बरेली (ब्यूरो)। सावन माह में कांवड़ यात्रा के चलते 40 फीसदी तक सप्लाई बंद हो गई है। जिससे सब्जी और फलों के दामों में उछाल आ गया है। लाख कोशिशों के बावजूद महंगाई से पार नहीं पा सके। इससे आम घरों की रसोई से लेकर अन्य जरूरत के सामानों के दाम तेजी से बढ़ गए हैं। ऐसे में आम आदमी के घर का बजट पूरी तरह डगमगा गया है।
10 से 30 रुपये तक आयाउछाल
बरसात की शुरूआत होते ही हर साल की तरह फल और सब्जियों की आम कम होने के चलते पहाड़ों से आने वाले फल व सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। इस कारण से जुलाई माह की शुरूआत में ही फल व सब्जियों के दाम 10 रुपए से लेकर 30 रुपए तक का इजाफा होना शुरू हो गया है। ऐसे में पहले से ही जारी इस इजाफे के बीच कांवड़ यात्रा ने दामों में ओर तेजी ला दी है। कांवड़ यात्रा के दौरान रुट बंद होने के चलते मंडियों में फल व सब्जियां काफी कम मात्रा में पहुंच पाती हैं। जिससे सब्जियों व फलों के दाम में उछाल आ गया है। जैसे-जैसे फल व सब्जी की शॉर्टेज बढ़ेगी दाम और बढ़ते जाएंगे।
सब्जियों का किया स्टॉक
कांवड़ यात्रा के दौरान फल व सब्जियों के दामों में 10 से 30 रुपए तक का उछाल आ गया है। हालांकि आढ़तियों ने कुछ सब्जियों का स्टॉक कर लिया है। इसमें आलू, प्याज, मटर जैसी सब्जियां शामिल हैं। ताकि लोकल सब्जियों से पूर्ति की जा सके।
सब्जी के रेट प्रति किलाग्राम
सब्जियां एक माह पूर्व रेट वर्तमान
तुरई 15 से 16 20 से 22
लौकी 12 से 13 18 से 20
करेला 14 से 15 18 से 20
टिंडा 10 से 12 15 से 18
हरा धनिया 70 से 80 200 से 250
भिंडी 12 से 15 30 से 35
बैंगन 12 से 14 18 से 20
टमाटर 15 से 16 18 से 20
गंगाफल 8 से 10 15 से 16
नींबू 50 से 60 80 से 100
फलों के रेट प्रति किलोग्राम
फल एक माह पूर्व रेट वर्तमान
सेब 180 से 200 220
अनार 100 से 120 140 से 150
आम 40 से 50 50 से 60
नासपाती 40 से 50 60 से 70
मौसमी 80 से 90 100 से 110
केला 40 से 50 60 से 70
वर्जन
सावन माह की शुरूआत होते ही सब्जियों व फलों के दाम बढऩा शुरू हो गए थे, जो लगातार बढ़ रहे हैं। सब्जियों वाले शॉर्टेज बताकर मनमाने रेट वसूल रहे हैं। जिससे रसोई का बजट गड़बड़ा गया है।
रानी, गृहिणी
बरसात के साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान लोकल मार्केट में सब्जियों व फलों के रेट बढ़ा दिए जाते हैं। जबकि सप्लाई लगातार चालू रहती है और मंडी में भी दाम अधिक नहीं हैं।
साधना, गृहिणी
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कांवड़ यात्रा के दौरान फल-सब्जी की आवाजाही बंद नहीं होती है। लेकिन, कम जरूर हो जाती है। इसके अलावा ट्रकों व अन्य वाहनों को लंबी दूरी से घूमकर आना पड़ता है, जिसके कारण माल भाड़ा भी बढ़ जाता है, जिससे सब्जी व फलों के दामों में वृद्धि हो जाती है।
सलीम खान, आढ़ती डेलापीर