पुलिसकर्मियों को थमाना पड़ता है. फिलहाल, ऐसे ही 30 कॉलर की पहचान कंट्रोल रूम द्वारा करने के बाद नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया है।
70 परसेंट फेक कॉल्स
कंट्रोल रूम में तैनात कर्मियों के अनुसार, रोजाना आने वाली फोन कॉल्स में से 70 परसेंट कॉल्स फेक होती हैं। कभी फोन करने वाला फोन रिचार्ज की बात करता है। तो कोई कहता है कि उसकी गर्ल फ्रेंड छोड़कर चली गई है। कोई कहता है कि उसे कोई प्रोडक्ट बेचना है। कई कॉलर तो सीधे गाली-गलौज ही करने लगते हैं। मेल पुलिसकर्मी इन कॉलर को हेंडल कर लेते हैं लेकिन फीमेल कांस्टेबल की तैनाती के बाद से ऐसे कॉल्स की बाढ़ आ गई।
फोन लाइन बढ़ी और स्टाफ भी
पुलिस अधिकारियों के पास अक्सर ये शिकायत आती थी कि कंट्रोल रूम का 100 नंबर बिजी रहता है। अगर फोन रिसीव भी होता है तो मेल पुलिसकर्मियों का रेस्पांस ठीक नहीं रहता। बात करते समय उनका रवैया काफी सख्त होता है। इसी के बाद कंट्रोल रूम की लाइनें बढ़ाईं गईं। अब कंट्रोल रूम में पांच की जगह 11 लाइन हैं। इसके साथ ही कंट्रोल रूम में स्टाफ बढ़ाए जाने के साथ ही महिला कांस्टेबल्स की भी तैनाती की गई।
पहले भी दो जा चुके हैं जेल
कंट्रोल रूम इंचार्ज द्वारा ऐसे फेक कॉलर्स के नंबर नोट किए जाते हैं। जिन नंबरों से ज्यादा कॉल आती हैं ऐसे 30 नंबरों की पहचान की गई है। इन नंबरों को सर्विलांस पर लगाने के लिए एसएसपी को लिखकर भेजा गया है। सर्विलांस पर नंबर ट्रेस होने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। पहले भी ऐसे कॉलर्स के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। अगस्त माह में ऐसे ही 10 नंबरों के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी गई थी। मामले की जांच एसओजी को सौंपी गई थी। एसओजी ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया था। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया था ।
6 वूमेन कांस्टेबल
फिलहाल कंट्रोल रूम में हेल्पलाइन नंबर 100 पर कॉल रिसीव करने के लिए 6 वूमेन कांस्टेबल की तैनाती की गई है। मॉर्निंग में तीन और ईवनिंग में तीन। इनकी 8-8 घंटे की ड्यूटी लगती है। इसके अलावा कंट्रोल रूम में एसआई, हेड कांस्टेबल व अन्य मेल कांस्टेबल की भी ड्यूटी है। कंट्रोल रूम की कमान एसआई नबाव सिंह के पास है।
फेक कॉल व गाली-गलौच करने वालों के नंबर नोट कराए जाते हैं। उन नंबरों को सर्विलांस की मदद से आईडेंटिफाइ किया जाता है। पहले भी एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। जल्द ही ऐसे नए नंबरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
-एलवी एंटनी देव कुमार, डीआईजी बरेली