-कवि सम्मेलन के साथ हुआ मेले का समापन

BAREILLY: फ्ब्वें तीन दिवसीय वाल्मीकि सदभावना मेले के समापन पर कवियों की जुगलबंदी ने श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी। वहीं विभिन्न कल्चरल प्रोग्राम में भी पार्टीसिपेंट्स ने लोगों का मन मोहा। प्रोग्राम इनॉग्रेशन डीआरएम(एनईआर) चन्द्रमोहन जिन्दल ने किया। कार्यक्रम के दौरान मेला अध्यक्ष मनोज थपलियाल, मेला निदेशक गोपाल विनोदी, संयोजक महेन्द्र अग्रवाल, सह संयोजक आकाश पुष्कर, सुनील दत्त, विश्वास महाजन, मीडिया प्रभारी विकास महर्षि, युवा अध्यक्ष बन्टी सिंह, अखिल विराट, संजय वाल्मीकि, मोहित थपलियाल, रोहित थपलियाल, योगेश बन्टी, जुगल किशोर व अन्य लोग माैजूद रहे

कवियों ने बांधा समां

कवि सम्मेलन में कुंवर विश्वजीत निर्भय ने 'हजारों लोग दुनिया में शिकारी बनने वाले हैं, पुराने कई बन्दर अब मदारी बनने वाले हैं', राहुल अवस्थी ने 'हमारे सामने इतिहास जब मुर्दा पड़ा होगा, समूचे विश्व में पहचान का संकट खड़ा होगा', रोहित ''हैंग'' ने सबके मुंह पर क्यों है ताला पता चले, यह भी सारा गड़बड़ झाला पता चले', सीमा प्रधान ने भावनाएं जताना चाहती हूँ मैं, वहीं सरहद पे सर कटाना चाहती हूँ मैं' जैसे ही बेहतरीन कविताओं से कवियों और कवित्रियों ने सभी का मन मोह लिया।