जेल में बंदियों की अचानक हो रही मौत के चलते योगा की शुरुआत
मच्छरों और स्वाइन फ्लू से बचने के भी किए जा रहे उपाय
<जेल में बंदियों की अचानक हो रही मौत के चलते योगा की शुरुआत
मच्छरों और स्वाइन फ्लू से बचने के भी किए जा रहे उपाय
BAREILLY:
BAREILLY: जेल में बंदियों की लगातार हो रही मौत के बाद आखिरकार जेल प्रशासन जाग ही गया। स्वाइन फ्लू का खतरा पहले से ही मंडरा रहा है और गर्मी शुरू होते ही मच्छरों का भी आतंक शुरू हो गया है। इसी के चलते जेल प्रशासन ने बंदियों की हेल्थ को ध्यान में रखते हुए एक साथ तीन प्रयास शुरू किए हैं। आइए बताते हैं कि जेल के करीब तीन हजार बंदियों की हेल्थ पर क्या-क्या मंडरा रहे हैं खतरे और इनसे बचने के क्या किए जा रहे हैं प्रयास --------
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मच्छरों ने मचाया उत्पात
अभी गर्मी ने सही से दस्तक भी नहीं दी है, लेकिन मच्छरों ने अपना आतंक मचाना शुरू कर दिया है। डिस्ट्रिक्ट जेल में बंदियों पर भी मच्छरों का आतंक शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में मच्छरों का प्रकोप और बढ़ना है। जेल में बंदियों को न तो मच्छरदानी उपलब्ध करायी जा सकती है और न ही मास्कि्वटो क्वाइल जलायी जा सकती। सिर्फ दवा का ही छिड़काव मच्छरों से बचा सकता है। यही वजह है कि जेल प्रशासन ने बंदियों की हेल्थ को ध्यान में रखते हुए नगर निगम को जेल में मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग कराने के लिए लेटर लिखा है। जेल प्रशासन ने डीएम और सीएमओ को भी इसकी कापी भेजी है।
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स्वाइन फ्लू के लिए ज्वरांकुश जड़ी बूटी
स्वाइन फ्लू का हर ओर प्रकोप फैला हुआ है। सभी के मन में स्वाइन फ्लू की दहशत है। डिस्ट्रिक्ट जेल में भी बंदी कोर्ट में पेशी के दौरान बाहर निकलकर फिर अंदर आते हैं। ऐसे में, बंदियों को भी स्वाइन फ्लू होने का खतरा बना रहता है। यदि एक भी बंदी को स्वाइन फ्लू हो गया तो जेल में इसके फैलने की संभावना है। जेल में स्वाइन फ्लू न हो इसके लिए सभी बंदियों को ज्वारंकुश जड़ी बूटी मिलाकर चाय पिलायी जा रही है। यह जड़ी बूटी जेल में पैदा होती है। करीब एक बीघा में इसकी खेती हो रही है। ज्वारकुंश जड़ी बूटी एंटी बायोटिक और एंटी वायरल है।
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योग से रोग दूर
पिछले एक सप्ताह में करीब तीन बंदियों की अचानक मौत हो गई। टयूजडे को हुई बंदी सज्जाद की मौत भी हार्टअटैक से हुई। इसका मतलब साफ है कि बंदियों की सेहत काफी खराब हो रही है। अचानक हो रही मौतों पर लगाम कसने के लिए जेल प्रशासन ने वेडनसडे से ही जेल की सभी बैरकों में योगा और पीटी की शुरुआत करा दी है। इसके लिए सुबह साढ़े 7 से साढ़े 8 बजे का टाइम रखा गया है। सभी बैरकों में योगा सिखाने की जिम्मेदारी बंदियों को ही दी गई है। ये वो बंदी हैं, जिन्होंने जेल में पहले से चल रहे योगा के प्रोग्राम में इसकी ट्रेनिंग ली थी। इसके अलावा पीटी जेल में मौजूद ट्रेनर द्वारा करायी जाएगी।
जेल में अचानक हो रही मौतों के चलते बंदियों की हेल्थ का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मच्छरों और स्वाइन फ्लू रोकने के इंतजाम किए जा रहे हैं। योगा की भी शुरुआत कर दी गई है।
आरके मिश्रा, डिस्ट्रिक्ट जेल सुपरिंटेंडेंट