सुरक्षा से कम मंजूर नहीं

फ्राइडे सुबह 11 बजे चौकी चौराहे पर नारी विश्वास भारती (एनवीबी) की महिला कार्यकर्ताओं ने मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं ने दिल्ली की सीएम शीला दीक्षित व दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने पुलिस व प्रशासन से मांग की कि जब तक नारी को सुरक्षा नहीं मिलेगी तब तक वो शांत नहीं बैठेंगी। प्रदर्शन में बरेली के सिपाही द्वारा नाबालिग से रेप के प्रयास का भी मुद्दा उठा और आरोपी की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की गई। प्रदर्शन की अगुआई बरेली शाखा की अध्यक्षा लाली यादव ने किया। साथ ही दिल्ली से लक्ष्मी व पीलीभीत की नीरज ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

CO को दी नसीहत

करीब आधे घंटे बाद सीओ सिटी राजकुमार अग्रवाल मौके पर पहुंचे और महिलाओं को समझाने का प्रयास किया। महिलाओं ने सीओ को ही नसीहत दी कि अगर उनके घर की महिलाओं के साथ ऐसी घटना हो तो वो क्या करें। सीओ ने महिलाओं को रेप के आरोपियों को कड़ी सजा देने की बात कही। इसी दौरान सिटी मजिस्ट्रेट शीलधर यादव भी मौके पर पहुंच गए। दोनों अधिकारियों द्वारा जाम से दूसरों को हो रही प्रॉब्लम के बारे में बताने पर महिलाओं ने चौराहे को खाली किया लेकिन पार्क में काफी देर प्रदर्शन जारी रहा। महिलाओं के प्रदर्शन के चलते करीब डेढ़ घंटे तक जाम लगा रहा।

 

कलेक्ट्रेट में सौंपा ज्ञापन

बरेली कॉलेज की गल्र्स स्टूडेंट्स ने भी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कलेक्ट्रेट में जाकर ज्ञापन सौंपा। गल्र्स स्टूडेंट्स बरेली कॉलेज से पैदल हाथों में तख्ती लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची। एक दिन पहले ही गल्र्स द्वारा मशाल जुलूस भी निकाला गया था।

लगा लम्बा जाम

एनवीबी के कार्यकर्ताओं में बच्चियां, युवतियां, महिलाएं व बुजुर्ग महिलाएं शामिल थीं। सभी ने मिलकर ह्यूमन चेन बनाकर चारों तरफ के ट्रैफिक को रोक दिया। देखते ही देखते चौराहे पर लंबा जाम लग गया। चौकी चौराहा नेशनल हाइवे होने के कारण चौकी चौराहे से लेकर बियावान कोठी तक ट्रकों व अन्य व्हीकल्स की लंबी लाइन लग गई। वहीं अय्यूब खां चौराहे की तरफ, बदायूं रोड व कचहरी की तरफ से आने वाला रास्ता भी पूरी तरह ब्लॉक हो गया। चौकी चौराहे पर पर मौजूद कोतवाली एसएसआई व महिला थाना एसओ ने महिलाओं को समझाकर शांत करने का प्रयास किया लेकिन वो नहंी मानीं।

अश्लील फिल्म पर फूटा गुस्सा

दूसरी तरफ फ्राइडे को करीब एक बजे दिल्ली रेप को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बीसीबी के अध्यक्ष जवाहर लाल के नेतृत्व में हिंद टॉकीज के बाहर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं की मांग थी कि रेप के मामलों में इजाफा अश्लीलता परोसने से होता है। हिंद टॉकिज में अश्लील फिल्म लगायी गई है तथा इसका पोस्टर भी काफी गंदा है। पहले तो कार्यकर्ताओं ने टॉकिज के बाहर मैनेजर का पुतला फूंका और पोस्टर उतारने की बात कही। जब काफी देर तक पोस्टर नहीं उतरा तो कार्यकर्ताओं ने टॉकिज के अंदर घुसने का प्रयास किया लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। उसके बाद एक कार्यकर्ता साइड से टैरिस पर चढ़ गया और टॉकिज में लगा पोस्टर फाड़ कर नीचे गिरा दिया। बाद में पोस्टर को आग लगाकर जला दिया गया।

सभी एसएचओ व एसओ को महिलाओं के साथ हो रही छेड़खानी व रेप की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। महिला पुलिसकर्मियों की एक्स्ट्रा ड्यूटी लगाई जाएगी। एंटी ऑब्सीन सेल पर भी महिलाएं अपनी कंप्लेन कर सकती हैं। इसके अलावा रेप के आरोपियों के खिलाफ एनएस के तहत कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।

