- एक्साइज इंस्पेक्टर द्वारा खुद को गोली मारने के मामले में जांच शुरू

- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की सिस्टर इंचार्ज ने ही किया था कई बार फोन

BAREILLY: गोल्डन ग्रीन पार्क में एक्साइज इंस्पेक्टर के खुद को गोली मारने के मामले में क्08 एंबुलेंस पूरे दो घंटे बाद मौके पर पहुंची। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अगर इंस्पेक्टर गोली लगने के बाद जिंदा भी होते तो भी उन्हें बचाया नहीं जा सकता था, जबकि एंबुलेंस को खुद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की इंचार्ज सिस्टर रोजलीन ने कई बार फोन किया था। वहीं फ्राइडे को पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए सीधे पैतृक निवास स्थान पलिया कलां लेकर गए। मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन ज्यादातर लोग इसकी वजह ट्रांसफर ना होना ही बता रहे हैं। एसएसपी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

गोली चलने की आवाज आई

सिस्टर इंचार्ज ने बताया कि वह संदीप के घर के बगल वाले ही घर में रहती हैं। संदीप किसी से बात नहीं करते थे। हां, वह शराब पीने के आदी थे। क्योंकि एक-दो बार उन्होंने भी शराब की बोतल गेट के बाहर डालने से मना किया था। थर्सडे रात जब उन्होंने गोली की आवाज सुनी तो सबसे पहले उन्होंने समझा कि इंस्पेक्टर के घर में बदमाश घुसे हैं और किसी ने उन्हें गोली मार दी है। उन्होंने तुरंत पुलिस और क्08 एंबुलेंस को फोन किया। पुलिस तो समय पर पहुंच गई, लेकिन एंबुलेंस पूरे दो घंटे बाद मौके पर पहुंची।

सुसाइड की वजह

संदीप के रिश्तेदारों ने बताया कि संदीप तीन साल से ट्रांसफर चाहते थे, लेकिन ट्रांसफर नहीं हुआ। थर्सडे को भी कुछ ट्रांसफर हुए थे, जिसमें उसका नाम नहीं था। शायद इसी वजह से शराब के नशे में उसने खुद को गोली मार ली होगी। वहीं संदीप के पुराने मकान मालिक हृदय नारायण ने बताया कि वह डेढ़ साल से ट्रांसफर को लेकर ज्यादा परेशान था। वह अपने घर की ओर ही ट्रांसफर चाहता था। वह सस्पेंड भी हो चुका था।