शाहबाद से जाटवपुरा

संडे को दंगे की शुरुआत शाहबाद चौकी के पास से ही हुई थी। यहां पर दो समुदाय के लोग लाउडस्पीकर बजाने को लेकर आपस में भिड़ गए थे, जिसके बाद ही आग की तरफ फैली खबर ने दंगे का रूप ले लिया था। दूसरे दिन शाहबाद में हालात सामान्य नजर आए, लेकिन तनाव साफ नजर आ रहा था। लोग घरों की छतों पर जमे थे। पुलिस का फ्लैग मार्च पूरे एरिया में होता रहा। शाहबाद से जाटवपुरा तक के चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात नजर आए। यहां की मुख्य गलियों में इक्का दुक्का लोग घुमते नजर आए। हालांकि एक भी दुकान देर शाम तक नहीं खुली। पुलिस के भारी दबाव में स्थानीय लोग घर से निकलने में कतराते रहे। जहां कहीं भी भीड़ इक्ठ्ठा होने की सूचना मिलती, पुलिस उन्हें लाठी भटकार कर अंदर कर देगी। दूसरी तरफ इस एरिया में तनाव से कोसों दूर बच्चे गलियों में खेलते नजर आए। क्रिकेट के दीवानों के लिए कफ्र्यू और तनाव का कोई मतलब नजर नहीं आया।

सैटेलाइट से बाइपास

सैटेलाइट बस अड्डे पर सुबह से ही हालात सामान्य बने हुए थे। यहां से वाहनों की आवाजाही सामान्य थी। दोपहर में यहां पर कुछ लोग उपद्रव करते नजर आए तो राउंड पर निकले आईजी ने पुलिस बल के साथ सभी लोगों को खदेड़ भगाया। पुलिस की कार्रवाई में एक युवक अपनी बाइक छोड़कर भाग गया। हालांकि पुलिस के जाते ही खुर्रम गोटिया के मुहाने पर देर रात तक स्थानीय लोग जमा थे। यहां स्थिति रह रह कर तनावपूर्ण हो जा रही थी। वहां से गुजर रहे कई लोगों को स्थानीय लोगों ने बिना किसी के बात पर पिटना शुरू कर दिया। कई लोगों की बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इस चौकी से श्यामतगंज जाने वाली सड़क पर दिनभर दहशत का माहौल था।