नए connection की subsidy अधर में

14 सितंबर को सब्सिडी में कटौती की घोषणा के बाद स्टेट में जितने भी नए कनेक्शन बांटे गए हैं, उनमें से किसी कंज्यूमर के एड्रेस का फिजिकल वैरीफिकेशन नहीं किया गया है। एक वजह ये भी है कि एजेंसीज को पूरी कवायद के लिए एक्स्ट्रा स्टाफ नहीं दिया गया था। जबकि डाटा ऑनलाइन करने के लिए एजेंसीज को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। फ्री सेल कैटेगरी में जारी हुए कनेक्शन पर सब्सिडी दिए जाने का फैसला अभी लंबित है। चंूकि एड्रेस का वैरीफिकेशन किए बिना सब्सिडी नहीं दी जा सकती है। इसलिए एड्रेस वैरीफिकेशन और केवाईसी की एक और अनचाही कवायद की आहट सुनाई देने लगी है।

समस्या तो अब आएगी

सब्सिडी की तय हुई मियाद के बाद एजेंसीज ने नया कनेक्शन देना बंद कर दिया था। मगर कंपनीज से डायरेक्शन जारी होने के बाद अक्टूबर लास्ट वीक से कनेक्शन फिर जारी होने लगे। कंपनीज से मिले आकड़ों के मुताबिक, बरेली सिटी में 2,500 कनेक्शन जारी हुए हैं। खास बात ये है कि नए कनेक्शन का एड्रेस वैरीफाइ नहीं किया गया है। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि जारी हुए सभी कनेक्शन नॉन सब्सिडाइज्ड रेट के हैं। ऐसे में कंपनीज का इसमें कोई नुकसान नहीं है। लिहाजा उन्होंने बिना सत्यापन किए ही नए कनेक्शन जारी करने में कोताही नहीं की। अब दिक्कत तो नेक्स्ट स्टेप पर होगी। जब सब्सिडाइज्ड सिलेंडर की बारी आएगी।

जल्द आएगा फैसला

अब सभी कनेक्शन का ब्यौरा राष्ट्रीय सूचना आयोग (एनसीआई) को भेजा जाना है। इन आकड़ों के आधार पर जल्द ही सब्सिडी का फैसला किया जाना है। सोर्सेज के मुताबिक, बिना एड्रेस वैरीफाइ किए सब्सिडी नहीं दी जा सकती है। नतीजा ये होगा कि 30 नवंबर को केवाईसी की प्रक्रिया खत्म होते ही, वैरीफिकेशन का एक और फेज कंज्यूमर्स का इंतजार कर रहा है।

हमारे लिए ऐसे कनेक्शन को जांचना मुश्किल होता है। न तो हमें अतिरिक्त स्टाफ दिया गया और न ही कोई फैसिलिटी। ये सारी प्रॉब्लम व्यवस्था के ऑनलाइन होने के बाद पूरी तरह से दूर हो पाएगी।

-रंजना सोलंकी, प्रेसीडेंट गैस डीलर एसोसिएशन

 

ये सही है कि कनेक्शन बिना फिजिकल वैरीफिकेशन के नहीं जारी किए जाते हैं। सभी गैस कनेक्शन के आकड़ों को एनआईसी को भेजा जाना है, जिसके बाद नए जारी कनेक्शन का वैरीफिकेशन किया जाएगा। अगर कोई गड़बड़ी नहीं मिलती है तो उनको सब्सिडी वाले सिलेंडर प्रोवाइड करना शुरू कर दिया जाएगा।

-पी प्रकाश, इंडेन गैस

दो तरीके के connection

गैस कनेक्शन लेने के दो तरीके होते हैं। एक ट्रेडिशनल और दूसरा प्रायरिटी बेस पर। ट्रेडिशनल मैथड में कंज्यूमर के बताए पते पर एजेंसी की तरफ से पोस्टल डिपार्टमेंट को लेटर भेजा जाता है। जब कंज्यूमर यह लेटर लेकर एजेंसी आता है, तो पता प्रमाणित मानते हुए कनेक्शन जारी हो जाता है। प्रायरिटी वाले दूसरे तरीके में कंज्यूमर्स के बताए पते को सही मानते हुए तुरंत कनेक्शन जारी कर दिया जाता है। बीती 14 सितंबर को सब्सिडी में कटौती होने के बाद से जारी हुए सारे कनेक्शन फ्री सेल कैटेगरी में दिए गए हैं। मतलब ये कि इन कनेक्शन पर कंज्यूमर्स को सब्सिडी वाला 419 रुपए का सिलेंडर नहीं मिलेगा। उन्हें 931 रुपए वाले नॉन सब्सिडाइज्ड सिलेंडर की सप्लाई की जाएगी।