-मुकुल गोयल, आईजी बरेली

सभी थानाध्यक्षों को मनचलों की सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं। मनचलों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा सभी पुलिसकर्मियों को रेप व छेड़खानी की घटनाएं रोकने के लिए प्रिवेंटिव एक्शन लेने के लिए कहा गया है।

-एल वी एंटनी देवकुमार, डीआईजी बरेली

काउंसलिंग से मिली जिंदगी जीने की राह

केस वन : फरीदपुर की रहने वाली सुनीता (नेम चेंज्ड) को उसके ससुर ने ही हवस का शिकार बना डाला। घटना डेढ़ साल पहले की है। उसने इस हादसे की जानकारी अपने पति को भी दी लेकिन उसने कुछ रिएक्ट नहीं किया। इसके बाद सुनीता विक्षिप्त सी रहने लगी। सुनीता को पुलिस महिला परामर्श केंद्र लाया गया। जहां काउंसलिंग के बाद उसे नया जीवन मिला।

केस टू : कटरा चांद खान की रहने वाली मैट्रिक की स्टूडेंट शहनाज (नेम चेंज्ड) के साथ उसके मोहल्ले के लड़के ईवटीजिंग करते थे। इससे परेशान शहनाज डिप्रेशन में रहने लगी। उसने पिता को सारी बात बताई और उन्होंने इसकी जानकारी महिला थाने में दी। आरोपियों पर कार्रवाई हुई। वहीं महिला थाने की काउंसलर की मदद से शहनाज रिलैक्स महसूस कर रही है।

यह सिर्फ सुनीता और शहनाज की कहानी नहीं है। शहर में ऐसी तमाम लड़कियां और महिलाएं हैं, जिनके साथ डोमेस्टिक वॉयलेंस, ईवटीजिंग और रेप जैसे हादसे होते हैं। वे इसकी वजह से डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं। पुलिस महिला परामर्श केंद्र ऐसी ही पीडि़तों के लिए नई उम्मीद से कम नहीं। यहां काउंसलर पीडि़त के अंदर जिंदगी जीने का जज्बा जगाते हैं।

केंद्र में चार काउंसलर

पुलिस महिला परामर्श केंद्र में फिलहाल चार काउंसलर हैं। ये चारों ही पीडि़तों को समझाने का पूरा प्रयास करते हैं। काउंसलर्स के अकॉर्डिंग, जब भी किसी महिला के साथ कुछ गलत होता है तो वह उस पल को भूल नहीं पाती। खुद पर बीती अनहोनी उसे बार-बार याद आती हैं। इससे कुछ भी करने में उसका मन नहीं लगता। धीरे-धीरे वह डिप्रेशन की तरफ बढऩे लगती है।

मिलता है mental relaxation

काउंसलर्स के अकॉर्डिंग, आरोपी के सामने पीडि़त को समझाने का प्रयास करते हैं। लिखित समझौता कराया जाता है। अगर आरोपी काउंसलिंग के दौरान बातों को नहीं मानता है तो एसएसपी के आदेश के बाद संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाती है। 156(3) धारा में कोर्ट में मामला जाता है। आरोपी पर कार्रवाई किए जाने से पीडि़त को मानसिक शांति मिलती है।

300 को मिली नई जिंदगी

सीनियर काउंसलर लुकमान रियासत ताहिर ने 300 से ज्यादा पीडि़तों को गम भुलाकर जिंदगी जीना सिखाया है। वह 8 साल से यही काम कर रहे हैं। आज वे लोग अपनी लाइफ को नए तरीके से जी रहे हैं।

परामर्श से जुड़े काउंसलर सबसे पहले दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास करते हैं। अगर आरोपी अपनी हरकतों में बदलाव नहीं लाता है तो संबंधित थाने और कोर्ट की हेल्प ली जाती है।

-सुधा त्यागी, काउंसलर, पुलिस महिला परामर्श केंद्र

काउंसलिंग के माध्यम से पीडि़त को मेंटली रिलेक्स करने की कोशिश की जाती है। मेरे सामने ऐसे कई रेप केसेज आए, जिनमें काउंसलिंग के माध्यम पीडि़त को नॉर्मल किया गया.आज वह अपनी लाइफ अच्छी तरह से जी रहे हैं।  

-लुकमान रियासत ताहिर, पूर्व सीनियर काउंसलर, पुलिस महिला परामर्श केंद्र

लोगों को मानसिकता बदलनी होगी, तभी महिलाओं पर होने वाली हिंसा पर रोक लग सकेगी। महिला थाने में सबसे ज्यादा डोमेस्टिक वॉयलेंस के केस आते हैं। एक लड़की के साथ ईवटीजिंग का मामला आया है। आरोपी के खिलाफ चार्जशीट भेजी गई है।

-रजनी द्विवेदी, इंचार्ज महिला थाना