स्कूल 1
बीबीएल पब्लिक स्कूल
आई नेक्स्ट टीम ने बीबीएल पब्लिक स्कूल की कैंटीन में जाकर देखा तो यहां की रेट लिस्ट में ही चिप्स, कुरकुरे क ो शामिल किया गया है। कैंटीन के संचालक राधेश्याम ने बताया स्टूडेंटस के लिए चिप्स, कुरकुरे, बर्गर, समोसे आदि लाए जाते हैं। पहले तो यहां कोल्ड ड्रिंक भी सेल करते थे, पर अभी कुछ दिन से इसे सेल करने से स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन ने रोक लगा दी है। बीबीएल पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल दीपक अग्रवाल ने बताया उनके स्कूल की कैंटीन में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है पर कैंटीन में जंक फूड न देने की बात पर बोले उन्हें ऐसे किसी भी शासनादेश की कोई जानकारी नहीं है।
स्कूल 2
हार्टमैन कॉलेज
आई नेक्स्ट टीम ने जब हार्टमैन कॉलेज की कैंटीन के बारे में कॉलेज के स्टूडेंटस से बात की और वहां का जायजा लिया तो यहां भी जंक फूड की ही भरमार दिखी। कैंटीन संचालक अबरार ने बताया उनकी कैंटीन में बर्गर, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक सभी कुछ मिलता है। अबरार यहां तकरीबन 10 साल से कैंटीन संचालित कर रहे हैं। हार्टमैन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। हरमन मिंज ने बताया कि उनके स्कूल कैं टीन में बच्चों के पसंद की सभी आइटम्स मिलते हैं। उनसे स्कूल में जंक फूड न सेल किए जाने के बारे में पूछने पर उन्होंने इस बारे में अनभिज्ञता ही जताई। कहा अगर ऐसा कोई शासनादेश जारी हुआ है तो उस पर विचार किया जाएगा।
स्कूल 3
जीआरएम पब्लिक स्कूल
आई नेक्स्ट टीम जब जीआरएम पब्लिक स्कूल में पहुंची तो यहां एक छोटी सी खिड़की पर भीड़ लगाकर स्टूडेंट खड़े थे। देखने पर पता लगा कि यहां एक छोटा सा किचेन है, जहां स्टूडेंटस के लिए पैक्ड चिप्स मिल जाते हैं। स्कूल के डायरेक्टर राजेश जौली से बात करने पर उन्होंने बताया कि अभी स्कूल में प्रापर कैंटीन की व्यवस्था नहीं है। हम जल्दी ही स्कूल में फुल फ्लेस्ड कैंटीन चालू करेंगे। जिसमें बच्चों के पसंद के सभी आइटम्स मौजूद रहेंगे। हालांकि स्कूल में जंक फूड सेल न करने पर उन्होंने जानकारी न होने की बात कही। वहीं यह भी बताया कि अभी स्कूल में स्टूडेंटस के लिए पैकेट वाले आइटम्स मिल जाते हैं।
स्कूल 4
अल्मा मातेर पब्लिक स्कूल
एट लास्ट आई नेक्स्ट टीम ने आल्मा मातेर का रु ख किया। यहां भी बच्चों के लिए एक कैंटीन की व्यवस्था है। इस कैंटीन में भी जंक फूड की ही भरमार है। कैंटीन संचालक मुकुल ने बताया कैंटीन में बर्गर, चिप्स, पेटीज, कोल्ड ड्रिंक सभी कुछ मिलता है। स्कूल के एडमिनिस्ट्रेटर राजीव ढींगरा ने बताया स्कूल कैंटीन में जंक फूड न सेल किए जाने के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि उनकी कैंटीन में कोल्ड ड्रिंक, चिप्स आदि पैकेट वाले आइटम्स ही सेल किए जाते हैं। इनसे बच्चों को कोई नुकसान नहीं होता है।
कोर्ट ने भी किया है सख्त रुख अख्तियार
समय-समय पर जंक फूड को लेकर कोर्ट भी अपना सख्त रुख दिखा चुका है। दिल्ली हाईकोर्ट इस पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय मंत्रालय को एक रोडमैप तैयार करने के लिए भी डायरेक्शंस दे चुका है। राज्य सरकार का यह जीओ इसी का नतीजा है।
राज्य सरकार ने लगाया प्रतिबंध
राज्य सरकार ने स्कूलों के कैंटीन में धड़ल्ले से बेचे जा रहे जंक फूड पर लगाम लगाने की ठान ली है। थर्सडे को जारी जीओ में शासन ने स्टेट के सभी यूपी, सीबीएसई और आईसीएसई के स्कूलों की कैंटीन में और कैंपस के बाहर बेचे जा रहे जंक फूड पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार नियोजन के निर्देश पर यह कदम उठाया गया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सेक्रेट्री वासुदेव यादव ने भी सभी जंक फूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और हाई शुगर वाले फूड आइटम्स को स्कूल परिसर और उसके बाहर बेचे जाने पर रोक लगाने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने सभी डीआईओएस को इसका कड़ाई से पालन करने के भी निर्देश दिए हैं। खासकर वे फूड आइटम्स जिनमें हाई लेवल का ट्रांस फैट मौजूद होता है।
क्या है जंक फूड
फूड स्टैंडर्ड एजेंसीज की रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 1972 में सेंटर फॉर साइंस इन पब्लिक इंट्रेस्ट के डायरेक्टर माइकल जैकबसन ने यह नाम दिया। उनके अनुसार जंक फूड वे फूड आइटम्स हैं जो पब्लिक के लिए हेल्थी नहीं हैं और जिसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू बेहद पूअर है।
क्या कहता है सीएसई
सेंटर फॉर साइंस एंड इंवॉयरमेंट की हेड सुनिता नारायण का जंक फूड पर कहना है कि यह वह स्वीट प्वॉयजन है जो इंसान को धीरे-धीरे मारता है। उनके अनुसार जंक फूड में हाई लेवल के ट्रंस फैट, शुगर और सॉल्ट होते हैं। जो इंसान में मोटपा, डाइबिटीज और हाइपरटेंशन को बढ़ाते हैं।
स्कूल की कैंटीन में मिलने वाले जंक फूडस में केवल कार्बोहाइड्रेट और फै ट ही होता है। पोटैटो, समोसे या कोल्ड ड्रिंक्स किसी में विटामिन या प्रोटीन जैसा कोई न्यूट्रीशन नहीं होता है। और जो चीजें कैंटीन में ही तैयार की जाती हैं उनमें भी ऑयल की मात्रा काफी ज्यादा होती है। यह ऑयल भी अधिकांशत: काफी दिनों से यूज होने की वजह से कम नुकसानदायक नहीं होता है. अच्छा हो स्कूल कैंटीन में जंक फूड की जगह फ्रूट जूस, बटर मिल्क, वेजिटेबल सैंडविच जैसे ऑप्शंस बच्चों को प्रोवाइड कराए जाएं।
-डॉ। रितू राजीव, डायटीशियन