आईनेक्स्ट के हेल्थ चेकअप कैंप में हुई सैंकड़ों बच्चों की जांच
बच्चों में दिखी डेंटल केयरिज, कैल्शियम की कमी व पुअर हायजीन
BAREILLY: नन्हे मुन्नों की सेहत का सच परखने को आई नेक्स्ट की ओर से शहर में हेल्थ चेकअप कैंप ऑर्गनाइज किया गया। सैटरडे को शहर के पांच रिनाउंड स्कूलों में हुए इस हेल्थ चेकअप कैंप
'हेल्थ मीटर' में ख्भ्00 से ज्यादा बच्चों की ब् कटेगरी में सेहत जांची गई। जिसमें सिटी के एक्सपर्ट डॉक्टर्स ने अपनी स्पेशल टीम के साथ बच्चों की हेल्थ की बारीकी से जांच की, जबकि गंगाचरण हॉस्पिटल के पैरामेडिकल टीम ने इसे सफल बनाने में साथ निभाया। टाइटल पार्टनर तनिष्क के सहयोग से की गई इस मुहिम को स्कूल्स ही नहीं बल्कि डॉक्टर्स ने बेहद सराहा। डॉक्टर्स ने बच्चों के हेल्थ रिपोर्ट कार्ड के जरिए पेरेंट्स को अवेयर किया, जिससे अपने जीनियस की सेहत के लिए वे लापरवाह न रहे।
खराब हायजीन सेहत पर भारी
शहर के पांच स्कूलों में लगाए गए हेल्थ मीटर चेकअप कैंप में फ् से क्ख् साल के बच्चों की जांच की गई। जांच में बेसिक हायजिन, आई चेकअप, डेंटल चेकअप और ग्रोथ रेट की कटेगरी शामिल की गई। चेकअप कैंप में निकले रिजल्ट्स में बच्चों में पुअर हायजीन की खामी सबसे ज्यादा कॉमन रही। डॉक्टर्स ने कई बच्चों के नाखून, कान, नाक व बालों में गंदगी पाई। इसके अलावा बच्चों की ग्रोथ रेट को लेकर भी असमानता दिखी। कई बच्चे जहां अपनी उम्र के मुताबिक ओवरवेट व मोटे पाए गए, तो वहीं कुछ बच्चों में हाइट-एज के मुकाबले कम वजन देखा गया।
डेंटल केयरीज से परेशान बच्चे
चेकअप कैंप के दौरान हेल्थ मीटर ने बच्चों में डेंटल केयरीज और ओरल हायजीन की समस्या भी सबसे ज्यादा दिखाई। चेकअप कैंप के दौरान डॉक्टर्स ने बच्चों के दांत टेढ़े मेढ़े देखें। वहीं ज्यादातर बच्चों में ब्रशिंग की सही आदत न होने से कैविटीज व दांतों की सड़न व उनमें कीड़े भी देखे। इस दौरान डॉक्टर्स ने पाया कि बच्चों में रात को सोने से पहले ब्रश न करने की आदत भी है। इसके अलावा हेल्थ मीटर ने कई बच्चों में कैल्शियम की कमी और हड्डियों की कमजोरी को भी पकड़ा।
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सेक्रेड हार्ट्स जूनियर विंग
सेक्रेड हार्ट्स स्कूल में सुबह 9 बजे से शुरू हुए हेल्थ मीटर में डॉ। सोमेश मेहरोत्रा व डॉ। अनूप आर्या ने बच्चों की जांच की। यहां फ् से 8 साल के बच्चों का चेकअप किया। चेकअप में 80 परसेंट बच्चों में डेंटल केयरीज पाई गई। बच्चों में पुअर हायजीन देखी गई। कुछ बच्चों के दांत खोखले व टेढ़े मेढ़े देखे गए। इसके अलावा बच्चों में कैल्शियम की कमी सबसे ज्यादा पाई गई। कई बच्चों की हड्डियां जांच में कमजोर पाई गई। वहीं भ् फीसदी बच्चों में मोटापा देखा गया। जबकि कई बच्चों का वजन सामान्य से भ्0 फीसदी कम पाया गया।
बच्चों के लिए हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन करना आई नेक्स्ट की काफी अच्छी पहल है। इस तरह की एक्टिविटी समय-समय पर होते रहनी चाहिए। इस तरह के प्रयास से बच्चों में जो हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्लम्स है वह सामने आ सकेगी।
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निर्भय सिंह बेनीवाल, एकेडमिक डायरेक्टर, सेक्रेड हार्ट्स
