बरेली (ब्यूरो)। आयोडीन बॉडी की बेसिक नीड होती है। इसके रेगुलर इनटेक से बॉडी में होने वाली कई डेफिशिएंसी को दूर होती है। आयोडीन की कमी सिर्फ बॉडी को ही नहीं, बल्कि बॉडी के ओवरऑल डेवलेपमेंट के लिए बेहद जरूरी हैै। इसकी कमी से सबसे ज्यादा इफैक्ट माइंड पर पड़ता है। इसका जितना इंपैक्ट युवाओं पर पड़ता है, उससे ज्यादा बच्चों पर पड़ता है। आयोडीन की कमी बच्चे को मेंटली कमजोर कर देती है। इंटेलेक्चुअल डेवलेपमेंट डिसएबिीलिटी (आईडीडी) के अनुसार हर पांच में से एक परसन को आयोडीन डेफिशिएंसी का सामना करना पड़ता है।

क्या है आयोडीन
आयोडीन ह्यूमन बॉडी में माइक्रो-न्यूट्रीयंट एलीमेंट होता है। बॉडी के कुछ मोस्ट इंपॉर्टेंट फंक्शन्स आयोडीन डिपेंटेंट होते हैैं। आयोडीन बॉडी के हर अंग के लिए जरूरी है। यह एक पोषक तत्व है। सांस लेने, हार्ट की स्पीड से लेकर, बॉडी के वजन तक हर चीज में इसकी जरूरत होती है। आयोडीन की कमी से बॉडी में कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैैं।

होती हैं गंभीर बीमारियां
पूर्व आईएमए अध्यक्ष डॉ। विनोद पागरानी बताते हैं कि आयोडीन की कमी से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती हैैं। आयोडीन की कमी के कारण शरीर का आयोडीन स्तर कम हो जाता है और थायरॉयड ग्रंथि थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन करने में असमर्थ हो जाती है। इसकी वजह से आयोडीन की कमी से जुड़ी समस्याएं पैदा होती हैं। बॉडी में थॉयराइड गं्रथि बढऩे लगती है। वहीं थॉयराइड रिलेटिड बहुत परेशानियां होती है। इसकी कमी शरीर के मानसिक विकास पर बहुत प्रभाव डालता है। आयोडीन की कमी से इंसान मेंटली डिसबैलेंस हो सकता है। यह घेंघा, मिसकैरेज, शारीरिक विकास में रूकावट होना, स्टिलबर्थ का कारण आदि जैसी कई बीमारियां हो सकती हैैं।

हार्मोन के लिए जरूरी
हाई शिशु डेथ रेट: डब्लूएचओ के अनुसार आयोडीन प्रेग्नेंट लेडी और होने वाले बच्चे के थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए जरूरी होता है। ये हार्मोन भ्रूण के ग्रोथ और विकास को नियंत्रित करते हैं, इसलिए यदि आयोडीन की गंभीर कमी हो जाती है, तो गर्भ में पल रहे बच्चे के जीवित रहने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है। आयोडीन की कमी की वजह स्टिलबर्थ जैसी संभावना बन सकती है। इसके अलावा जन्म के बाद बच्चें के शारीरिक और मानसिक विकास में भी गहरा प्रभाव पड़ता है, जन्मजात असामान्यताएं भी पैदा हो सकती हैं।

ये होते हैं प्रभाव
गॉयटर: आयोडीन की कमी की वजह से थायराइड हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है, यह थायरॉयड ग्रंथि को नुकसान पहुंचाता है। इसकी वजह से गॉयटर गं्रथि फूलने लगती है और गले में सुजन होने लगता है। इसका टाइम पर इलाज न होने की वजह से गंभीर प्रभाव हो सकते हैैं।

हाइपोथायरायडिज्म: आयोडीन की कमी से हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जैसे ही बॉडी में आयोडीन का स्तर गिरता है, थायराइड हार्मोन का उत्पादन तेजी से बिगडऩे लगता है, जिसकी वजह से लंबे समय तक रहने वाली यह बीमारी हाइपोथायरायडिज्म का विकास होता है।

