हॉलमार्किंग यूनीक आईडी की अनिवार्यता के विरोध में बंद रहा सर्राफा मार्केट
-ज्वेलर्स ने कारोबार के ऑनलाइन रिकार्ड को बताया अपने और कस्टमर्स के लिए खतरा
बरेली। सर्राफा कारोबार में ट्रांसपेरेंसी कारोबारियों को रास नहीं आ रही है। कारोबार का रिकार्ड ऑनलाइन होने से उन्हें अपनी और कस्टमर्स की सुरक्षा भी खतरे में लग रही है। सरकार की ओर से हॉलमार्किंग यूनीक आईडी की अनिवार्यता के विरोध में मंडे को सर्राफा कारोबारियों ने अपना कारोबार बंद रखा। इसके चलते आलमगिरी गंज और साहूकारा में सभी ज्वेलरी शॉप्स के शटर पूरे दिन गिरे रहे। यहां कारोबारियों ने सरकार के खिलाफ नाराजगी भी जताई।
एचयूआईडी से ज्वेलरी की ओपन होगी डिटेल
ज्वेलरी की शुद्धता की प्रमाणिकता के लिए सरकार ने 15 जून से हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद सरकार ने ज्वेलरी कारोबारियों को उनके स्टाक में मौजूद सभी पुरानी ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग के लिए 31 अगस्त तक की मोहलत दी थी। मोहलत का समय पूरा होने से पहले कारोबारी इसके विरोध में उतर आए हैं। मंडे को आलमगिरिगंज मार्केट में शॉप्स के बाहर जुटे कारोबारियों ने बताया कि हॉलमार्किंग से उनके स्टाक की पूरी डिटेल ऑनलाइन हो जाएगी। इससे उनके कारोबार को भी नुकसान हो सकता है और उनकी सुरक्षा को भी। कारोबारियों ने सरकार के फैसले को पूरी तरह गलत और उनको परेशान करने वाला बताया।
बेची गई ज्वेलरी को बदलना मुश्किल
एचयूआईडी पॉलिसी के तहत अब कारोबारियों को बेची गई हर ज्वेलरी पीस की एचयूआईडी और जिस कस्टमर को यह ज्वेलरी बेची, उसकी डिटेल बीआईएस पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इसके बाद अगर कोई कस्टमर परचेज की गई ज्वेलरी को चेंज करने के लिए उनके पास आता है तो, वह उसकी कोई मदद नहीं कर सकते हैं। पोर्टल में ऐसा कोई प्रावधान नहीं होने का खामियाजा कस्टमर को भी उठाना पड़ेगा और उन्हें भी। इसके अलावा बीआईएस पोर्टल पर अपलोड की गई डिटेल से उनकी और कस्टमर्स की ट्रैकिंग भी हो सकती है। इसका असर उनके कारोबार पर भी पड़ेगा।
बंदी का कारोबार पर असर कम
एचयूआईडी के विरोध में मंडे को सर्राफा मार्केट बंद रहने से कारोबार बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं रहा। यह हुआ रक्षाबंधन पर्व की वजह है। पर्व से पहले मार्केट में खरीदारों की भारी भीड़ जुटी रही ओर लोगों ने अपने जरूरत की चीजों की जमकर खरीदारी भी की। पर्व के अगले दिन खुले मार्केट में खरीदारों का टोटा रहा। इससे मार्केट में पूरे दिन सन्नाटा सा पसरा रहा।
कारोबारियों की बात
एचयूआईडी का सराफ कारोबारी पूरी तरह विरोध करेंगे। सरकार की यह पॉलिसी सराफा कारोबार के साथ ही कारोबारियों के लिए भी घातक है। ज्वेलरी का स्टाक और कस्टमर्स की पूरी जानकारी ऑनलाइन होने से दोनों की सुरक्षा को भी खतरा है। सरकार की मनमानी को बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
राजकुमार अग्रवाल, अध्यक्ष सराफा एसोसिएशन
एचयूआईडी के अलावा बेची गई ज्वेलरी और कस्टर की जानकारी ऑनलाइन करने की प्रक्रिया तर्कसंगत नहीं है। सरकार एक बार फिर इंस्पेक्टर राज कायम करना चाह रही है.कारोबारी इसका हर हाल में विरोध करेंगे।
दिलीप रस्तोगी, कारोबारी
सरकार छोटे सराफा कारोबारियों को बर्बाद करना चाह रही है। कारोबार की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करना उनके भी हित में नहीं है और कस्टमर्स के भी हित में नहीं है। सरकार को इसकी खामियों के बारे में सोचना होगा।
मनोज कुमार, कारोबारी
ज्वेलरी की हॉलमार्किंग से कारोबारियों को कोई परेशानी नहीं है, पर बेची गई ज्वेलरी के साथ ही जिसको यह बेची, उसका रिकार्ड पोर्टल पर अपलोड करने का वह विरोध करते हैं। इसको किसी भी सूरत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा।
कन्हैया, कारोबारी
सर्राफा कारोबार ग्राहकों और कारोबारी के बीच वर्षो से चले आ रहे भरोसे से चल रहा है। इसी भरोसे के बल पर ही कई बार ग्राहक पसंद करने के लिए बिना भुगतान किए भी ज्वेलरी ले जाता है। बाद में वह पसंद की ज्वेलरी को खरीदता है। सरकार अब इस भरोसे और परंपरा को तोड़कर कारोबार प्रभावित कर रही है।
शैलेन्द्र, कारोबारी
सरकार की एचयूआईडी नीति किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराई जा सकती। यह नीति कारोबार को प्रभावित करने वाली है। सरकार ने बिना कारोबार की बारीकियों को समझे ही इसे हम पर थोपा है। अभी तो एक दिन का बंद रखकर इस नीति का विरोध किया गया है, अगर सरकार नहीं मानी तो आगे विरोध और भी तेज होगा।
सुनील कुमार, कारोबारी
फैक्ट फाइल
425 : ज्वेलरी शॉप्स हैं शहर में
20 : से अधिक हैं बड़े ज्वेलरी शोरूम्स
05 : करोड़ से अधिक का शहर में कारोबार हुआ प्रभावित