बरेली(ब्यूरो)। एक्सीडेंटल मामलों के एडवोकेट हरीश चंद्र भाटिया ने एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में बीमा कंपनी के अधिवक्ता और एसआईटी के दारोगा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि एक्सीडेंटल क्लेम के केसेस में अदालत से निर्णय आने के बाद उक्त दारोगा और बीमा कंपनी के वकील गवाहों को घर-घर जाकर धमका रहे हैं। साथ ही दोबारा अपने हिसाब से गवाही लेकर अदालत केनिर्णय की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जबकि डीजी एसआईटी और बीमा कंपनियों ने दोबारा जांच के ऐसे कोई आदेश नहीं दिए हैं। उनकी कंप्लेंट पर एसएसपी ने उन्हें न्याय का आश्वासन दिया है।

धमकाने का आरोप
शुक्रवार को एक्सीडेंटल केसेस के एडवोकेट हरीश चंद्र भाटिया ने एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि वह 40 वर्षों से एक्सीडेंटल क्लेम के केस लड़ रहे हैं। उनके अनुसार वर्ष 2015 से शहर के एक एडवोकेट बीमा कंपनीज की ओर से वकील हैं। आरोप लगाया कि वह बीमा कंपनी से मिलने वाली क्षतिपूर्ति में से 40 से 50 हजार रुपए उन्हें देने की डिमांड वादी से करते थे। डिमांड पूरी न होने पर लोगों को केस उलझाने की धमकी देते हैं। उक्त अधिवक्ता ने भाटिया द्वारा वर्ष 2015 से अब तक जीते गए 30 केसेस को फ्रॉड बताते हुए एसआईटी को रेफर कर दिया। एडवोकेट भाटिया के अनुसार इन केसेस में अदालत का निर्णय उनके पक्ष में आ चुका है।

नहीं कोई ऐसा आदेश
उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त वकील और एसआईटी के दरोगा उनके द्वारा जीते गए केसेस के गवाहों को घर जाकर धमका रहे हैं और दोबारा उनकी गवाही अपने हिसाब से ले रहे हैं। इस मामले में भाटिया ने तीन दिन पूर्व वह लखनऊ डीजी एसआईटी रेनू मिश्रा से भेंट कर इस विषय में शिकायत की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने एसआईटी को जांच के ऐसे कोई आदेश नहीं दिए हैं। इसके अलावा किसी बीमा कंपनी ने भी दोबारा जांच के आदेश नहीं किए है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इससे स्पष्ट है कि उक्त वकील और एसआईटी का दरोगा अदालत के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने यह मामला पुलिस से संबंधित नहीं होने के कारण इस विषय मेें डीजी एसआईटी को पत्र लिखने की बात कही है।