मैक्सिमम बच्चों में कैल्शियम की कमी पायी गई। जिसकी वजह से बच्चों में स्किन, वेट और हाईट जैसी समस्या देखने को मिली। बच्चों को कैल्शियम का सप्लीमेंट दे। साथ ही बच्चों को पौष्टिक आहार देने के साथ ही समय-समय पर चेकअप कराते रहे।
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डॉ। सोमेश मेहरोत्रा, फिजिशियन
ख्0 परसेंट बच्चों को छोड़कर बाकी सभी बच्चें ओरल प्रॉब्लम्स से परेशान थे। उनके दांतों का इलाज कराने के बजाय कई पेरेंट्स ने लापरवाही दिखाई। बच्चों की हायजीन भी खराब रही। आईनेक्स्ट की यह पहल आगे भी जारी रहनी चाहिए।
डॉ। अनूप आर्या, डेंटिस्ट
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विद्या भवन पब्लिक स्कूल
विद्या भवन में सुबह 9.फ्0 बजे से हेल्थ चेकअप कैंप शुरू किया गया था। जिसमें डॉ। दीपेश गुप्ता व डॉ। राजीव गोयल समेत अन्य पैरामेडिकल स्टाफ ने शिरकत की। यहां फ् से क्0 साल के बच्चों की जांच की गई। जिसमें कई बच्चों में एनिमिया के लक्षण दिखे। डेंटल केयरीज की समस्या यहां भी कई बच्चों में पाई गई। वहीं ज्यादातर बच्चों की हायजीन पुअर ही रही। कुछ बच्चों के चेहरे पर सफेद निशान भी देखे गए, जो उनकी खुराक में विटामिन्स व आयरन की कमी की ओर इशारा कर रहा था।
मैं आई नेक्स्ट के 'हेल्थ मीटर' मुहिम को एक जिम्मेदार कदम के तौर पर देखता हूं। इसके साथ ही हम आई नेक्स्ट को धन्यवाद करना चाहेंगे क्योंकि शहर के कई फेमस स्पेशलिस्ट डाक्टर्स की सेवाएं बच्चों को एक ही प्लेटफार्म पर मिल पायी।
- अनुरोध चित्रा, प्रिंसिपल, विद्या भवन पब्लिक स्कूल
हेल्थ चेकअप में कई बच्चों में वायरल का असर दिख रहा है। बच्चों में डेंटल केयरीज की भी प्रॉब्लम पाई गई। इसके अलावा बच्चे एनिमिक भी निकले। इसका मेन रीजन बच्चों का हेल्दी डायट न लेना है। ऐसे बच्चों को ग्रीन वेजेटेबल्स खिलाने की सलाह दी गई है।
- डॉ। दीपेश गुप्ता, चाइल्ड स्पेशलिस्ट
पेरेंट्स बच्चों की खाने की आदत पर खास ध्यान दें। जंकफूड बच्चों की सेहत के लिए खराब है। बच्चों की डाइट हेल्दी रखे। रात को सोने से पहले उन्हें ब्रश कराएं। हायजीन और सफाई पर पेरेंट्स खास ध्यान दें। खाने में विटामिन-आयरन वाली खुराक दें।
- डॉ। राजीव गोयल, फिजिशियन
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एसआर इंटरनेशनल
सुबह 9.फ्0 बजे से एसआर इंटरनेशनल स्कूल में हेल्थ मीटर ने बच्चों की सेहत जांचनी शुरू की। हेल्थ मीटर ने बच्चों में दो बड़ी परेशानी पकड़ी। जांच में क्ख् साल तक फ्भ् से ब्0 फीसदी बच्चों के दांत टेढ़े मेढ़े पाए गए। वहीं ख्भ् फीसदी से ज्यादा बच्चों में डेंटल केयरीज की प्रॉब्लम रही। इसके अलावा गर्ल्स स्टूडेंट्स में कैल्शियम व विटामिन की कमी देखी गई। हालांकि यहां के बच्चों में हायजीन अच्छी देखी गई। लेकिन ख्0 फीसदी बच्चे मोटापे के शिकार पाए गए। जो फिजिकल एक्टिविटी न होने की निशानी है।
आई नेक्स्ट का प्रयास सराहनीय है। बच्चों की अच्छी हेल्थ के लिए चेकअप जरुरी है। इस तरह के प्रोग्राम समय-समय पर होते रहने चाहिए। पेरेंट्स को भी बच्चों की सेहत का ध्यान रखना चाहिए।
- डॉ। आर के शर्मा, डाइरेक्टर एसआर इंटरनेशनल
चेकअप में कई बच्चे ओवर वेट मिले। इसकी वजह बच्चों का फास्ट फूड ज्यादा खाना है। यही नहीं प्रॉपर एक्सरसाइज ना करना भी इसकी वजह है। गर्ल्स में कैल्शियम की कमी देखी गई। हालांकि बच्चों में हायजीन का लेवल ठीक रहा।
