- ग्रीन पार्क से जुड़े केस की एसएसपी खुद कर रहे हैं मानिटरिंग

- रुहेलखंड चौकी इंचार्ज से हटाकर दूसरे आईओ को दी जाएगी जांच

BAREILLY: नहर की जमीन पर बने ग्रीन पार्क का मामला गरमाता जा रहा है। बारादरी में एफआईआर दर्ज होने के बाद एसएसपी खुद इस केस की मानिटरिंग कर रहे हैं। इस केस की जांच भी आरयू के चौकी इंचार्ज कर रहे थे, लेकिन अब इस केस की जांच नए आईओ को दी जाएगी। यही नहीं पुराने रिकार्ड भी खंगालने शुरू कर दिए गए हैं। एसएसपी का कहना है कि इतना पता लगाना है कि बीच में अचानक नहर कैसे गायब हो गई। इस मामले में सोबती ग्रुप से भी सारे रिकॉर्ड मांगे गए हैं।

एफआईआर के बाद गरमाया मामला

ग्रीन पार्क कॉलोनी बीसलपुर रोड पर बनी है। लंबे समय से चला आ रहा है कि कॉलोनी का कुछ हिस्सा शारदा नहर की जमीन पर बनाया गया है। केस हाईकोर्ट में भी चल रहा है। ख्9 अप्रैल को बारादरी में सोबती ग्रुप पर एफआईआर दर्ज होने के बाद एक बार फिर मामले ने तूल पकड़ लिया। प्रशासन भी मामले में एक्टिव हो गया और इसकी जांच स्टार्ट कर दी। क्0 करोड़ से ज्यादा की जमीन से जुड़े केस की जांच रुहेलखंड चौकी इंचार्ज को दी गई थी, लेकिन मामला बड़ा होने के चलते एसएसपी ने खुद इसकी मानिटरिंग स्टार्ट कर दी है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि किसानों की जमीन का तो बैनामा कराया गया, लेकिन इसके बीच में गुजरने वाली नहर पर कब्जा किया गया।

पहले आईओ ने लगा दी थी फाइनल रिपोर्ट

संडे को एसएसपी ने इस केस से जुड़ी सभी फाइलों की जांच की। जांच में पाया गया कि ख्9 जुलाई ख्00म् में भी प्रमोद कुमार जूनियर इंजीनियर शारदा नहर रुहेलखंड ने सोबती ग्रुप के खिलाफ बारादरी थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में आरोप लगे थे कि शारदा नहर की जमीन पर जेसीबी के द्वारा अतिक्रमण कर कॉलोनी बसाई जा रही है। इस मामले में काफी जांच के बाद आईओ ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। इसके अलावा तत्कालीन एसडीएम व तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में नहर ना होने की बात लिखकर दी थी।

बीडीए अप्रूव्ड नक्शा भी मांगा गया

अब इस मामले में एसएसपी ने बारादरी से पुराने रिकॉर्ड मांगे हैं। इसके तहत पुरानी एफआईआर और फाइनल रिपोर्ट मंगवाई गई है। फाइनल रिपोर्ट में देखा जाएगा कि आईओ ने किस आधार पर रिपोर्ट लगाई है। इसके अलावा बीडीए से अप्रूव्ड नक्शा भी मंगाया है। एसडीएम व तहसीलदार की भी रिपोर्ट निकलवाई जाएगी। हाईकोर्ट में दिए गए सभी एफएडेबिट भी मंगवाए हैं। सोबती ग्रुप से भी इससे जुड़े कागज मांगे गए हैं।