पुलिस को कहे अपशब्द

समर्थक रामवृक्ष यादव के नेतृत्व में बारादरी थाने के वनखंडीनाथ मंदिर के सामने रामलीला ग्राउंड में सभा करने जा रहे थे। शासन-प्रशासन के आदेश के चलते करीब 1:15 बजे बारादरी पुलिस ने मौके पर जाकर सभा न करने के लिए कहा। पुलिस कुछ लोगों को पूछताछ के लिए थाने ले गई। करीब 1:45 बजे थाने के अंदर 6 गाडिय़ों की फिल्मी स्टाइल में इंट्री हुई। सभी गाडिय़ों में समर्थक भरे थे। उनके पास लाठी-डंडे थे। समर्थक प्रभारी व पुलिसकर्मियों को अपशब्द कहने लगे। जैसे ही प्रभारी अपने रूम से निकले, समर्थकों ने उनके साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। पुलिस ने विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की। मारपीट में एसआई कौम सिंह के अलावा अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। समर्थकों को आक्रामक रुख देखकर पुलिस ने घेराबंदी की और हल्का बल प्रयोग कर सभी को अरेस्ट कर लिया। थाना में गुंडागर्दी करने वाले समर्थक गाडिय़ों में पोस्टर लगाकर घूम रहे हैं। इन पोस्टर पर बाबा की मौत को अफवाह बताया जा रहा है। इसके अलावा आजाद हिंद सरकार की ब्रिटिश इंडिया से टक्कर दिखायी जा रही है। सभी एमपी से दिल्ली 1 अक्टूबर को कूच करेंगे।

इन्हें किया गया अरेस्ट

पुलिस ने जिन समर्थकों को अरेस्ट किया है, उनकी पहचान गोरखपुर से प्रेमचंद्र सिंह, गाजीपुर से रामवृक्ष यादव, झांसी से महिपाल सिंह, बदायूं से सूबेदार, रामवीर, चरन यादव,  बरेली से महेश भदौरिया, शाही से भागीरथ व विजय कुमार व दीनानाथ गंगवार, पीलीभीत से विजयपाल प्रजापति, कन्नौज से कंचन सिंह, अखिलेश, प्रेम नारायण राठौर, कैलाश, लखीमपुर से छोटेलाल, छंगालाल व लालता प्रसाद, बुलंदशहर से रामवीर सोलंकी, रमेश चंद्रसेन, सीतापुर से रामलखन वर्मा तथा बहराइच से राकेश  हैं। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 307, 323, 332, 353, 186, 188 व 7 क्रिमिनल लॉ एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

सबके अलग-अलग तर्क

रामवृक्ष यादव व जय गुरुदेव के समर्थक बाबा को सुभाष चंद्र बोस बताते हैं और उनके जिंदा होने की बात कहते हैं। वे उनकी मौत को अफवाह करार दे रहे हैं.  समर्थक स्वाभिमान भारत विधिक सत्याग्रह के तहत जगह-जगह सभाएं कर रहे हैं। इसके लिए सभी जगह परमीशन भी मांगी है। वहीं दूसरे पक्ष की तरफ से बरेली मंडल अधिकृत जय गुरुदेव प्रचारक संस्था, मथुरा के पर्यवेक्षक व संस्था के मैनेजिंग कमेटी के मेंबर आनंद बहादुर सक्सेना ने इस संबंध में डीएम से शिकायत की थी। उनका कहना है कि बाबा गुरुदेव की 18 मई 2012 को मौत हो चुकी है, जिसमें सीएम भी शामिल हुए थे। उन्हें जिंदा बताने वाले गलत हैं और भ्रम पैदा कर रहे हैं। यही नहीं सभाओं में जाकर चंदा भी वसूल रहे हैं। इस मामले में शासन की तरफ से भी सभाएं करने पर रोक लगी हुई है।

सभा को रोकने का प्रयास किया गया था। अचानक कई समर्थक थाने के बाहर पुलिस पर हमलावर हो गए। 23 लोगों कोविभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज अरेस्ट कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

असित श्रीवास्तव, सीओ थर्ड