बरेली(ब्यूरो)। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान यानि आईवीआरइआई इज्जतनगर के कृषि प्रोद्योगिकी सूचना केंद्र के सभागार में मंडे को सात दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हुआ। इसमें लेह, लद्दाख के जिला भेड़पालन कार्यालय के विभाग कर्मियों के लिए गैर पारंपरिक फीड का उपयोग, खाद और परजीवी रोग निदान के प्रशिक्षण का समापन हुआ। कार्यक्रम भेड़पालन विभाग लेह, लद्दाख ने प्रायोजित किया। संयुक्त निदेशालय आईवीआरआई ने आयोजित किया था। इसमें दो पशु चिकित्सा अधिकारियों सहित कुल छह प्रशिक्षणार्थी ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिए गए। इसके समन्वयक व प्रभारी कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र ने प्रतिभागियों को उनके प्रशिक्षण के सफल होने की बधाई दी।
ये विषय रहे अहम
प्रतिभागियों ने कहा की यह प्रशिक्षण हमारे लिए बहुत लाभदायक रहा। यहां हमने विभिन्न विषय जिनमें प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखना, पशुधन स्वास्थ्य, उत्पादन के लिए डिजिटल उपकरण, लद्दाख में पशु आहार अनुभव, बाधाएं और अवसर, लद्दाख में पशुधन के लिए खनिज मिश्रण तैयार करने पर अभ्यास और फीड नमूनों का अनुमानित विश्लेषण शामिल हैं। लद्दाख में डेयरी पशुओं के लिए संतुलित आहार का निर्माण, प्रोबायोटिक्स और पशु आहार में उनकी भूमिका, पहाडिय़ों में जैविक पशुपालन समस्याएं और बाधाएं, यूरिया मोलासेस मिनरल ब्लॉक फीडिंग, यूएमएमबी और सीसीएफबी की तैयारी पर अभ्यास, रोग निदान के लिए प्रयोगशाला तकनीकों पर अभ्यास, वर्मी खाद और यांत्रिक खाद, चारा उत्पादन आदि के बारे में व्यावहारिक ज्ञान व प्रैक्टिकल भी सीखा।