बरेली (ब्यूरो)। अधिक प्रॉफिट का लालच आदमी को आज इस हद तक गिरा चुका है कि लोग अपनी जेबें भरने के लिए दूसरों की जिंदगी से खेलने में भी नहीं चूक रहे हैं। बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल्स में काउंटर्स में करीने से सजी चमचमाती लाल-हरी सब्जियां देखने में भले ही मन को लुभाती हों, लेकिन हकीकत यह है कि ये आपके जीवन के लिए मौत का सामान साबित हो सकती हैं। अगर आप भी ऐसी सब्जियों की ओर अटै्रक्ट होकर उन्हें खरीदते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि अधिक प्रॉफिट कमाने के चक्कर में कई मुनाफाखोर आपकी थाली में ग्रीन प्वाइजन परोस रहे हैं, जो आपके लिए भविष्य में काफी घातक सिद्ध हो सकता है।

हो सकती है कैंसर जैसी बीमारी
अक्सर हम ऐसे व्यक्ति को कैंसर से मरता देखते हैं, जिसने जीवन में कभी भी धूम्रपान अथवा मदिरा का सेवन नहीं किया। यह देख कर मन में स्वत: ही प्रश्न उठता है कि आखिर इसे कैंसर जैसी बीमारी कैसे हो सकती है। शोधों में पता चला है कि सब्जियों और फलों पर छिडक़ाव में प्रयोग किए जा रहे जहरीले कीटनाशक इसका कारण हैं।

ऑक्सीटोसिन का लगा रहे इंजेक्शन
सब्जी कारोबारी वजन बढ़ाने और अधिक पैसा कमाने के लालच में प्रतिबंधित ऑक्सीटॉसिन का इंजेक्शन लगा कर सब्जी को रातों रात बड़ा और वजनी बना देते हैं। इससे इनका वजन बढ़ जाता है। इसके अलावा दुकानदार भी परवल, तुरई, लौकी, ङ्क्षभडी आदि को ताजा बनाए रखने के लिए उन्हें रसायन युक्त पानी से धोते हैं। इससे सब्जी दिखने में अधिक ताजा और हरी-भरी दिखाई देती है। सिंघाड़ों की खेती के लिए भी खतरनाक रसायन व दवाएं पानी में डाली जाती हैं।

चमकदार दिखाई देती हैं सब्जियां
भिंडी, करेला, परवल, मटर व टमाटर आदि रंगों व रसायनों के प्रयोग से ही इतने अधिक चमकदार दिखाई देते हैं। फलों की बात करें तो अधिकांश कारोबारी उन्हें पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का प्रयोग करते हैं। इससे फल जल्दी तो पक जाता है, लेकिन स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है। टमाटर में जीएथ्री रसायन इस्तेमाल किया जाता है। वहीं अन्य सब्जियों को चमकदार बनाने के लिए मोम का उपयोग भी किया जाता है। वहीं सब्जियों को जल्द बेचने योग्य बनाने के लिए भी घातक रयायनों का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। हालत यह है कि जिन व्यक्तियों ने कभी धूम्रपान नहीं किया, वे कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। किडनी और लीवर फेल्योर के केस भी बढ़ रहे हैं।


शरीर को खोखला कर रहे रसायन
अधिकाधिक उत्पादन लेने की चाहत में किसान कई बार प्रतिबंधित व हानिकारक रसायनों का छिडक़ाव कर देते हैं। ऐसे में उत्पादन तो बढ़ जाता है लेकिन हानिकारक रसायन शरीर में चले जाते हैं। खाने के साथ शरीर में पहुंचे ये रसायन अंदर ही अंदर इंसान के शरीर को खोखला कर देते हैं और जब तक पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। चिकित्सक के पास जाने पर जांचों में पता चलता है कि उसे कैंसर हुआ है। हालांकि उपचार शुरू होता है, लेकिन देर हो चुकने के कारण पीडि़त के प्राण बच पाना मुश्किल हो जाता है।

ए से दूर करें कीटनाशकों का प्रभाव
सिटी के सबसे पहले अपने पसंदीदा फलों और सब्जियों को एक जगह इक_ा कर लें। फलों की मात्रानुसार ही बड़े कंटेनर में उन्हें डालकर उसमें पर्याप्त मात्रा में पानी डाल दें। अब एक बड़ा चम्मच सिरका डाल दें। अब कंटेनर को 15 मिनट के लिए छोड़ दें। कंटेनर से फलों को निकाल कर उन्हें अच्छी तरह से साफ पानी से धो लें।

चिकित्सकों की राय
बचने के लिए करें ये उपाय
सिटी के निजी चिकित्सक सौरभ गोयल कहते हैं कि बाजार में हर चीज में मिलावट है्। सब्जियों में यूज किया जा रहा केमिकल लीवर, आंतों ओर पाचन तंत्र के लिए बहुत घातक है। लंबे समय तक इन केमिकलयुक्त सब्जियों का सेवन कैंसर का कारण बन सकता है। इसके लिए बनाने से पहले सब्जियों को गर्म पानी से धो लें। उसके बाद अच्छी तरह उबालें। छिलका उतार कर ही उन्हें पकाएं। ऐसा करने से किसी हद तक बीमारी से बचा जा सकता है।

ऑर्गनिक सब्जियों का करें सेवन
निजी चिकित्सक दर्शन मेहरा कहते हैं कि इस तरह की सब्जियां खाने से इनमें यूज्ड केमिकल बॉडी में जमा हो जाते हैं। वे किसी भी तरह शरीर से पासआउट नहीं हो पाते। इससे हमारी सेल्स धीरे-धीरे डैमेज होने लगती हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने का सबसे सटीक उपाय है कि ऑर्गनिक सब्जियों का प्रयोग करें। घर में यदि जगह है तो बैटर है कि स्वयं ही इन्हें उगाएं।