-प्लेटफॉ‌र्म्स पर अनअप्रूव्ड पानी और नकली कोल्डड्रिंक्स की बिक्री जोरों पर

-बिना एमआरपी की बोतल पर 15 से 20 रुपए की वसूली, मुसाफिर मजबूर

-वॉटर कूलर की कूलिंग गायब, प्लेटफॉ‌र्म्स पर ठंडे पानी की सुविधा नहीं

BAREILLY:

गर्मी के तल्ख तेवर बढ़ने के साथ ही जंक्शन पर पानी के अवैध कारोबार में भी तेजी आ गई है। ठंडे पानी की किल्लत में मुसाफिरों को रेलवे से अनअप्रूव्ड पानी बेचकर अवैध कारोबारी अपनी चांदी काट रहे हैं। जंक्शन के प्लेटफॉर्म क् से ही पानी के अवैध कारोबार का खेल धड़ल्ले से चल रहा है, लेकिन रेलवे अधिकारियों व जीआरपी की निगाहें इस खेल से खुद को बेखबर बता रही हैं। रेलवे से अनअप्रूव्ड पानी व कोल्ड ड्रिंक्स बेचने के धंधे में सिर्फ अवैध वेंडर्स ही नहीं बल्कि लीगल वेंडर्स भी मोटा मुनाफा काट रहे हैं। खास बात यह है कि रेलवे के ही कई 'बड़े' जिम्मेदारों की सरपरस्ती में ही इस खेल को अंजाम दिया जा रहा है।

गर्म पानी दे रहे वॉटर कूलर्स

जंक्शन पर साफ व ठंडे पानी की दिक्कत एक बार फिर शुरू हो गई है। रेलवे की ओर से ए कटेगरी वाले जंक्शन पर मुसाफिरों की प्यास बुझाने के इंतजाम नाकाफी है। प्लेटफॉर्म क् पर यूं तो ठंडे पानी के लिए फ् वॉटर कूलर्स लगे हैं, लेकिन मुसाफिरों को प्यास बुझाने के लिए ठंडा पानी नहीं मिल रहा। वहीं प्लेटफॉर्म क् पर ही पानी के कुल क्9 बूथ हैं, जिनमें आधे से ज्यादा पर 'शीतल जल' की मोहर चस्पा है। लेकिन इनमें से एक भी बूथ पर ठंडा पानी मयस्सर नही। मुसाफिर ठंडे पानी की उम्मीद में सादा पानी पीने को ही मजबूर हैं।

गर्मी-गंदगी में बुझ्ा रही प्यास

जंक्शन के प्लेटफॉर्म ख्, फ् व ब् की हालत तो बेहद बदतर है। इन तीनों प्लेटफॉर्म में मुसाफिरों की प्यास बुझाने के लिए एक भी वॉटर कूलर का इंतजाम नहीं है। ठंडा पानी तो दूर मुसाफिरों को तेज धूप से बचने के लिए शेड तक मयस्सर नहीं। पानी के जो भी बूथ इन प्लेटफॉर्म पर हैं, उनमें से ज्यादातर खुली धूप तले हैं। वहीं कई बूथ के टैब खराब हैं। जबकि कई पानी के बूथ गंदगी से बेहाल पड़े हैं। सोर्सेज ने बताया कि गर्मियों में पानी के अवैध कारोबार को बढ़ावा देने को ही इन वॉटर बूथ की मेंटनेंस और सफाई से कन्नी काटी जाती है।

लोकल पानी पर मिनरल की वसूली

सोर्स बताते हैं कि जंक्शन पर अनअप्रूव्ड पानी की बोतलों की खपत रेल नीर सहित अन्य मिनरल वॉटर की बोतलों से करीब क्0 गुनी ज्यादा है। गर्मी बढ़ते ही यह खपत और बढ़ जाती है। इस अनअप्रूव्ड पानी की बोतल की कीमत करीब म्-7 रुपए पड़ती है, लेकिन इसको क्भ् से ख्0 रुपए में बेचा जा रहा है। खास बात यह कि इन बोतलों पर एमआरपी भी प्रिंट नहीं रहता। लेकिन वेंडर्स इसे क्8-ख्0 रुपए में मनमर्जी से बेचते हैं। ट्रेन में बैठे प्यास से बेहाल मुसाफिर वेंडर्स की ओर से दी जा रही इस अनअप्रूव्ड पानी की बोतलें लेने को मजबूर हाेते हैं।

