बरेली (ब्यूरो)। उत्तराखंड के सितारगंज निवासी नवाब वारसी उर्फ गुड्डू वारसी का फिटवेल टेलर गैंग यूपी ही नहीं, कई प्रदेशों की पुलिस के लिए लंबे समय से सिरदर्द बना हुआ है। यूपी, दिल्ली, हरियाणा व पंजाब में गैैंग के खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा केस दर्ज हैं। हैवी व्हीकल की चोरी करने वाले इस गैैंग का एक अनोखा कारनामा तब सामने आया, जब गैैंग के चार मेंबर्स को एसटीएफ ने सिटी से रंगे हाथ हैवी व्हीकल्स के साथ गिरफ्तार किया। उनके पास से चोरी के तीन ट्रक और फर्जी डॉक्यूमेंट्स बरामद हुए। पूछताछ में पकड़े गए गैैंग के मेंबर्स ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। गैंग सरगना गुड्डू वारसी अभी भी फरार है। एसटीएफ उसकी तलाश कर रही है।

आटीओ कर्मियों से साठगांठ
एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर हाफिजगंज थाना क्षेत्र के भट्टा तिराहा के पास से शराफत पुत्र मल्लू खां निवासी सहदौरा किच्छा, मुजाहिद पुत्र चाऊ खां निवासी मोहनपुर कैंट, शाकिर हुसैन पुत्र सहादत हुसैन निवासी पदारतपुर बिथरी चैनपुर और अंजुम पुत्र अजीजउद्दीन निवासी शाहबाद दीवान खाना प्रेमनगर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह उत्तराखंड के सितारगंज निवासी नवाब वारसी उर्फ गुड्डू वारसी उर्फ फिटवेल टेलर गैंग के सदस्य हैं। एसटीएफ के अनुसार, गैैंग के मेंबर्स पहले हैवी व्हीकल को चुराते थे फिर एक्सीडेंट में टोटल लॉस व्हीकल के नंबर प्लेट व चेचिस नंबर चुरा कर व्हीकल में खोदवा कर मणिपुर, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और नागालैैंड से एनओसी लेने के बाद यहां पर आरटीओ कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की मिलीभगत से ट्रक को रजिस्टर्ड कराकर वाहनों को मनमाने दाम पर दूसरों को बेच देते थे। कुछ व्हीकल्स को वे अपने पास रख लेते थे और फिर उसे कबाड़ी से कटवा कर रुपए वसूलते थे। इसके बाद उन ही व्हीकल्स के चोरी हो जाने की एफआईआर भी खुद दर्ज कराते थे। एफआईआर दर्ज कराने के बाद बीमा कंपनी से उसके रुपए भी वसूलते थे।

करोड़ों के ट्रक चोरी
आरोपितों ने बताया कि वे अब तक 100 से ज्यादा गाडिय़ों के फर्जी कागज बनवाकर उन्हें मोटी रकम में बेच चुके हैं। एसटीएफ के सीओ अब्दुल कादिर ने बताया कि फरार नवाब वारसी उर्फ गुड्डू वारसी निवासी सितारगंज उधमसिंह नगर इंटरस्टेट स्तर का शातिर वाहन चोर है। उसके खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जिसको एसटीएफ सहित अन्य प्रदेशों की पुलिस भी तलाश कर रही है। अब तक सुराग नहीं मिल पाया है, क्योंकि आरोपित लगातार फोन और फोन नंबर के साथ ही अपनी लोकेशन बदलता रहता है। क्लू मिलने पर जैसे ही शातिर चोर को पकडऩे पहुंचती है, इससे पहले ही आरोपित लोकेशन बदल देता है।