बरेली (ब्यूरो). सिटी में पिछले तीन माह में आधा दर्जन से ज्यादा आग की बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। जांच के दौरान पाया गया कि इनमें से कई संस्थानों के पास फायर डिपार्टमेंट की एनओसी ही नहीं है। जिनके पास फायर एनओसी थी, वहां फायर सेफ्टी नॉम्र्स के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। फायर डिपार्टमेंट की ओर से बिना फायर एनओसी वाले संस्थानों को सिर्फ नोटिस जारी कर खानापूर्ति कर ली गई है। इससे आगे की कार्रवाई करने से जिम्मेदार अफसर कतरा रहे हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं ऐसे संस्थानों का संचालन फायर डिपार्टमेंट की सह पर ही किया जा रहा है। क्योंकि लूथरा टावर में आग की घटना को करीब ढाई माह का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस ही जारी किया गया है।
केस-1
डीडीपुरम स्थित लूथरा टावर में 22 मार्च को शॉर्ट सर्किट की वहज से भीषण आग लग गई थी। टावर में न तो फायर सेफ्टी नॉम्र्स उपलब्ध थे और न ही फायर एनओसी थी। आग इतनी भीषण थी कि टावर की तीसरी मंजिल पर संचालित रुफयार्ड रेस्टोरेंट को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया था। जिससे रेस्टोरेंट में करीब 35 लोग फंस गए। सूचना पर पहुंची फायर बिग्रेड की टीम ने रस्सी के सहारे सभी लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद बचाया। घटना को करीब ढाई माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक फायर डिपार्टमेंट की ओर से टावर ओनर को सिर्फ नोटिस जारी किया गया। इससे आगे की कार्रवाई करने से विभागीय अधिकारी बचते नजर आ रहे हैं।
केस-2
अप्रैल माह में बिहारीपुर के मोहल्ला कुतुबख्वाजा स्थित टेंट के गोदाम में अचानक आग लग गई थी। फायर एनओसी तो छोडि़ए गोदाम में एक भी फायर सेफ्टी उपकरण तक मौजूद नहीं था। आग की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची तो घटनास्थल तक जाने तक का रास्ता नहीं था। फायरकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद पाइप जोडक़र 500 मीटर दूर से पानी ले जाकर आग पर काबू पाया। लेकिन फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने अभी तक टेंट स्वामी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
केस-3
प्रेमनगर थाना क्षेत्र में सीआई पार्क के पास 29 मई की सुबह साढ़े आठ बजे टायरों के गोदाम में शॉट सर्किट से आग लग गई थी। जिसमें लाखों के टायर व अन्य सामान जलकर राख हो गया था। एफएसओ संजीव कुमार यादव ने बताया था कि टायरों के गोदाम में न तो कोई फायर सेफ्टी का उपकरण मौजूद था और न ही उनके विभाग से फायर एनओसी ली गई थी। जल्द ही उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन दस दिन बीत चुके हैं अभी तो गोदाम संचालक को सिर्फ नोटिस ही जारी किया गया हैं।
फैक्ट एंड फिगर
22 मार्च को लूथरा टावर में लगी थी भीषण आग
35 लोगों की जाते-जाते बची थी जान
29 मई को टायरों के गोदाम में लगी थी आग
लूथरा टावर के ओनर ने कमियों को पूरा करने के लिए समय मांगा है। यदि वह समय रहते कमियों का पूरा नहीं करा पाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं टायरों के गोदाम स्वामी को नोटिस जारी कर दिया गया। जबाव न मिलने पर सीलबंदी की कार्रवाई की जाएगी।
चंद्रमोहन शर्मा, सीएफओ