-नई सीसीटीवी फुटेज में सामने आयी बात, तलाश जारी
-साफ है कि एक बदमाश प्लान के तहत पहले से था मौजूद
BAREILLY: टॉप कैरेट ज्वैलर्स लूटकांड में पुलिस 9 दिन बाद भी खाली हाथ है, लेकिन पुलिस को इस केस में रोजाना नए-नए क्लू मिल रहे हैं। मंडे को पुलिस के हाथ एक और सीसीटीवी फुटेज लगी है। यह फुटेज शहर में बदमाशों की एंट्री करते हुए की है। इस फुटेज में बाइक पर सिर्फ दो ही बदमाश नजर आ रहे हैं। जबकि शोरूम के अंदर तीन बदमाश घुसे थे और बाद में तीनों ही बाइक से भागे थे। इससे साफ हो गया है कि एक बदमाश पहले से ही शहर में मौजूद था और बदमाशों ने लूट की पहले से ही पूरी प्लानिंग कर रखी थी। अब पुलिस बदमाशों को ट्रेस करने में लगी हुई है। पहले और अब नई मिली फुटेज के बाद पुलिस कई अलग-अलग थ्योरी पर काम कर रही है।
1-शहर में एंट्री के दौरान बाइक पर दो ही बदमाशों से साफ है कि एक बदमाश शहर में पहले से मौजूद था। हो सकता है कि वह आसपास का रहने वाला है और उसी ने ज्वैलरी शॉप की रेकी की हो।
2-हो सकता है कि तीसरा बदमाश शहर के किसी एरिया का रहने वाला हो या फिर शहर से बाहर का हो लेकिन वह पहले ही किसी वाहन से यहां पहुंच गया हो।
3-लूट के बाद भागते हुए तीन बदमाश बाइक पर बैठे थे, जिसमें सबसे पीछे सफेद शर्ट वाला बैठा था, लेकिन शहर में एंट्री करते हुए बदमाशों की जो फुटेज पुलिस को मिली है उसमें वह नहीं दिखा।
4-लूट के बाद जाते वक्त फुटेज में सफेद शर्ट वाला शोरूम के बाहर सबसे पीछे बाइक पर बैठा था लेकिन रास्ते की फुटेज में वह बीच में बैठा था।
5-शहर में पहले से बदमाश के मौजूद होने के चलते अब पुलिस की नजर ज्वैलर्स के जानकारों की ओर जाकर टिक गई है।
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बदमाशों को दी जा रही थर्ड डिग्री
लूटकांड के खुलासे के लिए पुलिस पुराने गैंग के बदमाशों की भी धरपकड़ में लग गई है। इसके लिए क्राइम ब्रांच से निकाले गए पुलिसकर्मी भी लग गए हैं। इसी क्रम में कई लूट में शामिल महेश पुत्र उमाकांत को भी पकड़कर बारादरी लाया गया। पुलिस बदमाशों पर सख्त रुख भी अपना रही है, ताकि किसी भी तरह से वारदात का खुलासा हो सके। महेश का आरोप है कि 4 वर्ष से उसने कोई क्राइम नहीं किया है। क्राइम ब्रांच की टीम उसे थाने में थर्ड डिग्री दे रही है। उसे 70 से अधिक पटे मारे जा चुके हैं।
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सुपुर्दगी में दिए गए संदिग्ध, जांच जारी
लूटकांट में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पकड़े गए शांति विहार के सूरज यादव और शोभित चौहान का अभी तक की पुलिस जांच में कोई रोल नहीं आया है। पीएफ ऑफिस के बाहर लंच के दौरान 40 मिनट रुकने, वहां की लाइन में तीसरे नंबर पर लगने और फिर बहनोई को पीएफ से जुड़ा मैसेज भेजने को वेरीफाई करने के बाद पुलिस ने उन्हें परिजनों की सुपुदर्गी में दे दिया है। हालांकि पुलिस उन पर नजर रखे हुए है और कुछ भी संदिग्ध मिलने पर फिर से पूछताछ हो सकती है।