क्रेटेनिज्म: हाइपोथायरायडिज्म बायबर्थ हो सकता है। क्रेटेनिज्म जन्म के समय थायरायड ग्रंथि की गंभीर अंडरऐक्टिविटी से जुड़ा है। इसका असर प्रेग्नेंट लेडी और उसके बच्चे पर पड़ता है। क्रेटेनिज्म की वजह से बच्चे का विकास मंद हो जाता है, बच्चे के बॉडी फीचर्स असामान्य हो जाते हैं या बच्चे में कई तरह के डिफेक्ट्स भी हो सकते हैं।

मानसिक मंदता: आयोडीन की कमी की वजह से माइंड पर गहरा इंपैक्ट पड़ता है। इसकी वजह से बच्चों में मेंटल रिटार्डेशन की समस्या हो सकती है। मानसिक मंदता की वजह से माइंड में गंभीर बौद्धिक विकलांगता, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।


महिलाओं में आयोडीन की कमी की वजह से
गॉइटर
हाइपोथायरॉयडिज्म
हाइपोथायरायडिज्म से प्रेग्नेंसी रिलेटिड प्रॉब्लम
गर्भावस्था की समस्याएं जैसे गर्भपात, स्टिलबर्थ, बायबर्थ विसंगतियां
बड़े बच्चों में आयोडीन की कमी से हाइपोथायरॉयडिज़्म हो सकता है

प्रेग्नेंट लेडीज के लिए इंपॉटेंट
आयोडीन खाने में पाय जाने वाले मिनिरल है। यह प्रेग्नेंट विमेन के बच्चे सबसे इंर्पोटेंट न्युट्रीयंट होता है। आयोडीन बच्चे की ब्रेन, स्केलिटन और सेंट्रल नर्वस सिस्टम के डव्लेपमेंट में हेल्प करता है। अगर प्रेग्नेंट लेडीज को बैलेंस आधार में आयोडीन का सेवन करना चाहिए। डॉक्टर ने बताया कि कंसीव के दौरान 150 माइक्रोग्राम, गर्भावस्था में 220 माइक्रोग्राम, स्तनपान कराने वाली लेडीज को 290 ग्राम आयोडीन लेना चाहिए। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ के अनुसार प्रेगनेंट लेडीज को 1100 माइक्रोग्राम से ज्यादा आयोडीन नहीं लेना चाहिए।

रोज लेना चाहिए आयोडीन
सिटी की डॉक्टर भारती सरन ने बताया कि 18 साल से अधिक आयु के लोगों को हर दिन 150 एमसीजी आयोडीन लेना चाहिए। डब्लूएचओ के अनुसार प्रेग्नेंसी कनसीव करने में और स्तनपान कराने के लिए आयोडीन इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है। वहीं आयोडीन की भारी मात्रा भी हार्मफुल होती है।

ये फूड करते हैैं हेल्प
सीफूड
ब्राउन राइस
रोस्टेड आलू
डेयरी प्रोडक्ट्स
दूध
मुनक्का
दही
लहसुन


आयोडीन बॉडी के लिए बहुत ही जरूरी है। गले में थायराइड ग्रंथि हारमोन को रिलीज करता है। जो बॉडी, ब्रेन में एनर्जी प्रोवाइड करता है। आयोडीन का उत्पादन बॉडी में नहीं होता है। इसे संतुलित मात्रा में लेना चाहिए। आयोडीन की कमी हाइपोथायरायडिज्म और गॉयटर की समस्या पैदा करता है।
डॉ। पुलकित अग्रवाल, एमबीबीएस, डीएलओ, डीएनबी

हमें संतुलित मात्रा में आयोडीन लेना चाहिए। जो हमारी बॉडी की कई कमियों को दूर करता है। इसकी कमी हाइपोथायरायडिज्म और गॉयटर आदि जैसी समस्या पैदा हो सकती है। इस लिए आयोडीन हमें रोज लेना चाहिए।
डॉ। विनोद पागरानी, पूर्व आईएमए अध्यक्ष