'झमाझम' हुआ मौसम
लगातार दो दिन से हो रही बारिश का बरेलियंस ने मजा लिया पर थोड़ी परेशानी भी जरूर हुई। ट्यूजडे को कुछ सरकारी दफ्तरों में अधिकारी देर से पहुंचे तो कहीं कंज्यूमर्स की संख्या काफी कम रही। दरअसल यह दक्षिण-पश्चिम से आने वाले मानसून के पलायन का समय है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक दो दिन से शहर पर घिरे बादल वेडनसडे की दोपहर तक अलविदा कह सकते हैं। आसमान साफ होने के साथ ही मौसम भी पूरी तरह से खुलने के आसार नजर आ रहे हैं।
हस्त नक्षत्र में होती है अच्छी बारिश
ज्योतिषाचार्य सुशील पाठक ने बताया कि हस्त नक्षत्र को बरसात वाला नक्षत्र भी कहते हैं। मंडे क ो हस्त नक्षत्र में ही जमकर बारिश हुई। इसके साथ ही मान्यता यह भी है कि भाद्रपद के हस्त नक्षत्र की बारिश के बाद बरसात का मौसम खत्म हो जाता है। इसके साथ ही सर्दी के मौसम की शुरुआत भी हो जाती है।
930 एमएम हुई बरसात
मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, मानूसन सीजन के चार महीनों में होने वाली सामान्य वर्षा 1240 एमएम होती है। पर इस बार जून व जुलाई में बरसात न होने से यह बारिश केवल 930 एमएम ही हुई है। हालांकि, अगस्त व सितंबर में सामान्य से अधिक वर्षा होने से बारिश सामान्य से थोड़ी ही कम रही है।
कई एरियाज में भरा पानी
मंडे सुबह से हो रही बारिश में कई इलाकों में जलभराव हो गया। सुभाषनगर की पुलिया और पटेल नगर में अच्छा-खासा पानी भर गया। इससे कुछ समय के लिए इन इलाकों के रेजीडेंट्स को घरों से बाहर निकलने में भी प्रॉब्लम हुई. बूंदा-बांदी पूरे दिन जारी रही। दोपहर बाद सिटी में आसमान साफ हुआ तो शाम को मार्केट में भी अच्छी-खासी भीड़ नजर आई।
बारिश ने गिराई 'बिजली', घंटों रही गुल
मंडे रात आई तेज आंधी और बारिश ने पूरे शहर को अंधेरे में धकेल दिया। आधी रात में गई बिजली ट्यूजडे शाम करीब 3 बजे आई। कई एरियाज में बिजली के तारों पर पेड़ और टहनियां टूटकर गिर गईं थीं। वहीं कई जगह ट्रांसफार्मर, फीडर और डीओ में खराबी आ गई। इससे करीब 15 घंटे तक सप्लाई बाधित रही। हालांकि सप्लाई रात तक कंटीन्यू नहीं हो सकी। बार-बार आने-जाने का सिलसिला लगा रहा।
दोहना से सप्लाई ठप
मंडे रात अचानक हुई तेज बारिश की वजह से दोहना पावर हाउस से होने वाली बिजली सप्लाई ठप हो गई। दरअसल कई जगह फॉल्ट आ गया था। सिविल लाइन 66 केवी लाइन से जुड़े ट्रांसफार्मर, डीओ और फीडर में भी खराबी बनी रही। दिन भर इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के कर्मचारी जगह-जगह टूटे वायर्स और खराब ट्रांसफार्मर्स को ठीक करते रहे।
वायर पर गिरा पेड़
आंधी की वजह से कई जगह पेड़ टूटकर गिर गए। इसका सीधा असर बिजली के तारों पर पड़ा। सैटेलाइट-शाहजहांपुर रोड पर एलटी लाइन टूट गई। वहीं पास ही में जाट रेजिमेंट की बाउंड्री वॉल पर पेड़ गिर गया। इससे वॉल के साथ-साथ बिजली सप्लाई का वायर भी टूट गया। नावेल्टी चौराहे के पास 11 केवी का वायर और बरेली क्लब के पास एलटी वायर टूटने से बिजली चली गई। सिविल लाइन, गांधी उद्यान, सुभाष नगर सहित कई एरियाज में पेड़ व टहनियां वायर पर गिर गईं।
बारिश की वजह से बाधित बिजली सप्लाई को सही करने में समय लग गया। फिलहाल टूटकर गिरे वायर्स को जोड़ कर बिजली सप्लाई की जा रही है। जर्जर हो चुके वायर्स को जल्द ही हटा दिया जाएगा।
-वीके शर्मा, चीफ इंजीनियर, इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट
Campus रहा सूना
बारिश की वजह से रुहेलखंड और बरेली कॉलेज समेत दूसरे कॉलेजों में ट्यूजडे की पढ़ाई ठप रही। आरयू में हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स ही क्लास अटेंड करने आए। वहीं बीसीबी की सभी क्लासेज सूनी रहीं। टीचर्स भी करीब-करीब एब्सेंट ही रहे। बारिश ने पीजी में एडमिशन के लिए कंडक्ट हो रही काउंसलिंग को भी इफेक्ट किया। वहीं ऑफिसेज में फॉर्म और फीस भरने वाले स्टूडेंट्स कम ही दिखाई पड़े।
देर से शुरू हुई
बीसीबी के एमए और एमकॉम कोर्सेज में एडमिशन के लिए 15 सितम्बर से काउंसलिंग कंडक्ट की जा रही है। ट्यूजडे को एमए सैन्य अध्ययन, सोशियोलॉजी, पॉलिटिकल साइंस, फाइन आट्र्स, संस्कृत, इकोनॉमिक्स, जियोलॉजी और हिंदी के लिए काउंसलिंग होनी थी। लेकिन काउंसलिंग के लिए कुछ ही स्टूडेंट्स पहुंचे। इसके चलते काउंसलिंग काफी देर से स्टार्ट हुई और कुछ ही देर बाद बंद कर दी गई। वेडनसडे को भी इन्हीं कोर्सेज की काउंसलिंग दोबारा कराई जाएगी।
Classes में नहीं दिखे बच्चे
आरयू और बीसीबी के अधिकांश क्लासेज सूनी रहीं। कुछ स्टूडेंट्स ही कैंपस में पहुंचे थे। वहीं टीचर्स की उपस्थिति भी न के बराबर रही। आमतौर पर ऑफिस में फीस, फॉर्म जमा करने और डॉक्यूमेंट्स लेने की भारी संख्या में स्टूडेंट्स की भीड़ रहती थी.लेकिन बारिश से सन्नाटा पसरा रहा। जीसीआर में गल्र्स गायब रहीं। स्कॉलरशिप और इम्प्रूवमेंट फॉर्म जमा करने वाले कुछ स्टूडेंट्स जरूर दिखाई दिए।