Marriage proposal ठुकराने से भड़का था जितेंद्र

पड़ोसी होने के नाते जितेंद्र और रिंकी की फैमिलीज में काफी मेल-जोल हो गया था। इसी दौरान जितेंद्र रिंकी को पसंद करने लगा। रिंकी की बहन बबिता ने बताया कि जितेंद्र एकतरफा प्यार करता था। रिंकी अपनी सभी बहनों से सुंदर थी। वहीं जितेंद्र विकलांग है। जितेंद्र ने रिंकी से अपने प्यार का इजहार किया और शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन उसने इससे इंकार कर दिया। रिंकी की तीन बड़ी बहनों की शादी होनी बाकी है। रिंकी ने इस बारे में अपनी फैमिली को बताया तो उन्होंने भी जितेंद्र की बुरी आदतों की वजह से शादी से इंकार कर दिया। हालांकि जितेंद्र की फैमिली रिंकी से उसकी शादी करवाना चाहती थी।

पड़ोसी है आरोपी जितेंद्र

रिंकी अपने परिवार के साथ सनराइज इंक्लेव में रहती थी। परिवार में पिता मोहनलाल, मां विद्यावती, भाई आदर्श और सात बहनें हैं। उसके पिता बीसलपुर में जूनियर हाई स्कूल में प्रिंसिपल हैं। रिंकी इज्जत नगर स्थित विशाल कन्या डिग्री कॉलेज में बीए फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी। पड़ोस में जगतपाल उर्फ जीतू उर्फ जितेंद्र रहता है। उसके पिता का नाम प्यारेलाल है। प्यारेलाल बदायूं जिले के मूसाझाग थाना में सिपाही है। जितेंद्र का परिवार करीब पांच साल पहले कॉलोनी में आया था। जितेंद्र लखनऊ से बीटेक कर रहा था लेकिन फेल होने से पढ़ाई छूट चुकी है। जीतू के परिवार में मां शांति देवी और बहनें मीनाक्षी व सपना हैं।

पिता के साथ अंजाम दी वारदात

20 अगस्त की शाम जैसे ही उसे मौका मिला, वह अपने पिता के साथ रिंकी के घर आया। उसने रिंकी पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। उस वक्त रिंकी की बहनें घर के बाहर टहल रही थीं और उसका भाई आदर्श घर में सो रहा था। जैसे ही रिंकी ने जलने के बाद शोर मचाया तो आदर्श की नींद खुल गई और वह अपनी बहन को बचाने के लिए दौड़ा। बहन को बचाने में आदर्श के हाथ

भी जल गए। रिंकी की मां विद्यावती और भाई आदर्श ने जितेंद्र और प्यारेलाल को भागते हुए देख लिया। रिंकी को तुरंत

हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका।

दी जान से मारने की धमकी

हॉस्पिटल में रिंकी के परिजनों को धमकाने के लिए जितेंद्र के मामा व अन्य दो लोग पहुंचे। कोतवाली में तहरीर भी दी गई। रिंकी के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने सिर्फ जितेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और उसके पिता को बचा लिया।

पहले भी की थी कोशिश

बबिता ने बताया कि शादी से इंकार करने पर जितेंद्र नाराज हो गया था। डेढ़ महीने पहले वह उनके घर आया और जबरन शादी करने का दबाव बनाया। विरोध करने पर उसने रिंकी का गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की। किसी तरह परिजनों ने रिंकी को बचाया। तब से जितेंद्र और फैमिली का आना बंद हो गया। बात न फैले, इसलिए रिंकी की फैमिली ने पुलिस से शिकायत नहीं की थी।