Museum में मस्ती
स्टूडेंट्स ने जाट रेजीमेंट सेंटर के म्यूजियम में खूब मस्ती की। म्यूजियम में स्टूडेंट्स के ग्रुप्स को एक-एक करके लाया गया। वहीं अन्य ग्रुप्स इतनी देर में वॉर मेमोरियल, क्वार्टर गार्ड और ट्रेनिंग बटालियन के साथ रहे। वॉर मेमोरियल में उन्होंने शहीदों को नमन किया। क्वार्टर गार्ड में जेआरसी के बारे में जाना। वहीं म्यूजियम में रखे तमाम उपकरणों को देखकर स्टूडेंट्स ने सवालों की झड़ी लगा दी। मसलन, यह टैंकर कब यूज हुआ, नक्शे से क्या हुआ वगैरह-वगैरह। वहीं आर्मी ऑफिसर्स ने भी उनके सभी सवालों के जवाब धैर्यपूर्वक दिए।
देखे advance device
जैसे स्टूडेंट्स का ग्रुप मॉडल रूम में पहुंचा, उनके सवाल बढऩे लगे, इसकी वजह यहां रखे इंप्रोवाइज एक्सप्लोजिव डिवाइस थे, जिन्हें आम तौर पर टेरेरिस्टिक अटैक्स में यूज किया जाता है। यहां उन्हें मुंबई हमले से लेकर देश-विदेश में हुए आतंकी हमलों में यूज होने वाले एक्प्लोजिव्स के बारे में बताया गया।
Tough है training
जेआरसी रिक्रूट्स की ट्रेनिंग देखकर स्टूडेंट्स ने कहा, इट्स वेरी टफ। उन्होंने माना कि अगर यह ट्रेनिंग टफ नहीं होगी तो जवान दुश्मनों के छक्के कैसे छुड़ा पाएंगे। ट्रेनिंग के दौरान स्टूडेंट्स ने ड्रिल, फायरिंग, वीपन ट्रेनिंग, बैनेट फाइटिंग देखी। स्टूडेंट्स ने ट्रेनिंग के डेमो की भ्डिमांड की पर उन्हें इसके लिए बाद में करने को कहा गया। स्टूडेंट्स ने ड्रिल, बैनेट फाइटिंग आदि की जरूरत भी जानी।
Movies, lecture & game
प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स को जेआरसी की हिस्ट्री से रिलेटेड रेजीमेंटल मूवी दिखाई गई। इसके बाद एआरओ सूबेदार मेजर श्री निवासन ने स्टूडेंट्स को आर्मी ऑफिसर्स के रिक्रूटमेंट के लिए टिप्स दिए। उन्हें इसके लिए प्रिप्रेशन करना भी बताया। इसके बाद स्टूडेंट्स के साथ रिक्रूट्स ने वॉलीबॉल और बास्केटबॉल के फ्रेंडली मैच खेले। दोनों ही मैच ड्रॉ रहे।
यहां आकर अच्छा लगा, मुझे माउंटेन क्लाइम्बिंग में मजा आ गया। म्यूजियम, ट्रेनिंग सभी मेरे लिए एडवेंचरस था। हमने यहां मस्ती भी की। अब मैं आर्मी ज्वॉइन करने के लिए ट्राई करूंगा।
-हरीश शर्मा, क्लास-12, आर्मी पब्लिक स्कूल
मैंने तो पहली बार इतनी टफ ट्रेनिंग देखी, पर मुझे यहां का डिसिप्लिन काफी अच्छा लगा। हमने यहां फ्रेंड्स के साथ पिकनिक की। मुझे लगता है कि मैं आर्मी में जा सकती हूं।
-ममता सिंह,क्लास-12, आर्मी पब्लिक स्कूल
मुझे आर्मी टे्रनिंग काफी एडवेंचरस लगी पर मैं एक इंजीनियर के तौर पर आर्मी ज्वॉइन करना चाहता हूं। ताकि मैं इंडियन आर्मी को एडवांस टेक्नोलॉजीज से इक्विप्ड बना सकूं।
-प्रशांत, क्लास-10, केवी जेआरसी
मुझे यहां आकर काफी अच्छा लगा। मुझे नई जानकारियां भी मिलीं। आर्मी का डिसिप्लिन काफी टफ है। पर इसे फॉलो करके ही हमारे जवान फिट रह पाते हैं।
-रंजना जोशी, क्लास-10, केवी जेआरसी