बरेली (ब्यूरो)। उच्च अधिकारियों के पास आए दिन रिश्वत मांगने और अवैध वसूली करने की शिकायतें आती रहती हैं, वहीं एंटी करप्शन थाने में बीते वर्ष मात्र में भ्रष्टाचार के मात्र दो मामले पंजीकृत किए गए। इन में एक मामला शाहजहांपुर और दूसरा बरेली जिले का था। वर्ष 2023 में भी अब तक एक मामला सामने आया है, जिस में एंटी करप्शन टीम ने बहेड़ी में एक जेई को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। एंटी करप्शन डिपार्टमेंट के आंकडों पर गौर करें तो लगता है जैसे डिस्ट्रिक्ट तो क्या मंडल से ही भ्रष्टाचार लगभग समाप्त हो गया। वहीं क्षेत्रीय लोगों द्वारा आए दिन की जाने वाली कंप्लेंट्स इस तरह की कंप्लेंट्स इस पर क्वेश्चन मार्क लगाती हैं। इसे एंटी करप्शन यूनिट की लापरवाही कहें या फिर सरकारी विभागों के कर्मचारियों ने रिश्वत लेना बंद कर दिया। हकीकत जो भी हो, लेकिन आंकड़ों के अनुसार ऐसा लगता है मानो मंडल में भ्रष्टाचार काफी कम हो गया है। वास्तविकता पर नजर डालें तो तस्वीर इस से अलग नजर आती है। समाधान दिवसों के अलावा उच्च अधिकारियों के पास भी आए दिन पुलिस, राजस्व, बिजली सहित सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों पर रिश्वत मांगने के आरोप लगते रहते हैं। इन में से कुछ ही मामलों की जांच की जाती है, लेकिन जांच के आगे कोई कार्रवाई नहीं नजर आती।

चार जिलों का एक थाना
बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं जनपदों का मात्र एक एंटीकरप्शन थाना है, जो बरेली में स्थित है। मंडल के किसी भी जनपद में कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगता है तो पीडि़त को शिकायत करने के लिए बरेली आना पड़ता है। क्योंकि जब तक थाने में लिखित शिकायत नहीं दी जाती है तब तक एंटी करप्शन टीम कार्रवाई नहीं करती है।

गोपनीय जांच के बाद करते हैं ट्रैप
एंटी करप्शन थाना प्रभारी डिप्टी एसपी सैयद मोहम्मद असगर ने बताया कि उनके पास यदि कोई लिखित में शिकायत करता है तो पहले गोपनीय ढंग से जांच की जाती है। यदि शिकायत झूठी पाई जाती है तो आगे कार्रवाई नहीं करते और यदि शिकायत सही पाई जाती है तो रिश्वत मांगने वाले को ट्रैप किया जाता है। रंगे हाथ रिश्वत लेते पकडऩे के बाद लोकल पुलिस थाने में आरोपित के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया जाता है। मामले की विवेचना एंटी करप्शन यूनिट ही करती है। भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में होती है।

2022 से अब तक के मामले
शाहजहांपुर में लेखपाल रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा
वर्ष 2022 में एक युवक ने शिकायत की थी कि सदर तहसील के एक लेखपाल ने जमीन से संबंधित एक कार्य करने के एवज में रिश्वत की मांग की है। कई बार अनुरोध के बाद भी लेखपाल ने कार्य नहीं किया। लगातार रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत की गोपनीय जांच की तो मामला सही पाया गया। इसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने ट्रैप करके लेखपाल को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया था।

दूसरे मामले में ही लेखपाल बना शिकार
वर्ष 2022 में एक युवक ने सदर तहसील के एक लेखपाल पर काम करने के बदले रिश्वत की मांग करने की कंप्लेंट की थी। जांच की गई तो मामला सही पाया गया। इसके बाद एंटी करप्शन टीम द्वारा पीडि़त को रुपये ले कर लेखपाल के पास भेजा गया। जैसे ही लेखपाल ने रिश्वत के रुपये हाथ में लिए टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया गया। रिश्वत में दिए गए नोटों को जांच के लिए विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया तो वे ही नोट पाए गए।

जेई रिश्वत लेते हुआ गिरफ्तार
वर्ष 2023 की शुरुआत में ही बहेड़ी का एक मामला सामने आया था। कस्बा निवासी व्यक्ति ने जेई से ट्रांसफॉर्मर बदलने को कहा तो आरोप था कि उस ने ट्रांसफार्मर बदलने के नाम पर एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी। शिकायत जांच में सही पाई जाने के बाद एंटी करप्शन टीम ने आरोपित जेई को ट्रैप कर रिश्वत लेते हुए दबोच लिया। आरोपित के खिलाफ लोकल पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी पंजीकृत कराई गई।

बोले अधिकारी
2022 से अब तक एंटी करप्शन थाने में जितनी भी शिकायते आईं, सभी की गोपनीय तरीके से जांच की गई। जांच में तीन मामले सही पाए गए। तीनों ही मामलों में एंटी करप्शन टीम ने ट्रेप कर दो लेखपाल और एक जेई को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।
सैय्यद मोहम्मद असगर, डिप्टी एसपी, एंटी करप्शन