ड्यूटी में बदलाव

सिटी में ईवटीजिंग और बैंक के बाहर लूट की घटनाएं आम होने लगी हैं। एसएसपी ने ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए नई प्लानिंग तैयार की। वज्र मोबाइल की संख्या भी बढ़ाकर एक से तीन कर दी गई। इसके अलावा रक्षक मोबाइल की ड्यूटी में भी बदलाव किया गया। रक्षक मोबाइल की नाइट ड्यूटी तो सेम रखी गई लेकिन दिन की ड्यूटी में बदलाव कर दिया गया। सभी पांच रक्षक व तीन वज्र की ड्यूटी स्कूल्स व बैंक्स के बाहर लगा दी गई है।

कंट्रोल रूम से होंगी ऑपरेट

स्कूल व बैंक के बाहर लगी सभी रक्षक व वज्र को अपनी लोकेशन पल-पल में कंट्रोल रूम को देनी होगी। कंट्रोल रूम में मौजूद पुलिसकर्मियों को भी इनकी लोकेशन की अपडेट टाइम-टाइम पर लेनी होगी। रक्षक व वज्र के इंचार्ज को बैंक के अंदर मौजूद रजिस्टर में अपनी उपस्थित दर्ज करानी होगी। अगर कोई भी लापरवाही करते पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

रात में तीन एक्शन मोबाइल

एसएसपी ने रात में भी मनचलों, अन सोशल एलीमेंट्स और संदिग्धों पर नजर रखने के लिए तीन एक्शन मोबाइल गाडिय़ों की ड्यूटी लगाई है। इनकी लोकेशन सिटी के मेन चौराहों पर रहेगी। इन गाडिय़ों पर पुलिस अधिकारियों के ऑफिस में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। इनकी ड्यूटी टाइम शाम साढ़े पांच बजे से साढ़े आठ बजे तक होगी। प्रत्येक एक्शन मोबाइल पर 12 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।

एक ही जगह रहती थी खड़ी

बता दें कि पहले सिटी में एक ही वज्र मोबाइल चलता था। पूर्व एसएसपी ने इसे बंद कर दिया था। नए एसएसपी ने आते ही वज्र को दोबारा शुरू कर दिया। वज्र के अलावा पांच रक्षक मोबाइल गाडिय़ों की भी ड्यूटी लगाई जाती थी। लेकिन अक्सर इन गाडिय़ों को एक ही प्वॉइंट पर खड़ा कर दिया जाता था। इनका मूवमेंट नहीं होता था। इसी को ध्यान में रखते हुए एसएसपी ने इन्हें स्कूल्स व बैंक्स के बाहर लगाने का निर्णय लिया है। इनकी ड्यूटी हर आधे घंटे बाद चेंज होती रहेगी। बैंकों के बाहर सभी मोबाइल गाडिय़ों को करीब दो बजे तक ड्यूटी करनी ही होगी। क्योंकि इसी दौरान बैंक में पैसों के लेन-देन का काम ज्यादा होता है।