डॉ अरशद, पीडियाट्रिशियन
आई नेक्स्ट का यह बहुत अच्छा इनीशियेटिव है। हेल्थ चेकअप के रिजल्ट्स पर पेरेंट्स बहुत ज्यादा उदासीन रहते हैं। ऐसा न करें, हेल्थ रिपोर्ट कार्ड को गंभीरता से ले और अपने नजदीकी डॉक्टर से कंसल्ट करें।
डॉ। राहुल वोहरा, डेंटिस्ट
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बेदी इंटरनेशनल स्कूल
बेदी इंटरनेशनल स्कूल में सुबह क्0 बजे से हेल्थ चेकअप की शुरुआत हुई। यहां डॉ। अतुल श्रीवास्तव ने बच्चों की जांच की। चेकअप में डेंटल केयरीज की दिक्कत यहां भी बच्चों में सबसे ज्यादा रही। इसके बाद बच्चों की खुराक में न्यूट्रिशियन न होना दूसरी बड़ी कमी देखी गई। बच्चे ग्रोथ रेट में कमजोर पाए गए। वहीं कई बच्चों की ओरल हायजीन भी खराब देखी गई। डॉक्टर्स ने बच्चों की सेहत में इन खामियों के लिए पेरेंट्स की लापरवाही को बड़ी वजह बताया। जांच में ख्भ् फीसदी बच्चे औसत के मुकाबले कम वजन के पाए गए। इसके अलावा वह नॉमर्ल पैरामीटर्स से कमजोर देखे गए।
इस तरह की एक्टिविटी से बच्चों के हेल्थ के बारे में पता तो चलता ही साथ ही पैरेंट्स भी अवेयर होते हैं। उन्हें पता चलता है कि बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए क्या-क्या करने की जरूरत है। आई नेक्स्ट की यह पहल काफी अच्छी है।
- जेके साहनी, डायरेक्टर, बेदी इंटरनेशनल स्कूल
पूरी जिम्मेदारी पैरेंट्स की है। अधिकांश बच्चे डेंटल केयरीज से पीडि़त हैं। पैरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों में दो टाइम ब्रशिंग की आदत डालें। वीक में एक बार वे बच्चों के हाइजीन पर ध्यान दें। न्यूट्रिशन भरपूर दें। नहीं तो आने वाले दिनों में बच्चे कमजोर हो सकते हैं।
- डॉ। अतुल श्रीवास्तव, फिजिशियन
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बीबीएल स्कूल
सुबह 9 बजे से बीबीएल स्कूल में हेल्थ चेकअप शुारू हुआ। यहां डॉ। जेके भाटिया व डॉ। धर्मेन्द्रनाथ ने बच्चों की सेहत को परखा। चेकअप में यहां भी मोटे तौर पर बच्चों में पुअर हायजीन देखी गई। इसके अलावा डेंटल केयरीज की समस्या से यहां के बच्चे भी परेशान दिखे। बच्चों में न्यूट्रिशियन की कमी देखी गई। करीब ख्0 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से कम रहा, जबकि क्भ् परसेंट बच्चे ओवरवेट व मोटापे के शिकार दिखे। इसके अलावा ग्रोथ रेट में क्0 फीसदी बच्चों की हाइट सामान्य से कम देखी गई। जबकि ब्0-भ्0 फीसदी बच्चों में कैल्शियम की पाई गई।
आई नेक्स्ट ने एक बहुत ही अच्छी पहल की है। बच्चों की सेहत और उनके चेकअप के लिए ऐसी मुहिम बार बार होती रहनी चाहिए। बच्चों को हेल्दी बनाए रखने के लिए यह एक बेहद अच्छा कदम है।
- दीपक अग्रवाल, प्रिंसिपल, बीबीएल
हेल्थ चेकअप में बच्चों में पुअर हायजीन दिखी। पेरेंट्स बच्चों को सफाई की आदत डलवाएं। स्कूल व घर में समय समय पर बच्चों की बेसिक व ओरल हायजीन चेक करते रहे। बच्चों की डाइट में न्यूट्रिशंस को शामिल करें।
- डॉ। जेके भाटिया, फिजिशियन
बच्चों का हायजीन लेवल ठीक रहा। पेरेंट्स किसी भी डॉक्टर को दिखाएं पर हेल्थ रिपोर्ट कार्ड पर लिखी जरूरी जांच जरूर करवाएं। इसमें कतई लापरवाही न बरते। बच्चों की ओरल हायजीन व खुराक पर खास ध्यान दें।
- डॉ। धर्मेन्द्र नाथ, पीडियाट्रिशियन