लैपटॉप की मॉनीटरिंग करने वाला कोई नहीं

एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से किए गए थे लैपटॉप सिक्योरिटी के वादे

BAREILLY: सीएम ने जब स्टूडेंट्स को लैपटॉप बांटने की घोषणा की थी तो एडमिनिस्ट्रेशन ने उसकी मॉनीटरिंग के बड़े-बड़े दावे किए थे। लैपटॉप की सिक्योरिटी को लेकर दावों की बदौलत खूब दंभ रहा। लेकिन उधर लैपटॉप बंटे और इधर उन दावों को वायरस लग गया। सिटी में खुलेआम ऑनलाइन और ऑफलाइन लैपटॉप बेचे जा रहे हैं। लेकिन इसकी मॉनीटरिंग करने वाला कोई नहीं है। ना एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से और ना ही सर्विस सेंटर की तरफ से। दरअसल एडमिनिस्ट्रेशन लेवल पर पूरी मॉनीटरिंग व्यवस्थता ही धवस्त हो गई है। इसका फायदा उठाकर स्टूडेंट्स औन-पौने दाम में लैपटॉप बेच रहे हैं।

Serial number से होनी थी पहचान

हर स्टूडेंट्स को उनके नाम से सीरियल नम्बर के हिसाब से लैपटॉप अलॉट किए गए थे, ताकि वे यदि इसे खुले बाजार में बेचते हैं तो सीरियल नम्बर से पकड़े जा सकें। इसकी मॉनीटरिंग का जिम्मा डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और सर्विस करने वाली कंपनी को दिया गया था। लेकिन इनके स्तर से किसी भी प्रकार की मॉनीटरिंग नहीं की जा रही है। सर्विस सेंटर पर जो लैपटॉप ठीक होने के लिए जा भी रहे हैं उसके बारे में वे इंफॉर्मेशन नहीं जुटा रहे हैं। यह पता लगाने की कोशिश नहीं की जा रही है कि लैपटॉप किसके नाम का था और कौन इसे हैंडल कर रहा है। उधर शासन की तरफ से यह भी दावा किया गया था कि डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की मॉनीटरिंग कमेटी समय-समय पर स्टूडेंट्स के लैपटॉप के बारे में औचक निरीक्षण भी करेगी। लेकिन ऐसी किसी भी व्यवस्था का सिटी में अता-पता नहीं।

खुलेआम बिक रहे हैं laptop

शासन ने यहां तक दावा किया था कि यदि कोई स्टूडेंट लैपटॉप बेचते पाया गया तो लैपटॉप उससे छीन लिया जाएगा और उसकी पूरी कीमत भी वसूली जाएगी। लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था मूर्तरूप में ना होने के चलते स्टूडेंट्स खुलेआम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से लैपटॉप बेच रहे हैं। आई नेक्स्ट ने अपने क् मार्च के एडमिशन में इसी खरीद-फरोख्त का खुलासा किया था।