केमिकल वाली नकली काेल्डड्रिंक्स

रेलवे की ओर से जंक्शन व ट्रेनों के अंदर पानी की चुनिंदा ब्रंाड ही बिकने की मंजूरी देता है। इनमें रेलनीर के अलावा किनले, एक्वाफीना, बिसलेरी और बेली मिनरल वॉटर खास हैं। पानी के इन ब्रांड्स की जगह लोकल पानी बिकने से रेलवे को गर्मियों में लाखों का नुकसान होता है। वहीं जंक्शन के वाशिंग लाइन से लेकर सुभाषनगर व माल गोदाम रोड पर नकली कोल्डड्रिंक्स बनाने का काम भी धड़ल्ले से चलता है। खतरनाक केमिकल से तैयार होने वाली यह नकली कोल्डड्रिंक्स असल कोल्डड्रिंक्स की पैकेजिंग पर तैयार की जाती है जो मुसाफिरों की जेब पर ही नहीं उनकी सेहत के साथ भी खिलवाड़ कर रही।

सुभाषनगर से शाहजहांपुर तक खेल

जंक्शन पर सोर्स बताते हैं कि अनअप्रूव्ड पानी की बोतलों व नकली कोल्डड्रिंक्स का खेल सुभाषनगर से लेकर शाहजहांपुर तक ऑपरेट होता है। सुभाषनगर से अवैध वेंडर्स अनअप्रूव्ड खाने-पीने का सामान प्लेटफॉर्म पर बेचते हैं। वहीं माल गोदाम रोड पर ही अनअप्रूव्ड पानी का गोदाम बना हुआ है। जहां से ख्ब् घंटे जंक्शन पर अनअप्रूव्ड पानी की बोतलों की सप्लाई होती है। पिछले साल जंक्शन पर पानी के इस अवैध कारोबार पर नकेल कसने का काम शुरू हुआ तो, पानी के कारोबारियों ने शाहजहांपुर से इस धंधे का संचालन शुरू कर दिया। जीआरपी व आरपीएफ की शह के चलते अवैध वेंडर्स बेरोकटोक इस कारोबार को अंजाम दे रहे।

बाक्स लगाए--------

वॉटर सप्लाई रोकने का खेल

गर्मी शुरू होते ही रेलवे कर्मचारियों से सांठ गांठ कर जंक्शन पर पानी का अवैध कारोबार फलता फूलता है। गर्मी में कई बार जंक्शन के सभी प्लेटफॉर्म पर पानी की सप्लाई रोक कर किल्लत पैदा कर दी जाती है। मुसाफिरों के कंप्लेन करने पर उन्हें अक्सर टंकियों की मेंटनेंस या मोटर फुंकने की दलील देकर टरका दिया जाता है। रेलवे की टंकियों से पानी की सप्लाई रुकते ही मुसाफिरों को प्यास बुझाने के लिए अनअप्रूव्ड लोकल पानी का ही सहारा लेना पड़ता है। चूंकि इस पानी की हर बोतल पर 8 से क्ब् रुपए का मुनाफा होता है इसलिए वेंडर्स यही पानी मुसाफिरों को बेचते हैं। जबकि रेलवे से अप्रूव्ड पानी की बोतल पर वेंडर्स को बमुश्किल डेढ़ से ख् रुपए का ही मुनाफा मिलता है।

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अनअप्रूव्ड पानी और कोल्डड्रिंक्स बेचने के मामले की जंाच काई जाएगी। टीमें गठित कर इंस्पेक्शन कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। खराब वॉटर कूलर्स रिपेयर कराने के लिए मुरादाबाद डिविजन को लेटर भेजा गया है। - आरबी सक्सेना, एसएस