स्पेशल रजिस्टर के जरिए एसएसपी करेंगे आईओ की निगरानी
जांच व बाकी वर्क रखने होंगे मेंटेन
BAREILLY: सिटी के करीब साढ़े तीन सौ आईओ को अपने बचपन के दिन याद आने वाले हैं। अपने चाइल्डहुड में जैसे उन्हें कॉपी में होमवर्क मेंटेन रखना पड़ता था और होमवर्क पूरा न होने पर टीचर से डांट भी खानी पड़ती थी। कुछ ऐसी ही सिचुएशन का सामना उन्हें फिर से करना होगा। दरअसल एसएसपी जे रविंद्र गौड ने एक ऐसा रजिस्टर तैयार करवाया है, जिसमें आईओ को केसेज की जांच व कार्रवाई से लेकर बाकी सारी वर्किंग की डिटेल मेंटेन करनी होगी। एसएसपी को सिर्फ रजिस्टर देखते ही आईओ के सारे काम का ब्यौरा मिल जाएगा। अगर आईओ ने लापरवाही बरती तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डिस्ट्रिक्ट के सभी आईओ की हर हरकत पर नजर रखने के लिए एसएसपी ने ये पहल की है। आए दिन एसएसपी के पास आईओ की शिकायतें आती हैं। यह रजिस्टर जल्द ही डिस्ट्रिक्ट के सभी आईओ को प्रोवाइड करा दिया जाएगा। इस रजिस्टर में आईओ को किस तरह से जांच करनी है उसका भी पूरा प्रोफार्मा उपलब्ध्ा होगा।
Loopholes का उठाते हैं फायदा
थानों में एक साथ कई केसेस की जांच चल रही होती है, लेकिन अक्सर देखने में आता है कि आईओ की वर्किंग और जांच का कोई प्रॉपर रिकॉर्ड मेंटेन नहीं होता है। आईओ के पास कितने केस की जांच का जिम्मा है, उसकी जांच कहां तक पहुंची, क्या उसने चार्जशीट लगाई, इसका डाटा कहीं नहीं होता है। थाना में मुंशी के पास तो जांच की कुछ जानकारी होती भी है पर इंस्पेक्टर, सीओ, एसपी व एसएसपी के पास आईओ की वर्किंग की कोई प्रॉपर जानकारी नहीं होती है। इन्हीं लूप होल्स का फायदा आईओ उठाते हैं।
आएगा पूरा चिट्ठा सामने
आए दिन एसएसपी के पास भी आईओ की शिकायतें आती रहती हैं। इसमें केस की ठीक से जांच न करने की कंप्लेन अमूमन आती है। वहीं कई केसेस में आईओ के पैसे की डिमांड करने और विपक्षी से पैसे लेकर गलत रिपोर्ट लगाने की शिकायते भी आम हो गई हैं। इन्हीं कंप्लेंट्स को ध्यान में रखते हुए एसएसपी ने रजिस्टर तैयार कराया है, जिसमें आईओ की पूरी वर्किंग व केस की जांच के बारे में सब कुछ मौजूद रहेगा। आईओ से जांच का रजिस्टर देखने के बाद केस का पूरा चिट्ठा सामने आ जाएगा। अगर किसी आईओ से केस ट्रांसफर होता है तो आईओ को दूसरे आईओ को पूरी डिटेल उपलब्ध करानी होगी। यह रजिस्टर इंस्पेक्टर व एसआई दोनों के द्वारा तैयार किया जाएगा।
700 से ज्यादा case pending
सोर्सेस के अनुसार पूरे डिस्ट्रिक्ट में करीब सात सौ केस पेंडिंग पड़े हुए हैं। इनमें साढ़े चार सौ केस सिटी के थानों के ही हैं। बारादरी में सीमा मर्डर केस, इज्जतनगर का फोटोग्राफर सुरेंद्र मर्डर केस, किला का ट्रिपल मर्डर केस, इज्जतनगर का गोकुल मर्डर, कैंट का अरविंद मर्डर केस समेत कई ऐसे केस हैं, जिनमें अभी तक पुलिस को सफलता हाथ नहीं लगी है। इसके अलावा लूट, चोरी व डकैती के कई मामले हैं, जो अब तक अनसुलझे हैं।
Register में proforma भी
सीओ थर्ड असित श्रीवास्तव ने ये रजिस्टर तैयार किया है। इस रजिस्टर की करीब चार सौ कॉपी जल्द ही प्रिंट कराई जाएंगी। सिटी के करीब साढ़े तीन सौ आईओ को ये रजिस्टर उपलब्ध करा दिया जाएगा। इस रजिस्टर में विवेचना के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसकी भी पूरी डिटेल दी हुई है। इसके अलावा उनके द्वारा कितनी एनसीआर में कार्रवाई की गई। उसके एरिया में कितने शस्त्र लाइसेंस हैं और कितने क्रिमिनल रहते हैं, उनका वैरीफिकेशन किया गया या नहीं, किस क्रिमिनल के खिलाफ कितनी कार्रवाई की गई व बाकी सभी वर्किंग डिटेल में लिखनी होगी।
आईओ के द्वारा जांच का सही रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। जांच में लापरवाही की भी शिकायतें आती हैं इसलिए आईओ पर नजर रखने के लिए स्पेशल रजिस्टर तैयार कराया गया है।
-जे रविंद्र गौड, एसएसपी बरेली