- नए विवाद से पहले नहीं लगती खुफिया तंत्र को भनक
- हर बार पुराने विवादों के आधार पर तैयार होती है रिपोर्ट
BAREILLY : सहारनपुर में हुए दंगे के बाद बरेली और भी सेंसटिव हो गया है। पुलिस-प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी जगह-जगह हो रहीं छिटपुट घटनाओं को रोकने में खुफिया तंत्र की लापरवाही लगातार उजागर हो रही है। खुराफाती माहौल बिगाड़ने की फिराक में हैं और खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लगती। डिस्ट्रिक्ट का खुफिया तंत्र यानी एलआईयू अधूरा तंत्र ही है। हर बार खुफिया रिपोर्ट पुराने विवादों को देखकर तैयार कर दी जाती है, लेकिन दूसरी जगहों पर अंदर ही अंदर चिंगारी भड़कती रहती है।
क्0 पन्नों की सौंपी थी रिपोर्ट
रमजान व सावन से शुरू होने से पहले ही डिस्ट्रिक्ट में मामूली विवाद होने स्टार्ट हो गए थे। पुलिस प्रशासन ने पूर्व तैयारियों के तहत पुराने विवादों में शामिल लोगों को मुचलके के तहत पाबंद किया और डीजे पर प्रतिबंध लगा दिया। एलआईयू ने भी क्फ् जुलाई ख्0क्ब् को अपनी दस पन्ने की गोपनीय रिपोर्ट डीएम व एसएसपी को सौंप दी थी। खुफिया रिपोर्ट में मंदिरों पर जलाभिषेक तथा मस्जिदों में नमाज पढ़ने और कांवडि़यों की भीड़ मिश्रित आबादी से निकलने को लेकर विवाद उत्पन्न होने और सतर्कता बरतने के लिए कहा गया था। इसके अलावा प्रत्येक सोमवार को मिश्रित आबादी से निकलने वाले जत्थों को भी सेंसटिव बताया गया। इनमें श्यामगंज, कालीबाड़ी, शाहदाना, मठ की चौकी, सिटी स्टेशन, संजय नगर, दुर्गा नगर, पुराना शहर, जगतपुर, बड़ा बाजार, कुहाड़ापीर, सहित कई स्थान सिटी में सेंसटिव बताए गए। रिपोर्ट के अंत में यह भी लिखा गया कि चुनाव के चलते दो राजनैतिक दल इसका फायदा उठाने के लिए विवाद उतपन्न कर सकते हैं इसलिए ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है।
लाउडस्पीकर व नए निर्माण विवाद की वजह
रिपोर्ट में बताया गया कि दो धर्मो के लोगों में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर तनातनी रहती है। इसके अलावा अधूरे पड़े धार्मिक स्थलों पर निर्माण को लेकर विवाद होता है। रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले कई सालों में कई जगह हैं जहां विवाद के चलते तनाव की स्थिति पैदा हुई। इनमें से कुछ स्थान जैसे अलीगंज में मस्जिद व बूढ़े बाबा की समाधि आमने सामने होने के चलते विवाद, मीरगंज में निजी मकान में मस्जिद बनाने को लेकर विवाद, हरुनगला बारादरी में मदरसे के निमार्ण को लेकर विवाद समेत करीब फ्ख् स्थानों की लिस्ट व वहां की स्थिति की रिपोटर्1 दी गई।
हर बार नई जगह पर विवाद
लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिन जगहों पर विवाद उत्पन्न हो रहे हैं वो सभी जगह नई हैं। खुफिया रिपोर्ट में इनका कहीं जिक्र ही नहीं है। इसका नतीजा होता है खुराफाती अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं और पुलिस-प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं लगती है। सहारनपुर में हुए विवाद के बाद बरेली में भी संडे को भोजीपुरा के धौराटांडा में कांवड़ रूट को लेकर विवाद हुआ। कुछ इसी तरह से गौसाई गौटिया में भी कावड़ के रूट को लेकर विवाद हो गया। इसके अलावा मंडे को भी कलारी में कांवड़ के रूट को लेकर विवाद हुआ।
कम स्टाफ भी है एक वजह
मौजूदा समय में एलआईयू में जितना स्टाफ है उससे तो साफ है कि किस तरह से खुफिया सूचनाएं कलेक्ट की जा रही है। सोर्सेस के अनुसार एलआईयू में नियतन के हिसाब से आधे से भी कम स्टाफ है। इससे हर जगह एलआईयू का पहुंचना संभव नहीं है। अगर किसी ने फोन पर सूचना दे दी तो एलआईयू को इसकी जानकारी हो गई वरना सब ऊपर वाले के भरोसे। स्टाफ की कमी के चलते थाना पुलिस से ही पूछकर रिपोर्ट तैयार कर दी जाती है।
एलआईयू स्टाफ की स्थिति
पद स्वीकृत नियतन नियुक्ति रिक्त स्थान
डिप्टी एसपी क् क् 0
इंस्पेक्टर ख् ख् 0
सब इंस्पेक्टर क्7 म् क्क्
स्टेनो क् 0 क्
एएसआई एम फ् क् ख्
हेड कांस्टेबल क्8 8 क्0
कांस्टेबल क्9 भ् क्ब्