-जंक्शन और सिटी स्टेशन में एक साल से बेकाम खड़े हैं आइसोलेशन कोचेज
-कोरोना पॉजिटिव पेशेंट्स की प्रॉपर आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं होने से भी बढ़ रहा है स्प्रेड
बरेली। कोरोना के कहर से जिला कराह है। पॉजिटिव पेशेंट्स की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है। इन पेंशेंट्स के आइसोलेशन से लेकर ट्रीटमेंट तक में संसाधनों का टोटासाफ नजर आ रहा है। इसी का नतीजा है कि अधिकतर पेशेंट्स की हालत में सुधार होने के बदले लगातार गिरावट आ रही है। मरीजों की ऐसी हालत के पीछे सिस्टम की लापरवाही भी एक बड़ा कारण है। कोरोना पेशेंट के आइसोलेशन से लेकर कांटेक्ट ट्रेसिंग के मैनेजमेंट में सिस्टम पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। इसी नाकामी का नतीजा है कि जिले में कोरोना का स्प्रेड तेजी से फैल रहा है और अब इसकी ट्रेसिंग भी पॉसिबल नहीं हो पा रही है। कोरोना पॉजिटिव पेशेंट के आइसोलेशन के लिए रेलवे ने ट्रेन के कोचेज को ही आइसोलेशन कोचेज में तब्दील कर स्टेशन पर खड़ा भी करवा दिया और इसकी जानकारी भी जिला प्रशासन को दे दी। जरूरत होने पर इन कोचेज में पेशेंट्स को आइसोलेट कर जहां उन्हें खतरे से बचाया जा सकता था वहीं इन पेशेंट्स से दूसरों तक इंफेक्शन पहुंचने के खतरे को भी रोका जा सकता। इसको लेकर सिस्टम बेपरवाह बना रहा और यह कोचेज स्टेशन पर सफेद हाथी बने खड़े के खड़े हैं।
अव्यवस्था ने ही बिगाड़े हालात
कोरोना पेशेंट्स की संख्या बढ़ने के साथ ही इनकी हालत बिगड़ने के पीछे इनके पॉजिटिव होने के बाद आइसोलेशन में बरती गई लापरवाही ही मुख्य कारण है। होम आइसोलेट पेशेंट्स की हालत बिगड़ने के बाद परिजन उन्हें भर्ती कराने के लिए शहर के हॉस्पिटल दर हॉस्पिटल चक्कर काट रहे हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन की कमी बताकर दुत्कार मिलने के बाद परिजन अपने पेशेंट की उखड़ती सांसो को बचाने के लिए सरकारी हॉस्पिटल की ओर भागते हैं, पर यहां के हालात देखकर पेशेंट तो छोड़ो उनका ही दिल बैठने लगता है। ऐसी ही अव्यवस्था से हर दिन कई लोग अपने परिजन को खो रहे हैं। सिस्टम की इस नाकामी ने उन्हें कभी न भूलने वाला दर्द दिया और लगातार दे ही रहा है।
कासगंज तक खड़े हैं कोच
कोरोना सुनामी से बचने के लिए रेलवे ने जो तैयारी की थी, उसका फायदा नहीं उठाया जा सका। कोरोना पॉजिटिव पेशेंट्स को आइसोलेट करने के लिए एनईआर इज्जतनगर मंडल ने बरेली से कासगंज तक आइसोलेशन कोच वाली ट्रेन खड़ी की हैं। इनमें 12 कोचेज वाली एक ट्रेन सिटी स्टेशन, 15 कोचेज वाली ट्रेन फतेहगंज में और 12 कोचेज वाली ट्रेन कासंगज स्टेशन में खड़ी करवाई है। इसके अलावा 18 कोचेज की एक ट्रेन कासंगज में रिजर्व में खड़ी की है। यह ट्रेनें बीते मई से ही खड़ी हैं और इनकी जानकारी भी जिला प्रशासन को दी गई है। जरूरत होने पर जिला प्रशासन इन कोचेज का इस्तेमाल कर सकता है, पर उसने अभी तक इनके इस्तेमाल की जरूरत नहीं समझी है।
एक साल से खड़े हैं आइसोलेशन कोच
कोरोना को हराने के लिए एनआर ने भी आइसोलेशन कोच तैयार किए और इन्हें जंक्शन के छह नंबर प्लेटफार्म पर खड़ा भी करवा दिया। यह कोचेज यहां बीते मई से ही खड़े हो गए। रेलवे इन कोचेज को जिला प्रशासन के हैंडओवर भी कर दिया। जिला प्रशासन ने इनका इस्तेमाल बीते साल भी नहीं किया और इस साल भी अभी तक इनके इस्तेमाल की जरूरत नहीं समझी है। इस साल कोरोना का प्रचंड प्रकोप देखकर ही रेलवे इन कोचेज की मैंटिनेंस भी करवा दी थी। इन कोचेज में लाइटिंग और पंखों के लिए इनकी बैटरी को भी चार्ज करवा दिया था। इसके अलावा सभी कोचेज में धुलाई और सफाई भी करवा दी थी। जिला प्रशासन को भी इसकी जानकारी दे गई थी, पर जिला प्रशासन को कोरोना पेशेंट्स के आइसोलेशन के लिए इन कोचेज की जरूरत नहीं पड़ी है।
कोरोना पेशेंट्स के आइसोलेशन के लिए ही जंक्शन पर आइसोलेशन कोच बीते मई से ही तैयार खड़े हैं। यह कोचेज जिला प्रशासन को हैंडओवर भी कर दिए गए हैं। इनका इस्तेमाल और इनमें मेडिकल स्टाफ तैनात करना उन्हीं का काम है।
सत्यवीर सिंह, स्टेशन अधीक्षक जंक्शन
एनईआर ने बरेली सिटी, फतेहगंज और कासगंज में आइसोलेशन कोचेज खड़े करवाए हैं। जरूरत होने पर लोकल प्रशसान इनका इस्तेमाल कर सकता है, पर अभी तक इनको इस्तेमाल में नहीं लिया गया है।
राजेन्द्र सिंह, पीआरओ इज्जनगर मंडल