सूनी रहीं classes

 थर्स को बीसीबी की क्लासेज में खास रौनक नहीं दिखी। हमेशा गुलजार रहने वाले जीसीआर में भी आज दो-एक गल्र्स ही दिखीं। पर हां, जीसीआर की इस खामोशी का फायदा संभावित प्रत्याशियों ने जरूर उठाया। उन्होंने यहां हैंड रिटेन पोस्टर्स चिपका दिए। ताकि गल्र्स की भीड़ में उन्हें यह न करना पड़े।

Tea stalls पर 'चौपाल'

संभावित प्रत्याशियों क ो उनके समर्थक उन्हें प्रबल दावेदार बताकर हौसला अफजाई कर रहे हैं। कैंपस के आस-पास के टी स्टॉल्स पर भी इलेक्शन का मुद्दा पूरी तरह गर्म है। स्टूडेंट्स चाय की चुस्कियों के साथ कैंडीडेट्स का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रहे हैं और उन्हें तमाम कसौटियों पर कसने के बाद टिकट का दावेदार भी बता रहे हैं। कुछ लोग तो अभी से जीतने वाले कैंडिडेट्स की घोषणा भी कर चुके हैं।

ABVP और सछास में दिखा जोश

थर्सडे को एबीवीपी और सछास कैंपस में काफी एक्टिव दिखीं। दोनों ही पार्टी के संभावित प्रत्याशी अपनी-अपनी रणनीति बनाते नजर आए। संभावनाओं पर अच्छी-खासी चर्चा हुई। कैंपस में ईयर 2003 से स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शंस स्टार्ट होने के बाद इन दोनों छात्र गुटों की परफॉर्मेंस काफी अच्छी रही है। दोनों ही यूनियंस से तीन-चार प्रत्याशी प्रत्येक पद के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं और सीधे आमने-सामने हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि बाजी कौन मारता है।

DSW से की demand

आरयू में समाजवादी छात्र सभा के स्टूडेंट्स ने इलेक्शन ऑफिसर प्रो। नीलिमा गुप्ता से मिलकर प्रोफेशनल कोर्सेज के स्टूडेंट्स के लिए मैक्सिमम एज लिमिट बढ़ाने की डिमांड की, वहीं उन्होंने यह भी कहा कि जिन प्रत्याशियों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमे लंबित हैं, उन्हें भी इलेक्शन लडऩे की परमीशन दी जाए।

वहीं युवांश के सुनील यादव ने प्रो। नीलिमा गुप्ता से डिमांड की है कि आरयू कैं पस में इलेक्शन के दौरान आउटसाइडर्स की एंट्री पर बैन लगाया जाए। मांगें सुनने के बाद  प्रो। नीलिमा गुप्ता ने कहा कि इन मांगों पर विचार किया जाएगा। जो भी नियमानुसार सही होगा वह ही किया जाएगा। उनके नोटिस देने के बाद थर्सडे को कॉलेज में पोस्टर्स, बैनर आदि भी रिमूव करवा दिए गए। इसकी फोटोग्राफी भी करवाई गई है।

बैनर-पोस्टर का विरोध

6 नवंबर को होने वाले छात्र संघ चुनाव से पहले बैनर-पोस्टर लगाने को लेकर बरेली कॉलेज के छात्र प्रतिनिधि इमरान अंसारी ने नराजगी जाहिर की। इमरान ने आरयू के कुलपति, एडमिनिस्ट्रेशन को ज्ञापन सौंपते हुए लिंगदोह के खुलेआम हो रहे उल्लंघन पर रोक लगाने की बात कही।

नामांकन से मानी जाएगी आयु सीमा की अवधि

बीसीबी के प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह ने बताया कि अब तक कैंडीडेट्स की आयुसीमा के लिए एक जुलाई की डेट      डिसाइड की गई थी। पर आरयू से निर्देश मिलने पर इसे लिंगदोह के नियमों के मुताबिक कंसीडर किया जाएगा। अब कैंडीडेट्स की आयुसीमा नामांकन की डेट तक मानी जाएगी। ग्रेजुएशन के स्टूडेंटस के लिए आयुसीमा 17-22, पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए 24-25 और पीएचडी कैंडीडेट्स के लिए अधिकतम 28 साल तय है।