-300 बेडेड कोविड हॉस्पिटल में घंटों मासूम के साथ पड़ी रही बेसहारा
दूसरे बच्चे और पति की चिंता में भर्ती होने को नहीं हुई राजी
बरेली।
वह गरीब थी, बेसहारा थी, असहाय थी, अंजान शहर में उसका अपना कोई नहीं था तभी तो उसका दर्द, उसका मर्ज दूसरों से कमतर आंका गया। कोरोना पॉजिटिव जैसा गंभीर मर्ज होने के बाद भी उसे आफत मानते हुए थोड़ा खर्च देकर 300 बेडेडे कोविड हॉस्पिटल से यूं ही रुख्सत कर दिया। मासूम के साथ सरकारी कोविड हॉस्पिटल के वार्ड के बाहर घंटों जमीन पर पड़ी रही उस असहाय की लाचारी के सामने सरकारी तंत्र ने खुद उससे भी अधिक लाचार होने का परिचय दिया। यह बात अलग रही कि हॉस्पिटल स्टाफ ने उस महिला को भर्ती होने के लिए समझाया, पर वह अपने दूसरे बच्चे और पति की चिंता में भर्ती होने को राजी नहीं हुई।
पॉजिटिव होने पर भेजा कोविड हॉस्पिटल
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में हुई जांच में कोरोना पॉजिटिव निकलने पर एक महिला और उसके बच्चे को सरकारी एंबुलेंस लेकर कोविड हॉस्पिटल पहुंची। महिला के साथ कोई उसका अपना नहीं होने से उसे भर्ती करने में यहां का स्टाफ भी पशोपेश में पड़ गया। भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से महिला अपने बच्चे के साथ यहां कोविड वार्ड गेट के बाहर सुबह 11.43 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक जमीन पर ही पड़ी रही।
भर्ती होने को मनाता रहा स्टाफ
भर्ती होने से मना करने के बाद भी महिला को हॉस्पिटल स्टाफ भर्ती होने के लिए मनाता रहा, पर वह राजी नहीं हुई। महिला का कहना था कि उसका दूसर बच्चा और पति न जाने कहां हैं, इसलिए वह उसे उसके घर पहुंचा दे। भर्ती होने का दबाव बनाने पर महिला बच्चे को गोद में लेकर यहां से बाहर निकल गई।
प्राइवेट बस ड्राइवर आया था साथ
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से महिला के साथ एक युवक भी आया था। युवक ने बताया कि वह प्राइवेट बस ड्राइवर है। रात में वह रोडवेज पर था तभी यह महिला इंक्वायरी काउंटर के पास ही चीखने लगी। जब लोग उसके पास पहुंचे तो वह बेहोश पड़ी थी। तब रोडवेज के ही इंचार्ज ने सरकारी एंबुलेंस के साथ ही पुलिस को भी कॉल की। इसके बाद महिला को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचाया गया। महिला के साथ कोई नहीं होने से पुलिस और रोडवेज इंचार्ज ने उसे ही महिला की मदद के लिए साथ भेज दिया। सुबह जांच में जब वह पॉजिटिव आई तो वह एंबुलेंस से उसके साथ यहां पहुंचा। ड्राइवर युवक हॉस्पिटल में अपना नाम अली और अपना मोबाइल नंबर भी दर्ज कराया।
पुलिस भी नहीं कर सकी मदद
असहाय महिला के लिए पुलिस भी मददगार साबित नहीं हुई। मंडे नाइट महिला की सूचना पुलिस को भी दी गई थी। यही वजह रही कि महिला जब कोविड हॉस्पिटल पहुंची तो उसकी जानकारी को पुलिस भी यहां पहुंच गई। कोविड हॉस्पिटल स्टाफ और पुलिस की मौजूदगी के बाद भी उस कोरोना पॉजिटिव महिला यहां से एक ई-रिक्शा में यूं ही जाने दिया गया।