लोगों ने अपने-अपने घरों में फातिहाख्वानी के बाद फल व मिठाइयां बांटीं। लोगों ने दरगाह पर जाकर गुलपोशी और चादरपोशी भी की। इस मौके पर मौलाना मोहम्मद आकिल रजवी, कारी अब्दुर्रहमान खां कादरी, मुफ्ती कफील, मुफ्ती अय्यूब खां ने नबी-ए-करीम की शान बयान की। जुलूस-ए- मुहम्मदी कोहाड़ापीर से अंजुमन खुद्दामे रसूल के तत्वावधान में दरगाह-ए-आला हजरत के सज्जादानशीन सुब्हानी मियां की कयादत में निकला। जूलूस-ए-मुहम्मदी में चलने वाली अंजुमनों पर अन्य समुदाय के लोगों ने भी पुष्पवर्षा की। जुलूस की व्यवस्था में टीटीएस के ओहदेरानों का विशेष योगदान रहा। इसमें नासिर कुरैशी, परवेज खां, ताहिर अल्वी, राशिद अली खां प्रमुख रहे।
130 अंजुमनें शामिल हुईं
जूलूस-ए-मुहम्मदी में 130 अंजुमन शामिल हुईं। इन सभी अंजुमन के सदस्यों ने अलग-अलग रंगों में ड्रेसअप किया था। किसी ने गुलाबी पगड़ी बांधी थी तो किसी ने हरी। कुछ अंजुमनों ने अरबी लिबास पहना था, जो कि जूलूस में आकर्षण का केंद्र बना रहा। इन अंजुमनों के छोटे बच्चे भी अरबी लिबास में ही नजर आए। जुलुस में शामिल हुई गल्र्स ने परियों की पोशाक पहन रखी थी। हर अंजुमन से पहले नात बजाते हुए डीजे चल रहे थे। उसके पीछे अंजुमन के सदस्य नाचते हुए चल रहे थे। कुछ लोग अंजुमनों पर फूलों और इत्र की बारिश कर रहे थे।
सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम
जूलूस की शुरुआत कोहाड़ापीर से हुई। इसके बाद यह जुलूस बानखाना, कुतुबखाना, कोतवाली, नावल्टी चौराहा, बिहारीपुर ढाल से होता हुआ दरगाह-ए-आला हजरत पर खत्म हुआ। जूलूस-ए-मोहम्मदी के बीच में भी तमाम अंजुमनें जूलूस में जुड़ती चली गईं.जहां से भी जुलूस निकल रहा था, वहां चारों ओर भारी संख्या में फोर्स भी मौजूद रही। जूलूस में सुरक्षा के लिए पुलिस-प्रशासन के अधिकारी पूरे समय मुस्तैद रहे। वहीं जूलूस क वजह से सुबह से ही शहर रूट डायवर्जन किया गया था। शहर में अय्यूब खां चौराहा, कोहाड़ापीर, किला, चौपुला चौराहा और शहामत गंज से आगे टू व्हीलर और फोर व्हीलर्स की इंट्री बंद की गई थी।
युवाओं में दिखा जुनून
अंजुमनों में बुजुर्ग और बच्चों की बजाय युवाओं की संख्या ज्यादा रही। डिफरेंट स्टाइल में सजे युवाओं का जुनून देखते ही बन रहा था। जश्न मनाते युवाओं ने बाइक्स को डेकोरेट करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी थी। किसी ने बाइक को गेंदे के फूल से सजाया था तो किसी ने गुलाब से। युवाओं ने ही अपने हाथों में लाइट स्टिक्स पकड़ रखी थीं। इतना ही नहीं उनकी टोपियों पर भी लाइटिंग एस्सेसरी चमक रही थीं। किसी की पगड़ी की कलगी अलग से चमक रही थी तो किसी के गागल्स उसे सेंटर आफ अट्रैक्शन बना रहे थे। युवाओं ने सोणा आया सज गईं गलियां बाजार, सरकार की आमद मरहबा आका की आमद मरहबापर जमकर खुशियां मनाईं।